हृदय रोग संबंधी बीमारियों के लिए ओपीडी का आयोजन

 हृदय रोग संबंधी बीमारियों के लिए ओपीडी का आयोजन

 


नारनौल।  हृदय संबंधी रोग के मामले इन दिनों बढ़ते जा रहे हैं। पिछले कुछ दशकों में भारत में हृदय रोगों के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। आंकड़ों के मुताबिक भारत में साल 1990 में हृदय रोगों से हर साल 2.26 मिलियन (22.6 लाख) की मौत होती थी, यह आंकड़ा साल 2025 तक बढ़कर 5.23 मिलियन (52.3 लाख) होने की आशंका है ग्रामीण आबादी में हृदय रोगों के मामले 1.6 से बढ़कर 7.4 फीसदी जबकि शहरी आबादी में 1 से बढ़कर 13.2 फीसदी तक पहुंच गए हैं। कई हृदय रोग ऐसे होते हैं, जो या तो जन्म के समय मौजूद होते हैं या उम्र के साथ या संक्रमण से हो जाते हैं जिनको ठीक करने के लिए ऑपरेशन की आवश्यकता होती है और उसके बाद बहुत सी सावधानियां बरतनी पड़ती है। हृदय से संबंधित कई प्रकार की समस्याएं आती हैं जैसे सीने में दर्द, भारीपन, घुटन अथवा दबाव सांस फूलना, अत्याधिक पसीना आना एवं थकान, उच्च ब्लड प्रेशर एवं असामान्य धड़कन, पैरो में सूजन व वजन बढ़ना, लगातार खाँसी खासकर रात को, जन्मजात हृदय रोग लक्षण पहचानते ही इनका इलाज कराना बहुत आवश्यक है।

हृदय से संबंधित रोगों के मामले नारनौल व उसके आसपास के क्षेत्रों में तेजी से फैल रहे हैं इसी को लेकर नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर की तरफ से हृदय संबंधी रोगों हेतु ओपीडी का आयोजन नारनौल में जयपुर हार्ट एवं जनरल हॉस्पिटल, पुलिस स्टेशन के सामने, नई मण्डी रोड में रविवार, 29 जनवरी को सुबह 10 से 12 बजे तक आयोजित किया गया। इसमें नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल के कंसलटेंट- कार्डियक सर्जरी, डॉ. सुनील शर्मा उचित जांच व परामर्श हेतु उपस्थित रहे। इस ओपीडी का मुख्य उद्देश्य वहां के रोगियों के लिए जांच एवं परामर्श के साथ-साथ छोटे शहरों में फैलने वाली इन बीमारियों पर लगाम लगाना है। 

डॉ. सुनील शर्मा ने बताया कि भारत में हृदय रोगों से संबंधित मामले 16 फीसद बढ़े है। बहुत से लोग लक्षणों को पहचानने में देरी कर देते हैं जिस कारण वे जल्द अस्पताल नहीं पहुंच पाते और देर होने पर उन्हें उचित इलाज नहीं मिल पाता है। यह बीमारी लोगों में अपने दिल पर नियंत्रण ना कर पाने के कारण अनुचित खानपान से भी होती है। इस बीमारी की वजह से मरीज के हृदय और अन्य अंगों में ऑक्सीजन युक्त रक्त के प्रवाह में बाधा (अवरोध) उत्पन्न हो जाती है। इसकी एक बड़ी वजह हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी पहले से मौजूद बीमारियों के कारण ब्लॉकेज उत्पन्न कर देते हैं। इन परिस्थितियों में समय रहते इलाज और बीमारी का पता लगाना और नियंत्रित जीवनशैली जीवन को बचा सकती है। इसलिए यदि आप हृदय को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो अपने दिल पर भी आप को कंट्रोल करना पड़ेगा आपको यह देखना पड़ेगा कि क्या खाना आपकी सेहत के लिए लाभदायक है और क्या खाना आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक। इसलिए स्वस्थ खाएं और अपने हृदय को भी स्वस्थ रखें।

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