उत्तर कोरिया का 2017 में किया गया परमाणु परीक्षण, हिरोशिमा पर 17 बार बम गिराने जैसा था: इसरो


एजेंसी


नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 2017 में उत्तरी कोरिया द्वारा किए गए परमाणु परीक्षण पर एक अध्ययन किया है। वैज्ञानिकों ने इस अध्ययन में पाया कि उत्तरी कोरिया द्वारा किया गया परमाणु परीक्षण 1945 में जापानी शहर हिरोशिमा पर गिराए गए बम से 17 गुना अधिक शक्तिशाली था। इस अध्ययन का नेतृत्व अहमदाबाद में इसरो के स्पेस एप्लीकेशंस सेंटर के वैज्ञानिक केएम श्रीजीत ने किया था। उन्होंने कहा- उत्तर कोरिया 2003 में परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) से बाहर आ गया था। इसके बाद उसने कई परमाणु हथियार विकसित किए और पांच अंडरग्राउंड परमाणु परीक्षण किए। इसी दौरान उसने 3 सितंबर 2017 को हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था। इन वैज्ञानिकों में स्पेस एप्लीकेशंस सेंटर के जियोसाइंस लगाए गए नेटवर्क से की जाती है। डिवीजन के रितेश अग्रवाल और एएस हालांकि, कोरियाई परीक्षण स्थल के राजावत शामिल थे। उन्होंने अपने निकट भूकंपीय डाटा उपलब्ध नहीं हैं। अध्ययन में उपग्रह डाटा का इस्तेमाल इससे वहां होने वाले परमाणु विस्फोट और किया। यह अध्ययन जियोफिजिकल इसकी भयावहता को लेकर कुछ भी स्पष्ट जर्नल इंटरनेशनल में प्रकाशित हुआ है। नहीं था। अध्ययन के प्रमुख लेखक इसमें वैज्ञानिकों ने उल्लेख किया कि श्रीजित ने कहा, 'उपग्रह आधारित रडार पारंपरिक तौर पर परमाणु परीक्षण की पृथ्वी की सतह में हुए परिवर्तन को मापने पहचान भूकंपों की तीव्रता मापने के लिए के लिए उपयुक्त उपकरण हैं।


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