जयपुर में रुके महाराष्ट्र के विधायक दिल्ली रवाना, आलाकमान ने किया तलब


जयपुर। कार्यालय संवाददाता


राजस्थान में आठ नवंबर से रुके महाराष्ट्र के 40 विधायकों में से कुछ को आलाकमान ने दिल्ली बुलाया है। दिल्ली में सुबह हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर चर्चा हुई। हालांकि किसी अंतिम नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका। अब एक बार फिर इस विषय पर चर्चा होगी। वहीं सूत्रों के अनुसार 90 प्रतिशत विधायक शिवसेना को समर्थन देने के पक्ष में हैं। हालांकि आलाकमान ने प्रमुख विधायकों व नेताओं से व्यक्तिगत तौर पर मिलना के बारे में तय किया है। जयपुर में ठहरे प्रमुख विधायक व नेता चार्टर विमान से दिल्ली के लिए रवाना हो गए। इनमें पूर्व सीएम सुशील कुमार शिंदे, पृथ्वीराज चव्हाण, अशोक चव्हाण शामिल हैं। इन नेताओं के साथ राजस्थान प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे भी साथ गए हैं। इससे पहले रविवार को जयपुर में हुर्र महाराष्ट कांग्रेस विधायक दल की बैठक में विधायक दल के नेता का चयन नहीं हो सका। महाराष्ट कांग्रेस ने विधायक दल का नेता चुनने का निर्णय कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी पर छोड़ दिया। साथ ही कांग्रेस ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर शिवसेना के साथ नहीं जाने का निर्णय किया था। इस संबंध में बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पारित किया गयाबैठक में तय किया गया कि कांग्रेस का एनसीपी के साथ गठबंधन जारी रहेगा। महाराष्ट्र कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार को यहां जयपुर में संपन्न हुई। राजस्थान महाराष्ट्र कांग्रेस की राजनीति का केंद्र बना हुआ है। हॉर्स ट्रेडिंग के डर से महाराष्ट कांग्रेस के 40 विधायकों ने जयपुर में डेरा डाल हुआ हैइन्हें दिल्ली रोड स्थित आमेर के ब्यूना विस्टा रिसोर्ट में ठहराया गया है। शनिवार को महाराष्ट कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी मल्लिकार्जुन खडगे, पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण, पीसीसी चीफ बाला साहेब थोराठ सहित अन्य नेता भी यहां पहुंच चुके हैं। राज्य सरकार ने खडगे को स्टेट गेस्ट का दर्जा दिया है। विधानसभा की 288 सीटों पर 21 अक्टूबर को हुए चुनाव में भाजपा को 105 सीटें मिलीं थीं। बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत है। भाजपा की सहयोगी शिवसेना को 56 सीटें मिली थींइससे पहले शिवसेना ने दावा किया था कि लोकसभा चुनावों से पहले दोनों गठबंधन सहयोगियों ने अगले कार्यकाल में ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की साझेदारी का फैसला किया था। वहीं फडणवीस ने जोर देकर कहा था कि 'मेरी मौजूदगी में' दोनों दलों द्वारा मुख्यमंत्री पद की साझेदारी को लेकर कोई समझौता नहीं किया गया था। वहीं, शिवसेना को अपने विधायकों के खरीद-फरोख्त का भी डर है। इस कारण से शिवसेना ने अपने विधायकों को बांद्रा के रंगशारदा होटल से माध आइलैंड के किसी रिजॉर्ट में 15 नवंबर तक शिफ्ट कर दिया है। राजस्थान में इन विधायकों की खूब खातिरदारी की जा रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कई मंत्री इनसे मिलने आते रहे।


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