एवीएम अम्बाबाड़ी बना भारत का पहला डिजिटल स्कूल

  एवीएम अम्बाबाड़ी बना भारत का पहला डिजिटल स्कूल


जयपुर, 4 अप्रैल। आश्रय संस्था ने विद्या भारती के अम्बाबाडी स्थित आदर्श विद्या मंदिर विद्यालय को डिजिटल बनाकर अनूठी पहल की शुरुआत की है। आश्रय संस्था ने एडुफ्रंट (EduFront) के सहयोग से डिजिटल लर्निंग इकोसिस्टम' पर आधारित अनूठे पायलट प्रोजेक्ट 'वन टैबलेट पर चाइल्ड प्रोग्राम' (OTPC) के तहत ' छठी से लेकर बारहवीं क्लास तक के 25 टीचर्स सहित 350 स्टूडेंट्स को टैबलेट वितरण कर क्लासेज का डिजिटलाइजेशन किया है।  ग्लोबल स्टैंडर्ड की शिक्षा देने के उद्देश्य से इस पहल की शुरुआत करने वाला आदर्श विद्या मंदिर भारत का पहला बैगलेस स्कूल बन गया हैं। इस पहल से विद्या भारती के 3,480 स्टूडेंट्स लाभान्वित होंगे।


जहां एडूफ्रंट के सहयोग से रोबोटिक्स द्वारा टैबलेट पर साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स (STEM) प्रोग्राम की ट्रेनिंग देकर छात्रों आधुनिक शिक्षा के साथ टेक्नोलॉजी में भी निपुण बनाया जाएगा। स्टूडेंट्स टेक्स्ट बुक और ब्लैक बोर्ड के बिना टीचर्स से टैबलेट के माध्यम से सभी विषय पढ़ रहे हैं। इसके लिए शिक्षकों और विद्यार्थियों को विशेष ट्रेनिंग भी दी गई हैं। डिजिटल क्लासेज का सकारात्मक पहलू यह भी है कि स्टूडेंट्स घर बैठे टैबलेट के माध्यम से अपने सवाल या क्वेरीज का टीचर्स से तुरंत हल पाकर अपनी जिज्ञासा मिटाकर समय का सदुपयोग कर सकते हैं। टैबलेट में पूरा पाठ्यक्रम समाहित किया गया है। 

आश्रय के चेयरमैन सतीश झा ने बताया कि आज के दौर में निश्चित तौर पर शिक्षा के साथ तकनीक भी बहुत जरूरी है, तकनीक दुनिया की नई आवाज है। हमारा यही प्रयास है कि भारत के सभी बच्चों को वर्ल्ड क्लास शिक्षा मिले भले ही वो आर्थिक रूप से सक्षम न हों लेकिन कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। हमने स्लेट से स्क्रीन तक का सफर तय कर शिक्षा को फिर से परिभाषित करने का प्रयास किया है। यह पहल स्टूडेंट्स को नए युग की लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के माध्यम से विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करेगी ताकि वो आने वाले समय के लिए तैयार हो सके। 

राजस्थान विद्या भारती के संगठन मंत्री  शिव प्रसाद ने इस अवसर पर बताया कि आदर्श विद्या मंदिर स्कूल में टैबलेट वितरण कर आश्रय ने हमारे साथ  शिक्षा और तकनीक के क्षेत्र में तकनीक शिक्षा क्रांति का नया अध्याय शुरू कर ऐतिहासिक कदम उठाया है। टैबलेट पर रोबोटिक्स के द्वारा एसटीईएम  और एआई प्रोग्राम की ट्रेनिंग शिक्षा और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अभूतपूर्व होगा।

आदर्श विद्या मंदिर की 'प्रिंसिपल श्रीमती 'अलका जैन ने बताया कि हमें आश्रय के सहयोग से हम डिजिटल लर्निंग इको सिस्टम शुरू करने वाले पहले स्कूल होने का अवसर प्राप्त हुआ है।  टैबलेट और रोबोटिक्स के साथ डिजिटल क्रांति ने हमारे बच्चों की उम्मीदों को बढ़ाया है। टैबलेट जैसे लेटेस्ट टेक्नोलॉजीज के गैजेट्स ने छात्रों के ज्ञान और अवसरों में इज़ाफा किया है।इससे छात्रों में सीखने की जिज्ञासा और इच्छा बढ़ेगी जो उन्हें लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के नव युग में और आगे ले जाकर नए अवसर प्रदान करने का काम करेगी। 

1997 में स्थापित, आश्रय संस्था एक गैर-लाभकारी संगठन है जो 7 राज्यों में काम करते हुए 9,000 शिक्षकों और विद्यार्थियों को लाभान्वित कर चुका है, जिसका उद्देश्य प्रौद्योगिकी के माध्यम से भारत और विश्वस्तरीय शिक्षा के बीच की खाई को पाटते हुए सम्पूर्ण भारत के बच्चों को समावेशी और समान शिक्षा प्रदान करना है।

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