मासूम के लिए जानलेवा हो सकती है मां की हार्ट डिजीज


जयपुर (कासं.)। संतान का सुख प्राप्त करना हर माता-पिता की इच्छा होती है। प्रेग्रेसी के दौरान महिला को कई तरह की सावधानियां रखने को भी कहा जाता है। लेकिन महिला को दिल से जुड़ी बीमारी है तो प्रेग्रेसी कई मायनों में मां और बच्चे, दोनों के लिए खतरे भरा साबित हो सकता है। अलग-अलग हार्ट डिजीज होने पर प्रेग्रेसी के दौरान अलग-अलग खतरे हो सकते हैं जो महिला और गर्भस्थ शिशु दोनों की जान को खतरे में डाल सकते हैं। ऐसी स्थिति में एक्सपर्ट कार्डियालॉजिस्ट से परामर्श लेने के बाद ही प्रेग्रेसी प्लान करनी चाहिए। पा में दबाव बढी है, इसीलिए रेडिसन का खतरा हो हार्ट एंड जनरल हॉस्पिटल (टोंगिया) डिजीज है, प्रेग्रेसी के दौरान उन्हें हार्ट फेल हार्ट की समस्या है तो नियमित देखभाल से के सीनियर कार्डियक होने का खतरा बढ़ जाता है। यदि महिला को इसमें सुधार लाया जा सकता है। इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिस्ट डॉ. राहुल सिंघल ने अपनी बीमारी के बारे में पहले से पता हो तो पल्मोनरी आटीरियल हाइपरटेंशन बताया कि यदि किसी महिला को कोई हार्ट उन्हें विशेषज्ञ से सलाह लेकर ही अपनी होने पर गंभीर हो सकती है स्थितिः जिस डिजीज है और वह उसका इलाज करवा रही प्रेग्रेसी के लिए प्लानिंग करनी चाहिए। वहीं महिला को यह समस्या होती है, उनके है तो उसे विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद ही कैथ लैब या एक्सरे जांच के दौरान भी फेफड़ों में दबाव बढ़ जाता है। फेफड़ों की प्रेग्रेसी से संबंधित योजना बनानी चाहिए। गर्भस्थ शिशु को रेडिएशन का खतरा हो आर्टरी में दबाव बढ़ने से हार्ट उनमें खून का क्योंकि हार्ट डिजीज के इलाज के लिए लंबे सकता है, इसीलिए रेडिएशन के कम से कम संचार नहीं कर पाता और उसे नुकसान समय तक दवाइयां लेनी पड़ती हैं और ऐसे संपर्क में आने का प्रयास करें। पहुंचता है। यदि महिला को यह समस्या है में महिला प्रेग्रेट हो जाती है तो उस दवाई का अस्पताल में करवाएं डिलीवरी: तो एक्सपर्ट उन्हें प्रेग्रेसी प्लान करने की गर्भस्थ शिशु पर भी प्रभाव पड़ सकता हैयदि महिला के हार्ट के वॉल्व खराब हो और सलाह नहीं देंगे क्योंकि इसमें बच्चे के विशेषज्ञ की सलाह लेने पर मां और बच्चे, उसका इलाज न कराया हो तो प्रेग्रेसी से बचने की समस्या 100 में से एक होती है। दोनों को खतरा नहीं रहता। पहले एक बार जांच करा लेनी चाहिए नहीं वहीं महिला के दिल की धडकन असामान्य हाइपरटेंशन सहित अन्य बीमारियां तो बाद में खतरा बढ़ सकता है। डॉ. राहुल हो तो उसे डॉक्टर से प्रेग्रेसी के संबंध में बढ़ा सकती है मुश्किलें: डॉ. राहुल बताते सिंघल ने बताया कि वॉल्वुलर हार्ट डिजीज सलाह लेनी चाहिए। क्योंकि उन्हें खून पतला हैं कि, ज्यादा उम्र में प्रेग्रेसी होने पर वाली महिला की डिलीवरी अस्पताल में करने की दवाएं दी जाती हैं जो बच्चे के हाइपरटेंशन की शिकायत हो सकती हैकराई जानी चाहिए क्योंकि उस दौरान लिए नुकसानदायक होता है। ऐसे में महिला प्रेग्रेसी के दौरान हाइपरटेंशन होने से बच्चे गायनोकोलॉजी के अलावा कार्डियालॉजी को पहले विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए और मां दोनों को नुकसान हो सकता है व एक्सपर्ट की भी आवश्यकता होती है जो जिससे वे दवाओं में आवश्यक बदलाव कर बच्चे को बचाया जाना बहुत मुश्किल हो ब्लड प्रेशर की जांच कराती रहनी चाहिए। महिला के दिल की स्थिति पर लगातार नजर सकें जिससे मां और बच्चा दोनों सुरक्षित जाता है। इसीलिए समय-समय पर अपने वहीं जिन महिलाओं को जन्मजात हार्ट बनाए रखते हैं। यदि महिला को डायलिटिड रहें। निवारू रोड, जयपुर से प्रकाशित। पीआरबी एक्ट के तहत खबरों के लिए जिम्मेदार। मो. 9314017636


Comments

Popular posts from this blog

नाहटा की चौंकाने वाली भविष्यवाणी

मंत्री महेश जोशी ने जूस पिलाकर आमरण अनशन तुड़वाया 4 दिन में मांगे पूरी करने का दिया आश्वासन

उप रजिस्ट्रार एवं निरीक्षक 5 लाख रूपये रिश्वत लेते धरे