आर्थर डी लिटिल ने किया यूपी में अपना विस्तार

 आर्थर डी लिटिल ने किया यूपी में अपना विस्तार


 विशेषज्ञों को लेकर   बनाया अपना सलाहकार मंडल



लखनऊ, 19 नवंबर, : दुनिया की सबसे पुरानी प्रबंधन परामशर्दाता कंपनी आर्थर डी. लिटिल (एडीएल) ने लखनऊ में एक नया कायार्लय स्थापित किया है. नई दिल्ली और मुंबई में अपने लंबे समय से चले आ रहे कायार्लयों के बाद यह एडीएल का भारत में तीसरा कायार्लय है. इसके साथ ही, कंपनी ने उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मुख्य सचिव  आलोक रंजन, और कायर्कारी पिरषद और निदेशक मंडल, इंडो- अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स लखनऊ चैप्टर के सदस्य  मुकेश बहादुर सिंह को अपना वरिष्ठ सलाहकार नियुक्त किया है जो उत्तर प्रदेश में एडीएल की विस्तार योजनाओ में सहायता करगें।


आर्थर डी.लिटिल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने भारत और दक्षिण एशिया के प्रबंध साझेदार और सीईओ  बारनिक चित्रण मैत्र के नेतृत्व एवं निदेर्शन में, उत्तर प्रदेश पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है। इस कदम को दीर्घकालिक दृष्टि के पहले चरण के रूप में देखा जा सकता है जो एडीएल को राज्य के व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र के साथ काम करने में सक्षम बनाता है। कंपनी का दृढ़ता से मानना है कि यह देश में आथिर्क विकास को आगे बढ़ाने के लिए एक उत्तम कदम है और उत्तर प्रदेश अगले दशक में भारत के विकास का नया वाणिज्यिक इंजन बनेगा. आर्थर डी लिटिल उत्तर प्रदेश में दुनिया भर से साख और निवेशक नेटवर्क के एक अद्वितीय सेट के साथ आता है. एडीएल कृषि, पयर्टन और संस्कृति, सूक्ष्म, लघु और माध्यम उद्योग और बुनियादी ढांचे और उपयोगिताओं जैसे प्रमुख क्षेत्रों में अपने व्यापार भागीदारों का लाभ उठाने का प्रयास करेगा; और आथिर्क गतिविधि और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार और निजी उद्योग के साथ सहयोग करने के लिए तत्पर है। एडीएल का मानना है कि सामूहिक और समग्र विकास प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है कि सभी मुख्य विकास इंजन एक दिशा में एक साथ चलें। उत्तर प्रदेश में, जो भारत में दूसरी सबसे बड़ी युवाशिक्त है, रोजगार के अवसरों का सृजन करने और कौशल विकसित करने के लिए अत्यधिक आवश्यकता है, जो कोविड-19 के बाद के इस बदलते समय में यूपी को प्रितस्पर्धी बना सकते हैं, जहां अधिकांश कम्पनियाँ वैश्विक अपने व्यवसाय स्थानांतिरत करना चाहती हैं. श्री मैत्र कहते हैं, “आर्थर डी. लिटिल मानता है कि प्राकृतिक संसाधनों और कार्यबल के मामले में यूपी के पास बड़ी क्षमता है।


हम यूपी को आथिर्क पिरवतर्न के गतिशील केंद्र में बदलने और निवेश प्राप्ति और वाणिज्यिक गतिविधि का वैश्विक केंद्र बनने की राज्य की दृष्टि को साझा करते हैं। पिछले कुछ वर्षों में, यह स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है कि  मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार ने वैश्विक निवेशकों के लिए वातावरण और नीतियों का निमार्ण किया है। लोग उत्सुकता से यूपी को एक अनुकूल निवेश गंतव्य के रूप में देख रहे हैं”। 


एडीएल के वैश्विक पदिचह्न और विकास को वितरित करने की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए  मैत्र ने मध्य पूर्व और यूरोप के देशों और अर्थव्यवस्थाओं के कुछ उदाहरण भी उद्धृत किए जहां एडीएल ने क्षेत्रीय अर्थ्व्यवस्थाओं को विकिसत करने, निवेश को सक्षम करने और अपनी बहु-क्षेत्रीय विशेषज्ञता के माध्यम से निमार्ण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.  बृजेश सिंह, अध्यक्ष एडीएल इंडिया कहते हैं, ”उत्तर प्रदेश भारत में चैथी औद्योगिक क्रांति के केंद्र में है, और भारत 2030 तक एक आथिर्क महाशक्ति तभी बन सकता है, जब इस तरह के जबरदस्त सामाजिक-आथिर्क महत्व वाले राज्य की पूरी क्षमता का एहसास होगा।”


 मुकेश बहादुर सिंह ने कहा कि जो विश्वास आर्थर डी लिटिल ने उन में दिखाया है, वे उसका अपनी पूरी क्षमता से पालन करने का प्रयास करेंगे, और यूपी को बहुमुखी विकास का केंद्र बनाने में सरकार का पूर्ण सहयोग करेंगे ।

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