जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 से अलगाववाद की दीवार खड़ी की गई, हमने इसे गिरा दियाः मोदी

 



एजेंसी नई दिल्ली


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की 144वीं जयंती के मौके पर गुरुवार को गुजरात के केवड़िया में स्टेच्यू ऑफ यूनिटी पर श्रद्धांजलि दीउन्होंने राष्ट्रीय एकता के लिए शपथ भी दिलाई। प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 से अलगाववाद की दीवार खड़ी की गई, हमने इसे गिरा दिया। वहीं, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में पटेल को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इससे पहले मोदी ने बुधवार को गांधीनगर में मां हीरा बा से मिले। मोदी सरकार ने पटेल जय मिले। मोदी सरकार ने पटेल जयंती को राष्टीय एकता दिवस मनाने की घोषणा की थीमोदी ने यह भी कहा, "जिस तरह किसी तीर्थस्थल आकर अनुभूति मिलती है, वैसे ही मुझे केवड़िया आकर मिलती है। देश के अलग-अलग हिस्सों से मिले लोहे और मिट्टी से स्टेच्यू ऑफ यूनिटी बनाई गई है। इसलिए यह प्रतिमा विविधता में एकता का जीता-जागता संदेश है। आज से ठीक एक साल पहले प्रतिमा को देश को समर्पित किया गया था। यह प्रतिमा भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व को आकर्षित कर रही है। सरदार पटेल को श्रद्धासुमन अर्पित कर 'भारत अर्पित कर देश गौरव का अनुभव कर रहा है।" 'भारत की पहचान विविधता में एकता': प्रधानमंत्री ने कहा, "देश के अलग-अलग हिस्सों में स्त्री-पुरुष ने रन फॉर यूनिटी में हिस्सा लियापूरी दुनिया में अलग-अलग देश, अलग-अलग पंथ, विचारधाराएं, रंगरूप में लोग जुड़ते गए, कारवां बनता चला गया। भारत की पहचान विविधता में एकता है। यह हमारा गर्व, गौरव, गरिमा है। हमारे यहां विविधता को सेलिब्रेट किया जाता है। हमें विविधता में विरोधाभास नहीं सामय दिखता है। यह हमें जीने का जज्बा देता है। जब हम देश की सैकड़ों बोलियों पर गर्व करते हैं तो भाव का बंधन बन जाता है। जब भिन्न-भिन्न खान-पान को विशेषता समझते हैं तो अपनेपन की मिठास आ जाती है। अलग-अलग त्योहारों में शामिल होते हैं तो नई महक आने लगती है, भारतीयता का भाव चारों दिशाओं में फैलता है। एक भारत श्रेष्ठ भारत ही नेशन बिल्डिंग है। यह किसी और देश के भाग्य में नहीं मिलेगी। दक्षिण में जन्मे शंकर उत्तर में मठों की स्थापना करते हैं। बंगाल में जन्मे विवेकानंद को कन्याकुमारी में ज्ञान मिला। पोरबंदर में में जन्मे एपीजे अब्दुल कलाम दिल्ली में सबसे ऊंचे पद पर आसीन हुए। हम भारत के लोग- ये सिर्फ 3-4 शब्द नहीं हैं, यह हजारों साल से चली आ रही एकता को समेटे हुए है।" "जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए जाते हैं तो भूल जाते हैं कि अमुक खिलाड़ी किस जिले, किस राज्य का है। उसकी भाषा क्या है। जब तिरंगा लहरता है तो कश्मीर से कन्याकुमारी और महाराष्ट से मणिपुर तक सबके दिल खिल उठते हैं। जब सरदार पटेल ने रियासतों के एकीकरण की बात कही थी, तब वे उसी भाव से चले आए थे।


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