प्रधानाचार्य ने बदली नून गांव की सरकारी स्कूल की तस्वीर


- प्रधानाचार्य के नवाचार से ग्रामीण हुए प्रभावित

- चालीस लाख रुपए से अधिक के विकास कार्य शुरू

गेबाराम चौहान, सायला।

पुराना जर्जर और बदरंग भवन, बारिश में टपकती छत और उसके नीचे सहमे हुए बच्चे, बिना चार दिवारी का पशुओं का सुलभ चारागाह और टूटे हुए पिलर्स का गेट। यह मंजर था जालोर ब्लॉक की नून गांव की सरकारी स्कूल का। लेकिन अब इस विद्यालय के अच्छे दिन आ गए हैं और यह संभव हुआ है स्कूल के प्रधानाचार्य के नवाचारी प्रयासों से।

जब इंसान करने की ठान ले तो कुछ भी असंभव नहीं। इसी को साबित कर दिखाया है जालोर के नून गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य राय सिंह महला ने। 

ऐसे बना माहौल

स्कूल में भौतिक सुविधाओं की कमी तथा अभिभावकों, ग्रामीणों और भामाशाहों की स्कूल के प्रति उदासीनता को स्कूल के प्रधानाचार्य ने गंभीरता से लेते हुए ग्रामीणों को स्कूल से जोड़ने के लिए एक नवाचार किया। उन्होंने 'हमारा विद्यालय - हमारा गौरव' अभियान चलाया। ग्रामीणों को व्यक्तिगत रूप से भावनात्मक पत्र लिख कर स्कूल की समस्याओं और आवश्यकताओं से रूबरू कराया और मदद की अपेक्षा की। वॉट्सएप ग्रुप बनाकर पूर्व छात्रों, भामाशाहों और प्रवासियों को उसमें जोड़ा और विद्यालय विकास के लिए प्रेरित किया। इसका परिणाम यह हुआ कि मात्र दो महीने में भामाशाहों द्वारा विद्यालय के विकास कार्यों के लिए 40 लाख से अधिक के विकास कार्य शुरू हो चुके हैं। 

विद्यालय स्टाफ भी बना भामाशाह

इस अभियान को सफल बनाने में विद्यालय का स्टाफ भी पीछे नहीं रहा। शिक्षकों ने न केवल घर घर जाकर सहयोग मांगा बल्कि स्वयं भी भामाशाह के रूप में सामने आए। शिक्षकों ने मिलकर इक्यावन हजार रुपए का सहयोग विद्यालय विकास के लिए किया।

विद्यालय को मिलेगा इतना कुछ -

विद्यालय के लिए गांव के 'प्रवासी युवा संगठन' द्वारा पंद्रह लाख रुपए खर्च करके जीर्ण शीर्ण भवन की मरम्मत का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। साथ ही भव्य प्रवेश द्वार, मिड डे मील टीन शेड, सरस्वती मंदिर, भवन की चारदीवारी, मंच शेड और रंग रोगन का कार्य शुरू हो चुका है। इन सब में खर्च होने वाले चालीस लाख रुपए भामाशाहों द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके अलावा कक्षा कक्षों और खेल मैदान विकसित करने के लिए भी भामाशाहों ने सहमति दी है।

नवाचारों के लिए जाने जाते हैं महला-

प्रधानाचार्य राय सिंह महला अपने नवाचारों के लिए जाने जाते हैं। इससे पूर्व झुंझुनूं जिले में कार्य के दौरान  उन्होंने नवाचारों के जरिए अपनी अलग पहचान बनाई थी। उनके द्वारा शुरू की गई 'सामुदायिक बाल सभा' आज पूरे राजस्थान में लागू की जा चुकी है। इसके अलावा 'यूथ विथ स्कूल' के तहत गांव के युवाओं के लिए टीचर्स द्वारा कोचिंग और स्पोर्ट्स की सुविधाएं उपलब्ध कराके युवाओं को स्कूल से जोड़ने का प्रयास, 'एक्टिविटी सैटरडे' के तहत शनिवार के दिन बच्चों को स्कूल बैग से मुक्त कर एक्टिविटी के जरिए सिखाने का प्रयास,  'दीपोत्सव' के तहत दीपावली पर शिक्षकों और अभिभावकों द्वारा एक साथ स्कूल में दीपक जलाने का प्रयास, 'स्मार्ट वॉल' के तहत स्कूल की दीवारों पर पेंटिंग के जरिए सोशल और एजुकेशनल संदेश देने का प्रयास, 'वेस्ट टू बेस्ट' के जरिए वेस्ट सामग्री से कृत्रिम पक्षीघर बनाकर बच्चों को वेस्ट मैनेजमेंट और पर्यावरण के लिए प्रेरित करने का प्रयास काफी सराहनीय रहे हैं। इसके अलावा अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल से निकालकर अपने गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल मायावाली में डालकर व्यक्तिगत रूप से कैंपेन कर नामांकन 16 से 200 तक पहुंचाने और भामाशाहों को प्रेरित कर इसे मॉडल स्कूल की तर्ज पर विकसित करने के लिए इनकी खूब सराहना हो चुकी है।

इनका कहना -

चालीस लाख रुपए के विकास कार्य शुरू हो चुके हैं। लगभग एक करोड़ रुपए भामाशाहों द्वारा विद्यालय में खर्च किए जाएंगे। भौतिक सुविधाओं के बाद नए सत्र में नामांकन वृद्धि, स्पोर्ट्स और एक्टिविटी बेस्ड क्वालिटी एजुकेशन के लिए कार्य किया जाएगा।


राय सिंह महलात, प्रधानाचार्य

राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, नून

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