प्रबोधक संघ ने मुख्यमंत्री पर नजरअंदाज करने का लगाया आरोप

प्रबोधक संघ ने मुख्यमंत्री पर नजरअंदाज करने का लगाया आरोप 


अलवर । प्रबोधक संघ राजस्थान के प्रदेश महामंत्री संजय कौशिक ने अलवर के मोती डूंगरी स्थित होटल स्वरूप विलास में  प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार पर प्रबोधक कैडर की घोर उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बजट घोषणा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रबोधक कैडर की सभी मांगों को नजरअंदाज करते हुए पूरी तरह से उपेक्षा की है । मुख्यमंत्री गहलोत ने 14 जून 2021 को प्रबोधक से वरिष्ठ प्रबोधक पद पर पदोन्नति हेतु 5000 पद सृजित किए थे लेकिन उसकी अनुपालना  आज तक नहीं हो पाई है बल्कि पदोन्नति के स्थान पर पदावनति करने का आरोप भी कौशिक ने लगाया।

 वही बजट घोषणा में अनुबंध आधारित सेवाओं को राजकीय सेवा में जोड़ने की घोषणा की गई लेकिन उसमें 25 हजार प्रबोधको को वंचित रखा गया है। कौशिक का कहना था कि प्रदेश में 25 हजार प्रबोधको ने शिक्षाकर्मी, लोक जुंबिश, पैरा टीचर के रूप में लंबे समय तक संविदा आधारित सेवाए दी है जिसको प्रबोधक सेवा में जोड़ा जाना अपेक्षित था जिसे नजर अंदाज किया गया है। वही वेतन विसंगति निवारण समिति सामंत कमेटी एवं खेमराज समिति की रिपोर्ट में भी प्रबोधको की मांगों को नजरअंदाज किया गया है। वेतन विसंगति के कारण प्रत्येक प्रबोधक को प्रतिमाह 5000 से ₹6000 का आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है जिससे प्रदेश के 25000 प्रबोधको में भारी आक्रोश व्याप्त है ।

प्रबोधक संघ ने केंद्र के समान पेंशन योग सेवा को 20 वर्ष करने की मांग की थी जिस पर सरकार ने 28 वर्ष के स्थान पर 25 वर्ष किया है जो कि न्यायोचित नहीं है अतः पेंशन योग सेवा को 20 वर्ष किया जाना चाहिए। वही प्रबोधक संघ की मांग थी कि 9-18- 27 वर्ष की सेवा पर एसीपी के प्रावधान में संशोधन कर 8-16- 24 वर्ष पर एसीपी दी जावे जिसे भी बजट घोषणा में नजरअंदाज किया गया है ।वही संघ ने मांग की है कि 1 अप्रैल 22 से पहले रिटायर हुए समस्त प्रबोधक एवं राज्य कर्मचारियों को पूर्ण पेंशन का लाभ दिया जाए उनके साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव किया जाना न्यायोचित नहीं है जबकि मुख्यमंत्री गहलोत ने 2004 के बाद नियुक्त समस्त प्रबोधक एवं राज्य कर्मचारियों को पुरानी पेंशन सेवा का लाभ देना सुनिश्चित किया था जिसका लाभ सेवा निवृत्त हो चुके प्रबोधक एवं कर्मचारियों को नही मिल पा रहा है। कौशिक ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रबोधक कैडर के साथ शिक्षा विभाग में लगातार सौतेला व्यवहार होता रहा है  शाला दर्पण पोर्टल पर प्रबोधक को सबसे नीचे दर्शा कर एवं चुनाव ड्यूटी में भी जूनियर शिक्षक से सीनियर प्रबोधक को po 3 व 4 लगाकर उनके साथ भेदभाव किया जाता है सभी प्रकार की प्रतिनियुक्तियों यथा माडल स्कूल, मेवात बालिका विद्यालय, विवेकानंद माडल स्कूल,समग्र शिक्षा, महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों, कस्तूरबा हास्टल एवं जनजाति छात्रावासों से वंचित करके  भेदभाव किया जा रहा है जो कि न्यायोचित नहीं है कौशिक ने कहा कि सरकार यदि संघ से तत्काल वार्ता कर उक्त मांगों का सकारात्मक हल नहीं निकालती है तो संघ अपनी मांगों के समर्थन मे विधानसभा पर 1 दिन का  प्रदर्शन करेगा और अनिश्चितकालीन धरने के लिए मजबूर होगा।

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