महज 26 साल की उम्र में कर दिया अभूतपूर्व कारनामा

महज 26 साल की उम्र में कर दिया अभूतपूर्व कारनामा क्रांतिकारी भगवतीचरण वोहरा की याद मे कल्पना पांडे, ले खिका भगत सिंह के महत्वपूर्ण साथी भगवतीचरण वोहरा का जन्म 4 नवंबर , 1903 को लाहौर में हुआ था , जो अब पाकिस्तान में है। वे एक गुजराती ब्राह्मण थे। उनके पिता पंडित शिवचरण वोहरा रेलवे में एक उच्च पदस्थ अधिकारी थे। उन्हें अंग्रेजों द्वारा ' रायसाहब ' की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था। चूंकि उस समय टाइपराइटर नहीं था , इसलिए भगवती चरण के दादाजी आगरा को जीवन निर्वाह के लिए लिखते (किताबत) थे। उनके पूर्वज गुजरात से आगरा और आगरा से लाहौर चले गए। उपनाम वोहरा (संस्कृत मूल: व्यूह) का अर्थ उर्दू में व्यापारी भी है। माना जाता है कि भगवतीचरण के परिवार ने अपना अंतिम नाम खो दिया था क्योंकि उन्होंने लाहौर के मुस्लिम-बहुल इलाके में ब्राह्मण के रूप में अपनी नौकरी छोड़ दी थी। भगवती चरण के दादाजी के बारे में एक मजेदार कहानी है। उस समय वह एक रुपया प्रतिदिन कमाते थे , और एक रुपया कमाने के बा