समर्पण संस्था द्वारा गणतन्त्र दिवस पर विचार गोष्ठी आयोजित


जयपुर, 26 जनवरी।" शिक्षा के सही स्वरूप को समझना आवश्यक है ।शिक्षा वो हो जिससे इन्सान सशक्त बन सकें ।वह ट्रांसपेरेंट तथा ऑब्जेक्टिव हो।” उक्त विचार सेवानिवृत आई.ए.एस. डॉ. ललित मेहरा ने समर्पण संस्था द्वारा गणतंत्र दिवस पर आयोजित “ शिक्षा, स्वास्थ्य व मानव अधिकार “ विषयक विचार गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए व्यक्त किये ।
             डॉ. मेहरा ने कहा कि परिस्तिथियां बदलती रहती हैं हमें उनसे सीखकर परिस्तिथियों से लड़ते रहना सीखना होगा । अगर हमारे पास स्किल है तो हम किसी न किसी रूप में समाज को आगे बढ़ाने में योगदान दे सकते हैं । हर किसी को समान रूप से जीने का अधिकार है साथ ही स्वास्थ्य के पूर्ण अधिकार भी हर इंसान को प्राप्त हो । ऐसा भारतीय कानून में निहित है । मानव अधिकारों को हमें मानव के हित में समझने की आवश्यकता है साथ ही विभिन्न जाति धर्म के बीच अनूठा सदभाव बनाये रखना भी बहुत जरूरी है । 



           इससे पूर्व संस्था कार्यालय के सामने मुख्य अतिथि डॉ. ललित मेहरा व अन्य अतिथि और पदाधिकारियों ने साथ मिलकर ध्वजारोहण किया। ध्वजारोहण के बाद कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ समर्पण प्रार्थना द्वारा की गई जिसे संस्था के कोषाध्यक्ष श्री रामावतार नागरवाल ने प्रस्तुत किया । 
    संस्था के संस्थापक अध्यक्ष आर्किटेक्ट डॉ. दौलत राम माल्या ने अपने स्वागत भाषण में संस्था के आगामी कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी देते हुए संस्था के सिद्धान्तों पर अपने विचार व्यक्त किये।  
         डॉ. माल्या ने कहा कि - हमारे स्वभाव में समानता बस जाए,सबका सहयोग करना है ये हमारे स्वभाव में आ जाए । हम सब एक है ये हमें समझना होगा तभी हम साथ मिलकर आगे बढ़ सकते हैं । 



            विचार गोष्ठी में सुश्री अंजली व सुवज्ञा माल्या ने देश भक्ति गीत “ एे वतन ...एे वतन...” प्रस्तुत किया।               
       संस्था के मुख्य प्रधान संरक्षक जनाब अब्दुल सलाम जौहर ने कहा कि “ हमें जो शिक्षा लेनी है जीवन में एक लक्ष्य निर्धारित करके लेनी है और असफलता से कभी मायूस नहीं होना चाहिए । मन में निरंतर काम करते रहने की जिद होनी चाहिए । हमें शिक्षित होने के साथ जानकार भी होना पड़ेगा । 



    विशिष्ट अतिथि डॉ. मेधावी गौतम ने कहा कि - हमारे खाने को ही हमारी दवाई बनने दो अर्थात ऐसा खाना खाओ जो हमारे शरीर को तंदुरुस्त रखे, स्वस्थ रखें । संतुलित आहार के साथ फिजिकल एक्टिविटी भी बहुत जरूरी है अर्थात कैलोरीबर्न करना भी जरूरी है । साथ ही अच्छी व पूरी नींद लेना भी अति आवश्यक है । 
       डॉ. अनिता गौतम ने कहा कि हमें इमोशनली(भावनात्मक रूप से) सुदृढ़ होने की आवश्यकता है । उन्होंने समर्पण संस्था के अंग्रेजी शब्दों S A M A R P A N का सकारात्मक विश्लेषण करते हुए हर शब्द का हमारे जीवन में  महत्व बताते हुए कहा कि हम अपना टाइम मैनेजमेंट करें और नकारात्मक बातों के साथ जीवन के लिए नुकसान देने वाली चीजों का त्याग करें ।    
        विशिष्ट अतिथि डॉ. ऋचा दत्ता श्रीवास्तव ने 'ऐ मेरे वतन के लोगों .........' गीत गाकर सभी को देशभक्ति से सरोबार कर दिया । साथ ही उन्होंने कहा कि आप खुश हैं तो ही आप स्वस्थ हैं इसलिए हमें हमेशा खुश रहना चाहिए। हमारी बॉडी का अलाइन्टमेंट सही होना जरूरी है । दवाई ही सब कुछ नहीं होती है यही ऑस्टियोपैथी है ।                


        
      विशिष्ट अतिथि श्री एन. राम ने कहा कि - अगर हम शिक्षित होंगे तो ही हम जागरूक होंगे और जागरूकता ही देश को नई दिशा दे सकती है जिसका बड़ा उदाहरण बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर है जिन्होंने हमें एक मजबूत लोकतंत्र दिया । 
     विशिष्ट अतिथि एडवोकेट श्री सतीश कुमार ने कहा कि - जितना भी कमजोर तबका है वहाँ पर शिक्षा का होना बहुत जरूरी है इसके लिए हमारे मन से छुआछूत व ऊंच- नीच का भाव हटाना होगा । 



    गोष्ठी के मुख्य वक्ता पूर्व जिला न्यायाधीश श्री उदय चंद बारूपाल ने कहा कि आज के दिन हमें ये आकलन करना है कि जिस तरह के संविधान की कल्पना 26 जनवरी 1950 को की गई थी क्या हम उनको मूर्त रूप दे पाएं हैं । मानव अधिकार हर मानव का नैसर्गिक व प्राकृतिक अधिकार है जिसके अनुरूप हर मानव का जीवन बना है या नहीं ये अवलोकन करना आवश्यक है । हर इंसान गरिमामय जीवन जिये ऐसा सुनिश्चित होना आवश्यक है ।



     कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सेवानिवृत जिला व सेशन न्यायाधीश श्री कमल राज सिंघवी ने कहा कि भारत में ही ऐसी शिक्षा की व्यवस्था हो कि हमें विदेश जाना ना पड़े । मानवीय गुणों से युक्त शिक्षा हमें हमारे घर से देने कि शुरुआत करनी होगी। माता पिता को ये जिम्मेदारी लेनी होगी कि हमें हमारे बच्चों को समाज के प्रति संवेदनशील बनाना है 
   संस्था में नये जुड़ने वाले मुख्य संरक्षक व संरक्षक सदस्यों का संस्था के पदाधिकारियों द्वारा माल्यार्पण व सम्मान पत्र भेंट करके गर्मजोशी से स्वागत सम्मान किया गया । साथ ही रक्तदाता प्रेरक श्री दीपक सिंह को सम्मान पत्र देकर  सम्मानित किया गया । 
    अंत में संस्था के वरिष्ठ उपाध्यक्ष स्वामी बाबा भारत ने सभी का धन्यवाद करते हुए स्वासो की ताक़त व मेडीटेशन के बारे मे जानकारी दी ।
      गोष्ठी में संस्था सदस्यो के अलावा अनेक गणमान्य व समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने प्रमुखता से भाग लिया । 
   इस अवसर पर संस्था की संयुक्त सचिव श्रीमती सिमरन चौधरी ने अपने एनजीओ सनशाइन हॉप समिति के 50 बच्चों के साथ भाग लिया । बच्चों ने एक यूनिफ़ॉर्म में उपस्थित होकर कार्यक्रम को रोचक बनाया ।


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