भारत में बेसिक कार्डियोपल्मेनरी लाइफ सपोर्ट सिस्टम के लिए लागू हो अमेरिकन सिस्टम


आम आदमी जागरुक हो तो बचाई जा सकती हैं 40 प्रतिशत मौतें- डा. ब्रम्हानंद शर्मा


जयपुर, 5 जनवरी 2020। राजस्थान एल्युमिनाइ एसोसिएशन अमेरिका के डा. ब्रम्हानंद शर्मा का कहना है कि दुनियां में सडन डैथ यानि अचानक से मौत होने वाली मौत का सबसे बडा कारण कार्डियो बेस्कुलर डिजीज है। भारत में यह और भी खतरनाक है।


जयपुर के राजस्थान हास्पिटल में रविवार को बेसिक कार्डियोपल्मोनरी लाइफ सपोर्ट सिस्टम विषय पर आयोजित सेमीनार को संबोधित करते हुए डॉ. ब्रम्हानंद शर्मा ने कहा कि यदि हर एक आदमी को इस विषय की ट्रेनिंग अनिवार्य कर दी जाए तो हार्ट अटैक से होने वाली 30 से 40 प्रतिशत मौतों को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार और निजी, हर स्तर पर इसके लिए प्रयास किए जाने की जरूरत है। डा. ब्रम्हानंद ने कहा कि इसके लिए हम भारत में अमेरिकी पैटर्न लाना चाहते हैं।


भारत में हार्ट अटैक से सबसे ज्यादा मौतें होने को लेकर उन्होंने तीन प्रमुख कारण बताए। इनमें मधुमेह, जीन्स, इन्फ्लामेशन से पैदा होने वाली कोरोनरी आर्टिरियोस्क्लोरेसिस एग्रेसिब होती है। ऐसे में दबाइयों और प्रोसीजर्स को कम रेस्पोंड करता है और इलाज मुश्किल होता है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में तो ऐसे मरीजों को इलाज मिल जाता है पर यदि अस्पताल के बाहर, घर, कार्य स्थल पर अथवा रास्ते में अटेक आने पर प्रशिक्षित आदमी के द्वारा मरीज को लाइफ सपोर्ट दिया जाए हो दस में से होने वाली 9 मौतों की दर को 3 से 4 पर लाया जा सकता है।


राजस्थान हॉस्पिटल में सेमिनार में जुटे देश विदेश के विशेषज्ञ


इससे पहले इण्डियन रेसेसिटेशन कौंसिल आईआरसी, राजस्थान एल्युमिनाइ एसोसिएशन आईएनसी, यूएसए और अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन्स ऑफ इिण्डयन ओरिजन आपी के द्वारा आयोजित इस सेमीनार का आईआरसी चेयरमेंन डॉ. चक्र राव, राजमइ के डॉ. ब्रम्हानंद शर्मा, आपी के डॉ. लोकेश एड्रा, आईएमए के पूर्व प्रेसीडेंट और राजस्थान हॉस्पिटल एवं स्वास्थ्य कल्याण ग्रुप के चेयरमेंन डॉ. एस एस अग्रवाल, राजस्थान अस्पताल के प्रेसीडेंट और एसएमएस अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डॉ. वीरेन्द्र सिंह, आईएसए के वाइस प्रेसीडेंट और ट्रेनिंग के संयोजक डॉ. सुरेश भार्गव, दिल्ली के डॉ. बलजीत सिंह एवं डॉ. राकेश गर्ग ने दीप प्रज्ज्वलित कर सेमीनार का उद्घाटन किया।


सर्टिफिकेशन से पूर्व अनिवार्य की जाए ट्रेनिंग


डॉ. एस एस अग्रवाल और डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि बेसिक कार्डियोपल्मोनरी लाइफ सपोर्ट सिस्टम को हर आदमी को प्रशिक्शित करने के लिए निजी संस्था और अस्पताल तो कार्य कर ही रहे हैं। सरकारों को चाहिए कि ड्राइविंग लाइसेंस सहित सभी तरह के सर्टिफिकेशन के लिए इसे अनिवार्य कर दिया जाए। यदि ऐसा हो तो हम सडन डैथ को बडी संख्या में रोक पाने में सफल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस के साथ स्कूल, कॉलेज, समाज, संगठन धादि सभी स्तर पर यह लागू किए जाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि हार्ट अटैक से होने वाली मौतों में भारत नम्बर वन है। क्योकि यहां यह अटैक ज्यादातर युवाओं में होता है, बिना अलार्म अथवा पूर्व चेतावनी के होता है और ऐसी सिच्युएशन में होता है जिसमें दबाइयों से इलाज अतवा प्रोसीजर भी ज्यादा कारगर नहीं हो पाता। ऐसे में सरकार को चाहिए कि एमसीआई अथवा किसी अन्य ऐजेंसी की ओर देखे बिना आम आदमी को इस ट्रेनिंग से जोडने के लिए कारगर कदम उठाए। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि ऐसी सेमिनार के आयोजन के पीछे राजस्थान अस्पताल का उद्देश्य आमजन को जागरुक करने के साथ स्टाफ को तकनीकी रूप से दक्ष करना है। साथ ही यहां उचित दरों पर उच्च स्तरीय गुणवत्तायुक्त इलाज उपलब्ध कराना है।


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