अयोध्या फैसले के मद्देनजर गडबडी रोकने के लिए पलिस 3000 लोगों को चिह्नित कर उनकी निगरानी कर रही है


एजेंसी नई दिल्ली।


सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी, डीजीपी ओमप्रकाश सिंह समेत कई वरिष्ठ अफसरों से मुलाकात की। अयोध्या केस में फैसला आने से पहले प्रदेश की सुरक्षा तैयारियों के लिहाज से इस मुलाकात को अहम बताया जा रहा है। अयोध्या मामले की चीफ जस्टिस की अगुआई वाली 5 जजों की बेंच ने सुनवाई की थी। उत्तर प्रदेश के आलाअफसरों के साथ बैठक में बेंच के अन्य जज भी मौजूद हैं। प्रशासन ने फोर्स की 100 कंपनियां मांगी: अयोध्या जिले को चार जोन- रेड, येलो, ग्रीन और ब्लू में बांटा गया है। इनमें 48 सेक्टर बनाए गए हैं। विवादित परिसर, रेड जोन में स्थित है। पुलिस के मुताबिक, सुरक्षा योजना इस तरह बनाई जा रही है कि एक आदेश पर पूरी अयोध्या को सील किया जा सके। प्रशासन ने फैसले का समय नजदीक आने पर, अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त 100 कंपनियां मांगी हैं। इससे पहले दीपोत्सव पर यहां सुरक्षाबलों की 47 कंपनियां पहुंची थीं, जो अभी भी तैनात है। 16000 वॉलियंटर्स तैनातः अयोध्या पुलिस ने सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार के दुष्प्रचार या किसी भी सम्प्रदाय के खिलाफ भड़काऊ कंटेंट के प्रसार पर नजर रखने के लिए जिले के 1600 स्थानों पर 16 हजार वॉलंटियर तैनात किए हैं। गड़बड़ी रोकने के लिए 3000 लोगों को चिह्नित करके उनकी निगरानी की जा रही है। हमारी तैयारियां पूरीः डीएमः अयोध्या के डीएम अनुज कुमार ने कहा कि प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। हालांकि फैसले के मद्देनजर विवादित जगह के आसपास रहने वाले लोग घरों में राशन जमा कर रहे हैं। हालांकि, उन्हें भरोसा दिलाया गया है कि सामान्य जीवन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। फैसले के बाद स्कूलों के खुलने के संबंध में भी बातचीत की जा चुकी है। रेलवे ने आरपीएफ की छुट्टियां रद्द की: अयोध्या पर फैसले को देखते हुए रेल पुलिस (आरपीएफ) ने भी एडवाइजरी जारी की है। सभी जोन कार्यालयों को भेजे गए 7 पन्नों के दस्तावेज में प्लेटफॉर्म, स्टेशन और यार्ड पर खास निगरानी रखने को कहा गया है। साथ ही हिंसा की दृष्टि से संवेदनशील और ऐसे स्थानों की पहचान करने को कहा है, जहां असामाजिक तत्व विस्फोटक छुपा सकते हैं। भीड़भाड़ वाले 78 स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ाने को कहा गया है, जिनमें मुंबई, दिल्ली, महाराष्ट और उत्तर प्रदेश के स्टेशन शामिल हैं। साथ ही, रेलवे स्टेशन और आस-पास मौजूद धार्मिक स्थानों की खास निगरानी करने को कहा गया है। रही है आरपीएफ ने अपने सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और अयोध्या पर फैसला आने से पहले रेलगाड़ियों में भी अतिरिक्त बल तैनात करने की बात कही 40 दिन चली सुनवाई: 16 अक्टूबर को अयोध्या मामले पर 40 दिन की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। संविधान पीठ की अध्यक्षता कर रहे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर होंगे। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवादित जमीन को 3 हिस्सों में बांटने के लिए कहा था: 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि अयोध्या का 2.77 एकड़ का क्षेत्र तीन हिस्सों में समान बांट दिया जाए। एक हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड, दूसरा निर्मोही अखाड़ा और तीसरा रामलला विराजमान को मिले। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 14 याचिकाएं दाखिल की गई थीं।


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