जानिए फिश एक्वेरियम के वास्तु सम्मत उपयोग, लाभ एवम प्रभाव को। वास्तु अनुसार कौनसी दिशा शुभ होती है फिश एक्वेरियम के लिए - आचार्य दयानंद शास्त्री


आज के समय में कई घरों में फिश एक्वेरियम रखने का प्रचलन काफी बढ़ चुका है। फेंगशुई के अनुसार फिश एक्वेरियम न सिर्फ खुशी देता है बल्कि इसके घर के सदस्यों के ऊपर आने वाली सारी विपत्तियां टलती है। साथ ही घर में धन संपत्ति के आने की निरंतरता बनी रहती है।


रंग बिरंगी मछलियां हर किसी को आकर्षित करती हैं. घर में मछलियों को पालन बेहद शुभ माना गया है. इसीलिए कई घरों में मछलियों को एक्वेरियम में पाला जाता है।वास्तु एक्सपर्ट पण्डित दयानन्द शास्त्री जी के अनुसार ऐसी मछलियां घर की सुदंरता में तो चार चांद लगती ही हैं. साथ घर में आने वाली परेशानी और संकट को टाल देने की ताकत रखती है. वास्तुशास्त्र और ज्योतिष के अनुसार घर में पलने वाली मछलियां कई तरह के दोषों को दूर करने में सहायक होती हैं.


कई लोग घरों में फिश एक्वेरियम रखते हैं लेकिन इस फिश एक्वेरियम का किस तरह से इस्तेमाल किया जाना चाहिए. इसके बार में सही और पूरी जानकारी नहीं होती है जिस कारण इसका पूर्ण लाभ व्यक्ति को नहीं मिल पाता है. मछलियां बेहद शुभ होती हैं. इनमें खतरों को भांप लेने की गजब की क्षमता होती है. ये बेहद संवेदनशील होती हैं. एक्वेरियम में पाली जाने वाली मछलियां मांसाहारी प्रजाति की नहीं होनी चाहिए।


बहुत से ऐसे लोग हैं जो अपने घर में फिश एक्वेरियम तो रखते हैं लेकिन यह किस दिशा और कौन से स्थान पर रखा जाए ये उन्हें पता नहीं है। आज वास्तु एक्सपर्ट पण्डित दयानन्द शास्त्री जी इस लेख के माध्यम से आपको समझाएंगे कि घर में फिश एक्वेरियम कहां और किस दिशा में रखना शुभ होता है।उसके वास्तु सम्मत लाभ हेतु कैसे प्रयोग करें ।
लोग घर पर एक्वेरियम तो रखते हैं, लेकिन बहुत कम लोगों को इसके नकारात्मक प्रभावों के बारे में पता होता है। एक्वेरियम सिर्फ मन को प्रसन्नता नहीं देते बल्कि वास्तु के अनुसार इनसे घर के सदस्यों के ऊपर आने वाली समस्त विपत्तियां टलती हैं एवं घर में धन-संपत्ति के आगमन में निरंतरता बनी रहती है। लेकिन फेंगशुई के कुछ नियम हैं जिनका पालन करते हुए एक्वेरियम रखा जाए तभी इसका पूरा लाभ मिल पाता है। फिश एक्वेरियम रखने के दौरान वास्तु का ध्यान देना बहुत जरुरी है क्योंकि अगर इसे सही वास्तु के हिसाब से नहीं रखा गया तो फायदे की जगह इसके नुकसान हो सकते है।


ऐसी मान्यता है कि घर पर रंगीन मछलियां पालने से घर के सदस्यों पर आने वाली मुसीबतें टल जाती हैं। फेंगशुई कहता है कि मछली धन को आकर्षित करती है और किसी भी आपदा को अपने ऊपर ले लेती है। फेंगशुई के मुताबिक घर या ऑफिस में फिश एक्वेरियम रखते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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घर में एक निश्चित संख्या में ही मछली पाली जानी चाहिए. फिश एक्वेरियम इनकी संख्या 9 होनी चाहिए. अगर ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है तो तीन मछलियां भी पाली जा सकती हैं. फिश एक्वेरियम में जिन 9 मछलियों को पाले उसमें रंगों का खास ख्याल रखें. ये सभी 9 मछलियां 9 ग्रहों का प्रतिनिधित्व करती हैं. इसलिए इनका रंग भी इन्ही ग्रहों से मिलता जुलता होना चाहिए. यदि ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है तो फिश एक्वेरियम में 8 मछलियां चमकीली रंग और एक मछली काले रंग की पालनी चाहिए.
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फिश एक्वेरियम की मछलियों पर नजर रखें--मछलियां जितनी खुश रहेगीं, घर में सुख समृद्धि बनी रहेगी. अगर कोई मछली मर जाती है तो समझ लें कि जीवन में आने वाली किसी संकट को इस मछली ने अपने ऊपर ले लिया. मछलियां हर आने वाले संकट को अपने ऊपर ले लेती हैं.


फिश एक्वेरियम घर में रहने से कमरे की सुंदरता तो बढ़ती ही है, साथ ही घर के वास्तुदोष भी कम होते हैं। इसमें तैरती छोटी-बड़ी रंग बिरंगी मछलियां मन को शांत रखती हैं।
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फिश एक्वेरियम घर में रखना शुभ माना जाता है।  
वास्तु एक्सपर्ट पण्डित दयानन्द शास्त्री जी मानते हैं कि मछलियां घर में हों ओर इनकी देखभाल सही ढंग से की जाए, तो घर में खुशहाली ओर छोटी-बड़ी हर बला टल जाती है। मछलियों की सेवा करने से ग्रह मजबूत होते हैं। भाग्य मजबूत होता है. मनोकामना पूर्ण होती है. फिश एक्वेरियम को घर में रखते समय ध्यान रखें कि इसे हमेशा उस स्थान पर रखें जहां पर सूरज की सीधी किरणें पड़ती हों.


एक्वेरियम में यदि कोई मछली मर जाए, तो ज्योतिषीय दृष्टि से यही माना जाता है कि आपकी कुंडली में कोई एसा ग्रह था, जिसके खराब योग आपको नुकसान पहुंचाने जा रहे थे, लेकिन घर में मछलियां होने से आपकी छोटी-बड़ी परेशानी ये उपर ले लेती हैं, जिससे मछली की मृत्यु हो जाती है। 


मृत मछली को तुरंत टैंक में से निकालें ओर इसकी जगह दूसरी मछली इसमें रखें। घर में फिश एक्वेरियम के लिए मछलियों की कीमत 50 रुपये से लेकर 25 हजार रुपये तक है। लोग अपनी जेब के मुताबिक वहन कर सकता है।
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घर में फिश एक्वेरियम से ऐसे बदलेगा जिंदगी--


फिश एक्वेरियम घर में रहने से कमरे की सुंदरता तो बढ़ती ही है, साथ ही घर के वास्तुदोष भी कम होते हैं। इसमें तैरती छोटी-बड़ी रंग बिरंगी मछलियां मन को शांत रखती हैं। एक्वेरियम में नौ मछलियां रखना शुभ माना जाता है। वास्तु एक्सपर्ट पण्डित दयानन्द शास्त्री जी बताते हैं कि प्रत्येक मछली कुंडली के नौ ग्रहों का प्रतिनिधित्व करती हैं, इसलिए एक्वेरियम में नौ मछलियों से कम नहीं होनी चाहिए। इनमें आठ मछलियां सुनहरे या लाल रंग की होनी चाहिए और एक काले रंग की मछलियां होनी चाहिए। एक्वेरियम के लिए मछलियां खरीदने जाएंगे, तो मछलियां जोड़े के तौर बेची-खरीदी जाती हैं, इसलिए यह संख्या फिश टैंक के अनुसार नौ से ज्यादा भी हों, तो कोोोईई
बात नहीं। 


पंडित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र में एसा माना जाता है कि जब कोई मछली मरती है तो वह मछली आने वाली विपत्ति अपने साथ ले जाती है। इसलिए जिस रंग की मछली मर जाए, तो उसी रंग की एक्वेरियम के लिए लानी चाहिए। उनका मानना है कि मछलियाें के रंग के साथ-साथ इनका सही रखरखाव भी उतना ही महत्वपूर्ण है। लोग अमूमन नारंगी, गोल्डन, काली, लाल मछली अपने एक्वेरियम में रखते हैं। वैसे आठ सुनहरी आैर एक काले रंग की मछली पालना सबसे अच्छा माना गया है।
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एक्वेरियम सही दिशा में रखेंगे तो आएगी खुशहाली---


वास्तुशास्त्र के हिसाब से फिश एक्वेरियम रखने से घर में खुशहाली आती है। फिश एक्वेरियम को घर के बीचोंबीच, रसोर्इ घर या बैडरूम में कदापि न रखें। घर की पूर्वी या उत्तरी दिशा में रखें। घर में जहां सूर्य की रोशनी आती है, वहां फिश एक्वेरियम मानसिक दबाव को कम करता है। घर से मुख्य द्वार की तरफ देखेंगे तो इसके बायीं दिशा में रखने से वैवाहिक जीवन मधुर होता है, दायीं दिशा में रखने से पुरुष के एक्सट्रा अफेयर की संभावना बनती है। 


वास्तु एक्सपर्ट पण्डित दयानन्द शास्त्री जी के अनुसार
फिश एक्वेरियम को घर के बीच, रसोई घर के पास और बैडरूम में नहीं रखा जाना चाहिए. फिश एक्वेरियम जहां धन की कमी नहीं होने देता है वहीं कई प्रकार के मानसिक तनावों से भी बचाता है।


दयानन्द शास्त्री जी के अनुसार एक्वेरियम को पूरब, उत्तर और पूर्व-उत्तर की दिशा में रखना शुभ माना जाता है। साथ ही दाम्पत्य जीवन में आपसी प्रेम बनाए रखने के लिए इसे मुख्य द्वार के बाईं ओर रखना चाहिए। वहीं इसे दाईं ओर रखने से घर के पुरुष का मन चंचल होता है।


फिश एक्वेरियम को किचन या बेडरूम में नहीं रखना चाहिए। इस जगह पर एक्वेरियम रखने से नकारात्मक ऊर्जा फैलती है। एक्वेरियम के द्वारा घर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए समय-समय पर इसका पानी बदलते रहना चाहिए। साथ ही मछलियों की संख्या नौ होनी चाहिए।


इनमें से आठ मछली लाल और सुनहरे रंग की और एक काले रंग की होनी चाहिए। फेंगशुई के अनुसार काले रंग की मछली से घर के लोगों पर किसी भी तरह की बुरी नजर नहीं लगती है। एक्वेरियम में समय-समय पर मछलियां मरती रहती है। मरी हुई मछली को तुरंत निकालकर किसी नदी या तालाब में बहा देना चाहिए।


फेंगशुई के अनुसार एक्वेरियम में जब कोई मछली मरती है तो वह अपने साथ नकारात्मक शक्तियों को लेकर चली जाती है।
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यहां रखें फिश एक्वेरियम
वास्तु के अनुसार फिश एक्वेरियम को घर के वरांडे के साउथ वेस्ट कोने में रखना चाहिए और ये कोना ऐसा हो जिससे घर में आने वाले हर इंसान की नजर फिश एक्वेरियम पर पड़ सके। 


एक्वेरियम को कभी भी मुख्य द्वार के समीप भी नहीं रखना चाहिए, यह अशुभ माना जाता है।उत्तर-पूर्व दिशा में फिश एक्वेरियम रखना धन, संपत्ति और स्मृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसलिए इस दिशा में यह एक्वेरियम रखना शुभ माना जाता है।


दांपत्य जीवन में आपसी प्रेम बनाए रखने के लिए इसे मुख्य द्वार के बाईं ओर रखें।
दाईं ओर रखने से घर के पुरूष का मन चंचल होता है और पराई स्त्रियों के प्रति उनका आकर्षण बढ़ता है।
दिशा का निर्धारण करने का तरीका यह है कि घर के अंदर मुख्य द्वार की ओर मुंह करके खड़े हो जाएं। जो भाग आपके दाएं होगा उसे दाहिना भाग कहेंगे और दूसरा भाग बायां कहलाएगा।
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एक्वेरियम की फिश की देखभाल बहुत जरूरी--


अक्सर देखने में आता है कि लोग फिश एक्वेरियम घर में रख तो लेते हैं, लेकिन उसकी उचित देखभाल नहीं करते, इससे अनेक परेशानी होती हैं। वास्तु एक्सपर्ट पण्डित दयानन्द शास्त्री जी बताते है कि मछलियों की देखभाल बहुत जरूरी है। साफ-सफाई नहीं रखने से मछलियों को कई तरह की बीमारियां लग सकती हैं। छोटी मछलियों को 24 घंटे में फिश फूड के चार-पांच दानों से ज्यादा न दें। हर महीने फिश टैंक को साफ करें ओर उसका एक-चौथाई पानी टैंक में रहने दें ओर बाकी पानी बदल दें। उसका फिल्ट्रेशन सिस्टम प्रोपर रखें। इसमें एंटी क्लोरीन की गोलियां डाल सकते हैं।
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किचन में कभी भी फिश एक्वेरियम को नहीं रखना चाहिए क्योंकि इस दिशा में आग से जुडी चीजें होती है और आग अग्नि देवता का कारण है तथा फिश एक्वेरियम पानी से जुडी चीज है और आग तथा पानी एक दुसरे के शत्रु है, इसलिए फिश एक्वेरियम को कभी भी रसोईघर में नहीं रखना चाहिए।
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किसी तरह की प्राकृतिक रौशनी में फिश एक्वेरियम को रखने से मानसिक तनाव पैदा होने लगता है।
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फिश एक्वेरियम में पांच तत्व धरती, पानी, कंकड़-पत्थर, हवा, आग आदि सभी का समावेश रहता है। पानी उसमे होता है, अग्नि के रूप में मछली का सुनहरा रंग, कंकड़-पत्थर भी फिश एक्वेरियम में होते है। इसलिए घर में फिश एक्वेरियम रखना बहुत शुभ माना जाता है।
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कार्य की प्रगति
अगर आप रोजाना घर में पली हुई मछलियों को चारा डालते है तो आपके कार्य में लगातार प्रगति होती है। वास्तु के अनुसार ये बहुत अच्छा होता है। आपको इसलिए घर में मछलियां रखनी चाहिए।
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ची नामक ऊर्जा आती है
आपके घर में अगर मछलियां रहती है तो आपके घर में ची नाम की एक ऊर्जा आती है। इस ऊर्जा का काम आपकी सेहत और आपके धन को बढ़ाना होता है। इससे आपकी कई परेशानियां भी कम हो जाती है।
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मछलियो की मौत है इस बात का संकेत
आपने जो मछलियां घर में पाली है अगर किसी कारणवश वो मछलियां एक्वेरियम में ही मर जाती है तो इसका मतलब ये होता है कि आपके घर से कोई बहुत बड़ी दिक्कत खत्म हो गई। मछलियां आने वाली मुसीबत खुद पर ले लेती है।
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पैसो की कमी
आपको बता दें कि आपके घर मे अगर पैसों की तंगी और परेशानियां रहती है तो इसका कारण सिर्फ वास्तुदोष ही होता है। अगर आप अपने घर में मछलियां ले आते है तो आपकी इतनी समस्याओं से आपको छुटकारा मिल जाता है।
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बच्चों के लिए यहां रखें एक्वेरियम--
बच्चों में अच्छे संस्कार, पढाई व करियर में सुधार के लिए एक्वेरियम को घर की पूर्वोत्तर दिशा में रखना चाहिए। यहां रखा एक्वेरियम बच्चों के लिए फायदेमंद होता है।
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तनाव कम होता है
ऐसा माना जाता है कि घर में मछलियों का होना आपको मानसिक शांति भी देता है। इससे आपके घर में शांति रहती है और आपको तनाव से राहत मिलती है। ये आपके घर में सुख और समृद्धि लाती है।


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