केरल टूरिज्म ने जयपुर में पार्टनरशिप मीट 2020 का आयोजन किया


कार्यालय संवाददाता


जयपुर। अपने घरेलू मार्केटिंग अभियानों का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद, केरल पर्यटन ने पूरी गंभीरता के साथ दूसरे चरण की शुरूआत की है, जिसके तहत भारत के दस शहरों में भागीदारी सम्मेलनों का आयोजन हो रहा है। साथ ही भारत के प्रमुख पर्यटन व्यापार मेलों में भी हिस्सा लिया जा रहा है और केरल के पारंपरिक कला रूपों तथा पर्यटन की दृष्टि से आकर्षक उत्पादों का मिश्रण प्रदर्शित किया जा रहा है।


राष्ट्रीय स्तर के भागीदारी सम्मेलनों के दूसरे चरण की शुरूआत जनवरी 2020 में हुई थी और यह मार्च 2020 तक चलेगा। जनवरी के दौरान हैदराबाद, विशाखापटनम, कोलकाता और गुवाहाटी में और फरवरी के दौरान अमृतसर, चंडीगढ़ और दिल्ली में अपनी छाप छोड़ने के बाद केरल पर्यटन के अधिकारी अब जयपुर आकर प्रसन्न हैं और आने वाले समय के भागीदारी सम्मेलनों को आशा की दृष्टि से देख रहे हैं जिनका आयोजन बेंगलुरू (03 मार्च) और कि चेन्नई (05 मार्च 2020) में किया जाना है। ने पर्यटन मंत्री कदकमपल्ली सुरेन्द्रन ने कहा कि भारत


रही। पर्यटन मंत्री कदकमपल्ली सुरेन्द्रन ने कहा कि यह सम्मेलन संयोग से त्यौहारों के मौसम में हो रहे हैं और इन शहरों के पर्यटन व्यापारियों को केरल के पर्यटन उद्योग की कंपनियों से बात करने का मौका देंगे। वर्ष 2019 में देश के विभिन्न भागों से केरल आने वाले पर्यटकों की संख्या पिछले वर्ष के मुकाबले काफी अधिक


कि केरल ट्रेवल मार्ट (केटीएम) के 11वें संस्करण शुरूआत 24 सितंबर 2020 को होगी। आयोजन विलिंगडन आइलैण्ड के कोचिन पोर्ट ट्रस्ट के सागर और समुद्रिका सभागृहों में 25.27 तारीख को होंगे। यह वैश्विक खरीदारों को ढूंढने और चैम्पियंस बोट लीग (सीबीएल), साहसिक पर्यटन, और मीटिंग्स, इंसेंटिव्स, कनवेंशंस एक्जिबिशंस (एमआईसीई) के लिये नये बाजारों की खोज पर केन्द्रित होगा।


पर्यटन सचिव रानी जॉर्ज ने कहा कि घरेलू पर्यटकों की संख्या बढ़ना इस तथ्य की पुष्टि है कि हमारे शक्तिशाली प्रचार अभियानों को लोगों ने हाथों-हाथ लिया। उन्होंने आगे कहा... पूरे भारत के पर्यटक हमारे राज्य को न केवल धरोहर के मामले में समृद्ध और मनोहर पाएंगेए बल्कि खासकर विशुए थ्रिसुरपूरम और अन्य कई त्यौहारों के आयोजन के चलते उन्हें अपने स्वागत का अनुभव भी होगा। केरल द्वारा मनाया जाने वाला निशागांधी त्यौहार सात दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव है, जो 20 से 26 जनवरी तक तिरूवनंतपुरम के मध्य स्थित हरे-भरे कनकाक्कुन्नु पैलेस के भव्य परिसर में निशागांधी ऑडिटोरियम में आयोजित होगा।


जॉर्ज ने कहा...यह कला प्रेमियों के लिये भारत की सर्वश्रेष्ठ और उभरती प्रतिभाओं में कुछ के करीब आने का भव्य अवसर होगा और वे उस्तादों की जादुई प्रस्तुतियों का आनंद भी सकेंगे। उत्सव के हिस्से के तौर पर ओडिशीकथक, भरतनाट्यम, मणिपुरी, मोहिनीअट्टमछाउ और कुचिपुड़ी जैसे नृत्यों का प्रदर्शन मंच पर किया जाएगा। पर्यटन निदेशक पी. बालाकिरण ने कहा कि केरल ने ऐसे नये और रोमांचक उत्पादों की आने लायचा एक उन्होंने श्रृंखला का समावेश किया हैए जो घरेलू पर्यटक के लिये उपयुक्त हैं और हमारे राज्य को पूरे साल कभी भी आने लायक गंतव्य बनाते हैं।


उन्होंने बताया एक अन्य लोकप्रिय आकर्षण है जटायु अर्थ सेंटर, जहाँ जटायु की 200 फीट लंबी, 150 फीट चौड़ी और 70 फीट ऊँची प्रतिमा है और यह दुनिया में सबसे बड़ा फंक्शनल बर्ड स्कल्पचर है। यहाँ सरलता से पहुंचा जा सकता है, क्योंकि यह दक्षिण केरल के उपरिकेन्द्र में है। पर्यटन को एक स्थायी उद्यम बनाने के लिये जिम्मेदार पर्यटन मिशन के तहत ग्रामीण जीवन अनुभव की अवधारणा प्रस्तुत की गई थी। व्यक्तिपरक अनुभवों में ठहरे पानी में धीमा पोतविहार, शांतिमय नौका विहार, रोमांचक डोंगी विहार, हरी-भरी वादियों और धान के खेतों में पदयात्रा शामिल हैं। केरल के कोट्टयम जिले में एक छोटा-सा और शांत गांव कुमाराकोम स्थित है, जो भारत का पहला आरटी गंतव्य बना।


 


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