2700 पक्षी और मृत मिले, सरकार ने भी माना अब तक 10861 पक्षियों की मौत


जयपुर। सांभर झील का किनारा परिंदों के शवों का समंदर बन गया है। शनिवार को भी 2700 मृत मिले। अब सरकारी आंकड़ों में भी मृत पक्षियों की संख्या 10 हजार के पार पहुंच गई है। हैरानी की बात ये है कि 4 दिन बाद भी मौत के सही कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है। मुख्यमंत्री ने दो दिन पहले एक और रेस्क्यू सेंटर बनाकर पक्षियों को इलाज मुहैया कराने की बात कही थी, लेकिन यह व्यवस्था शरू नहीं हो पाई है। जयपुर डिविजन में ही जिस नर्सरी में पक्षियों को लाकर रेस्क्यू किया जा रहा है, वह लगभग भर चुकी है। ऐसे में स्थानीय अफसर जैसे-तैसे पक्षियों को रखने की व्यवस्था कर रहे हैं। पक्षियों की मौत के कारणों की तीन जगहों से रिपोर्ट आनी बाकी है। इस बीच सभी एक्सपर्ट ने सरकारी विभागों को एक ही काम दिया है- झील और किनारों के आसपास दम तोड़ सड़-गल रही पक्षियों की लाशों को उठाया जाए। साथ ही घायल, दम तोड़ रहे परिंदों को दूर रेस्क्यू किया जाए। भास्कर ने दो दिन झील के कई तटों की खाक छानी तो इसी में सरकारी अमला फेल नजर आया। झील में आसान पहुंच वाले आ रही है, जो मौके पर नहीं पहुंच जिन तटों से मत परिंदों को उठाने रहे और केवल फोन या कागजी की बात कही गई है, दरअसल वहीं रिपोर्ट में उलझे हैं। चीफ वाइल्ड पर कई नन्हें परिंदों की लाशें पड़ी हैं। लाइफ वार्डन ने डेटा कलेक्शन कर शाकंभरी माता मंदिर तक पहुंचने के रिपोर्ट देने में लगे हैं, जबकि फील्ड रास्ते में झील के दूसरी ओर पानी के में पक्षियों को रेस्क्यू कराने के लिए स्पॉट पर यही नजारा शनिवार को उनकी जरूरत है। अभी तक वन दिखा। भास्कर टीम मौके पर पंहुची विभाग जयपुर डिविजन में ही तो 100 मीटर एरिया में ही 20 पक्षियों के रेस्क्यू की प्रॉपर व्यवस्था नन्ही चिड़ियों (केंटिस फ्लोवर) की नहीं कर पाया। नागौर डिविजन में लाशें इधर-उधर पड़ी थीं। इनमें से तो झील से पक्षी उठाने को नाव कई जिंदगी की जंग लड़ते हुए उड़ान आदि इंतजाम तक नहीं हुए। भरने की कोशिश में थीं, लेकिन सीसीएफ अजमेर आरके जैन से पंख साथ नहीं दे रहे थे। ऐसे कई पक्षियों के रेस्क्यू, इंतजामों पर स्पॉट अभी तक बाकी हैं। सवाल किए तो कभी उन्होंने अधिकारी सिर्फ फोन और एनिमल हसबेंडरी तो कभी कलेक्टर कागजी रिपोर्ट में ही उलझे रहे: आदि का नाम आगे किया। वन घायल परिंदों को रेस्क्यू करना बड़ा विभाग की कोई जिम्मेदारी है या चैलेंज बन गया है। इस काम में बड़े नहीं, इस पर बोले कि चीफ वाइल्ड अधिकारियों की लापरवाही सामने लाइफ वार्डन को सब पता है।


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