नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की

             नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की



आराध्य गोविंद देव जी जन्मोत्सव पर पंचामृत अभिषेक


जयपुर। भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि सोमवार को अपराकाशी श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर कृष्णमय हो उठी। राजधानी के चारों कोनों के सजे मंदिरों में कान्हा के पलना सजे थे। श्रद्धालु भाव विभोर होकर ठाकुर जी झुलाते रहे। सर्वार्थ सिद्धी,  राजयोग और गुरु चंद्र युति के कारण गजकेसरी योग में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव के उल्लास को आसमान में छायी काली घटाओं और बारिश ने कई गुणा बढ़ा दिया।मंदिरों के अलावा घर—घर में बाल स्वरूव लड्डू गोपाल को पालना में बैठाकर विशेष श्रृंगार किया गया। माखन-मिश्री का भोग लगाया। मुख्य उत्सव ठिकाना मंदिर श्री गोविंद देवजी में मना।


 आराध्य देव के दरबार में श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर वृंदावन जैसा नजारा था। मंदिर की तरफ आने वाले हर रास्ते में श्रद्धालुओं की भीड़ थी तो बाहर मंदिर के बाहर मेले का सा माहौल रहा। बधाई संदेश, बांदरवाल, और रंग-बिरंगी रोशनी मंदिर की सुंदरता में चार चांद लगा रहे थे। सुबह मंगला झांकी से शुरू हुआ भक्तों के आने का सिलसिला मध्य रात्रि के कृष्ण जन्माभिषेक तक लगा रहा। मंदिर के मुख्य द्वार एवं निकास कुआं द्वार पर गूंजती शहनाई की मधुर स्वर लहरियांं और भक्तों के मुख से राधे-राधे और हरे-कृष्ण, हरे कृष्ण के जयघोष हर किसी को आनंदित कर रहे थे। आंखों में आराध्य देव के दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालुओं में कई तो लड्डू गोपाल को साथ मंदिर पहुंचे। आम श्रद्धालु ही नहीं खास लोगों ने भी ठाकुरजी चौघट पर ढोक दी। उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी, मुख्य सचिव सुधांशु पंत, देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत, सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा, हवामहल विधायक बालमुकुंदाचार्य, पूर्व सांसद रामचंद्र बोहरासहित अनेक विशिष्टजनों ने ठाकुरजी के दर्शन किए।


मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि सुबह ठाकुर श्रीजी का मंगला झांकी पूर्व पंचामृत अभिषेक किया। ठाकुर श्रीजी को नवीन पीत वस्त्र (पीले) धारण करवाकर विशेष अलंकार धारण कराए गए। ठाकुर श्रीजी का विशेष फूलों का श्रृंगार किया गया। गोटा लगी रेशमी पीली पोशाक में ठाकुर श्रीजी बाल गोपाल स्वरूप में नजर आए।तीन कतारों में रही दर्शन व्यवस्था:सुबह मंगला झांकी से ही दर्शनार्थियों को बैरिकेटिंग से दर्शन व्यवस्था प्रारंभ कर दी गई। पास धारक, आमजन प्रवेश बिना जूता चप्पल, आम जन प्रवेश जूता चप्पल वालों के लिए तीन अलग-अलग लाइनों की व्यवस्था रही। इन तीनों लाइनों से आकर दर्शनार्थियों ने दर्शन किए। सुबह पास धारकों की लाइन में ज्यादा भीड़ रही। जलेबी चौक से आए श्रद्धालुओं को जय निवास बाग पूर्वी गेट से से निकास हुआ।


 ब्रह्मपुरी और कंवर नगर की ओर से आए श्रद्धालुओं की निकास व्यवस्था चिंताहरण हनुमानजी मंदिर होते हुए जय निवास बाग पश्चिम द्वार से किया गया।935 किलो पंचामृत से हुआ जन्माभिषेक:मध्य रात्रि ठीक बारह बजे मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने 425 लीटर दूध, 365 दही, 11 किलो घी, 85 किलो बूरा, 11 किलो शहद से निर्मित पंचामृत से ठाकुरजी का अभिषेक किया। कृष्ण जन्माभिषेक के दृश्य को दर्शनार्थियों ने अपलक निहारा। इससे पूर्व श्री शालिग्राम जी का पांच द्रव्यों के पूजन किया। गोविंद जी मिश्र ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा का पाठ किया। रात्रि 12 बजे 31 तोपों की सलामी दी गई और विशेष रंगीन आतिशबाजी की गई। रात्रि 12 बजे गोविंद अभिषेक दर्शन खुले। इसमें 6 पंडितों ने वेद पाठ किया। अभिषेक के बाद ठाकुरजी को पंजीरी लड्डू, खिरसा एवं रबड़ी कुल्लड़ का भोग लगाया गया। अभिषेक के बाद सभी भक्तों में निशुल्क पंचामृत एवं पंजीरी वितरण जय निवास बाग में बने प्रसादी मंच से किया गया।

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