देश की प्रतिभाओं का राष्ट्र के विकास में उपयोग किया जाना चाहिए: राज्यपाल कलराज मिश्र


जयपुर। इस बात से कोई इंकार नहीं है कि भारत में प्रतिभा की कहीं कमी नहीं है। हमारा देश विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अर्थशास्त्र, साहित्य जैसे क्षेत्रों के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। राजस्थान के राज्यपाल, श्री कलराज मिश्र ने आज यह बात कही। वे आज जयपुर में शुरू हुई दो दिवसीय वेस्ट जोन वाइस चांसलर्स मीट के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे। ऑल इंडिया यूनिवर्सिटीज (एआईयू) द्वारा इसका आयोजन किया जा रहा है और आईआईएस (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), जयपुर द्वारा इसकी मेजबानी की जा रही है। 'इंटरनेशनलाइजेशन ऑफ हायर एजुकेशन एंड ग्लोबल रैंकिंग्स विषय पर आयोजित इस मीट में विभिन्न केंद्रीय, राज्य, निजी एवं डीम्ड यूनिवर्सिटीज के 80 से अधिक वाइस चांसलर्स भाग ले रहे राज्यपाल ने सभी कॉलेजों, यूनिवर्सिटीज एवं तकनीकी संस्थानों से आग्रह किया कि वे गंभीरता से यह सुनिश्चित करने का प्रयास करें कि हमारे देश की प्रतिभा का विदेशों में पलायन ना हो और देश की प्रगति में तेजी लाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। राज्यपाल ने आगे कहा कि उच्च शिक्षा में इनोवेशन लाने की आवश्यकता है। इनोवेशन को सुनिश्चित करने के लिए इंफास्ट्रक्चर एवं सुविधाएं विकसित करना इस दिशा में पहला कदम होगा। दो दिवसीय इस मीट के दौरान किए जाने वाले विचार-विमर्श देश में उच्च शिक्षा क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों के समाधान में मील का पत्थर साबित होंगे। इस मीट से उच्च शिक्षा में इनोवेशन को आगे बढ़ाने के लिए ना सिर्फ शिक्षाविदों को, बल्कि सरकार एवं समाज को भी राह मिलेगी। राज्यपाल ने कहा कि देश में बेरोजगारी के उन्मूलन में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा महत्वपूर्ण साबित होगी। अपने अध्यक्षीय भाषण में एआईयू के प्रेसीडेंट, श्री एम. एम. सालुंखे ने कहा कि दुनिया की समस्याओं के समाधान के लिए उच्च शिक्षा के अंतर्राष्टीयकरण की आवश्यकता है। सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए नेटवर्किंग अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने आगे कहा कि 'स्टडी इन इंडिया प्रोग्र इंडिया प्रोग्राम' बड़ी संख्या में विदेशी विद्यार्थियों को भारतीय यूनिवर्सिटीज में पढ़ने के लिए आकर्षित करेगा। यूजीसी, नई दिल्ली के वाइस चेयरमेन, प्रो. भूषण पटवर्धन ने कहा कि हालांकि अंतर्राष्टीयकरण आवश्यक है, लेकिन वैश्वीकरण को मजबूत बनाया जाना भी महत्वपूर्ण है। भारतीय यूनिवर्सिटीज का भी एक-दूसरे के साथ जुड़ाव एवं आपसी सहयोग आवश्यक है। स्टूडेंट्स के लिए जीवन अनुभवों को बेहतर बनाने के लिए देश के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के कॉलेजों में एक्सचेंज प्रोग्राम आयोजित होने चाहिए। शुरूआती भाषण देते हुए एआईयू की महासचिव, डॉ. (श्रीमती) पंकज मित्तल ने अपडेटेड इंटरेक्टिव वेबसाइट, लाइब्रेरी का डिजिटलीकरण, एडमिशन पोर्टल, नौकरियों के लिए विज्ञापन पोर्टल, कॉलोब्रेशन पोर्टल जैसी एआईयू की विभिन्न पहलों की जानकारी दी। उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए एआईयू जर्नल्स के साथ-साथ विभिन्न यूनिवर्सिटीज के लिए प्रस्तावित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की भी बात कीइससे पूर्व मेजबान आईआईएस (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी) के वाइस चांसलर, डॉ. अशोक गुप्ता द्वारा स्वागत भाषण दिया गया। इसमें उन्होंने कहा कि दो दिवसीय इस मेगा इवेंट की मेजबानी महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारतीय शिक्षा प्रणाली अपने पुनर्निर्माण के दौर में है। इस मीट के विचार-विमर्श से विभिन्न यूनिवर्सिटीज एवं उच्च शिक्षा संस्थानों के संचालकों को अपने मिशन को फिर से परिभाषित करने एवं संस्थानों के संचालन में मदद मिलेगी। इससे पूर्व राज्यपाल तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा एआईयू जर्नल का विमोचन भी किया गया।


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