बालिका वधु ने बाल विवाह नकारा, निरस्त के लिए न्यायालय में दस्तक


सारथी ट्रस्ट की मदद से बाल विवाह के खिलाफ उठाई आवाज, टोंक जिले का बाल विवाह निरस्त का पहला मामला दर्ज, दो साल की अबोध उम्र में बाल विवाह के बंधन में बंधी थी
टोंक। तकरीबन सत्रह साल पहले महज दो साल की अबोध उम्र में बाल विवाह की बेडियों में जकड़ी टोंक जिले के रानोली ग्राम की बालिका वधु संजू ने जोधपुर के सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी व पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डॉ.कृति भारती का संबल पाकर बाल विवाह का नकारने का हौंसला दिखाया है। बालिका वधु संजू ने सारथी ट्रस्ट की मदद से टोंक के पारिवारिक न्यायालय में दस्तक देकर बाल विवाह निरस्त के लिए वाद पेश किया है। संभवतः टोंक जिले में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत बाल विवाह निरस्त का पहला कानूनी वाद दर्ज किया गया है। पारिवारिक न्यायालय की न्यायाधीश राज व्यास ने बाल विवाह निरस्त का वाद दर्ज कर तथाकथित पति को नोटिस जारी करने के आदेश दिए है।
देश में पहला बाल विवाह निरस्त करवाकर रिकॉर्ड कायम करने और अब तक 40 बाल विवाह निरस्त करवाने के लिए विख्यात जोधपुर के सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी एवं पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डॉ.कृति भारती ने बताया कि मूल रूप से टोंक जिले के पीपलू तहसील के रानोली ग्राम की निवासी करीब उन्नीस वर्षीय संजू का बाल विवाह महज दो साल का उम्र में वर्ष 2003 में  हुआ था। अब संजू ने बाल विवाह निरस्त के लिए आवाज बुलंद की है।
बाल विवाह नहीं मंजूर, आरएएस बनकर भविष्य संवारना
 डॉ. कृति भारती ने बताया कि संजू बीए द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत है। उसका बाल विवाह वर्ष 2003 में समाज के दबाव में परिवार के बड़े-बुजुर्गों ने करवा दिया था। उस समय उसकी आयु महज दो साल की ही थी। संजू को कुछ साल पहले ही खुद के बाल विवाह हो जाने के बारे में जानकारी मिली। वहीं तथाकथित पति के बारे में भी जानकारी मिली। जिस पर संजू को लगा कि उसके आरएएस बनने व भविष्य संवारने के ख्वाब टूट जाएंगे। जाति पंचायतों के दबाव व व्यक्तिगत भय के कारण संजू काफी समय तक अवसादग्रस्त हो गई। इस बीच सारथी ट्रस्ट की डॉ.कृति भारती के बाल विवाह निरस्त की मुहिम के बारे में जानकारी मिलने पर बाल विवाह से मुक्ति के लिए सम्पर्क कर पीड़ा बयां की। सारथी ट्रस्ट की डॉ.कृति भारती की मदद से संजू ने बाल विवाह निरस्त के लिए हौंसला दिखाया है।
न्यायालय में वाद दायर
संजू ने बाल विवाह निरस्त के लिए डॉ.कृति भारती की मदद से टोंक के पारिवारिक न्यायालय में पेश होकर वाद प्रस्तुत किया है। जिस पर पारिवारिक न्यायालय की न्यायाधीश राज व्यास ने बाल विवाह निरस्त का वाद दर्ज कर तथाकथित पति को नोटिस जारी करने के आदेश दिए। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत टोंक जिले में बाल विवाह निरस्त का संभवतः पहला वाद दर्ज हुआ है।
बाल विवाह निरस्त में सिरमौर
उल्लेखनीय है कि जोधपुर का सारथी ट्रस्ट बाल विवाह निरस्त की अनूठी मुहिम के लिए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त है। ट्रस्ट की डॉ.कृति भारती ने देश का पहला बाल विवाह निरस्त करवाया था। जिसे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करने के साथ ही सीबीएसई पाठ्यक्रम में भी शामिल किया गया। सारथी ट्रस्ट ने अब तक राजस्थान में 40 जोड़ों के बाल विवाह निरस्त करवाने के अलावा 12 सौ से अधिक बाल विवाह रूकवाने का भी रिकॉर्ड कायम कर रखा है। ट्रस्ट ने जोधपुर पारिवारिक  न्यायालय से महज तीन दिन में दो मासूम जोडों का बाल विवाह निरस्त करवाने का भी विश्व रिकॉर्ड कायम कर रखा है। डॉ.कृति भारती को बाल विवाह निरस्त की साहसिक मुहिम के लिए मारवाड़ रत्न, मेवाड़ रत्न सहित कई राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय सम्मानां से नवाजा जा चुका है।
इनका कहना है
 संजू के बाल विवाह निरस्त के लिए पारिवारिक न्यायालय टोंक में वाद दर्ज किया गया है। अब बालिका वधु को बाल विवाह से जल्दी ही मुक्ति के मिलने की उम्मीद जगी है। साथ ही बालिका वधु के बेहतर पुनर्वास के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। 


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