चलने को मोहताज कर देती है एंकल स्प्रेन इंजरी


कार्यालय संवाददाता


जयपुर। आमतौर पर खेलने के दौरान या किसी गलत गतिविधि के कारण हमारा टखना मुड़ जाता है और टखने की मोच आ जाती है जिसे एंकल स्प्रेन भी कहते हैं। मोच आने के बाद व्यक्ति की स्थिति के बारे में हम सब जानते हैं और जागरुकता की कमी कारण पहलवान आदि से उसका इलाज करा लेते हैं जिससे चोट का दर्द कुछ समय लिए तो ठीक हो जाता है लेकिन यह बाद फिर उबर जाता है और मरीज को काफी परेशान करता है। इसीलिए मरीज को विशेषज्ञ से परामर्श लेकर ही उचित इलाज कराना चाहिए।


चोटिल हो जाते हैं लिगामेंट्सः शैल्बी हॉस्पिटल के सीनियर ऑर्थोस्कोपी सर्जन और स्पोर्ट्स इंजरी विशेषज्ञ डॉ. सिद्धार्थ शर्मा ने बताया कि हमारा टखना पैर और पंजे को जोड़ने का काम करता है। टखने के भीतरी लिगामेंट्स बहत मजबूत होते हैं और कम ही परिस्थितियों में चोटिल होते हैं। बाहरी लिगामेंट्स सामने, मध्य और पीछे तीन भाग में बंटे होते हैं। आमतौर पर मोच अपने पर सामने और बीच वाले लिगामेंट्स ही चोटिल होते हैं। टखने के लिगामेंट्स के घायल होने की घटनाएं तब होती हैं जब पंजा अंदर की ओर मुड़ जाता है। ऐसा असमान भूमि पर चलने से होता है। शरीर का पूरा वजन इन लिगामेंट्स पर पडने से वे चोटिल हो जाते हैं।


ऑर्थोस्कोपी से ठीक हो सकती है चोट- डॉ. सिद्धार्थ शर्मा ने बताया कि, चोट लगने पर मरीज को बर्फ का सेक करना चाहिए जिससे सूजन कम हो। डॉक्टर से परामर्श लेकर इसका सही समय पर उपचार शुरू होता है तो इसके दर्द से जल्दी छुटकारा पाया जा सकता है। डॉक्टर एक्सरे, सीटी स्कैन या एमआरआई द्वारा चोट की जांच करते हैं और उपचार तय करते हैंअगर चोट से लिगामेंट्स को ज्यादा नुकसान पहुंचता है तो ऑर्थोस्कोपी सर्जरी द्वारा उनकी रिपेयरिंग की जाती है। ऑर्थोस्कोपी तकनीक से सर्जरी के लिए बड़ा कट नहीं लगाया जाता और मरीज को रिकवरी के लिए ज्यादा समय नहीं लगता।


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