महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लाग, रामनाथ कोविंद ने कैबिनेट की सिफारिश को मंजूरी दी
एजेंसी मुंबई।
सरकार गठन को लेकर असमंजस की स्थिति के बीच महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कैबिनेट की सिफारिश को मंजूरी दे दी। राष्ट्रपति शासन को लेकर शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल कर तत्काल सुनवाई की मांग की है। बताया जा रहा है कि कपिल सिब्बल शिवसेना की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर सकते हैं। गृह मंत्रालय ने कहाशिवसेना राज्यपाल का मानना है कि नतीजे सामने आने के 15 दिन बाद भी कोई भी दल सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में राष्ट्रपति शासन लगाना ही बेहतर विकल्प है। राज्यपाल ने शिवसेना को 2 दिन का वक्त नहीं दिया था: ___ राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सबसे पहले सबसे बड़े दल भाजपा को सरकार बनाने का न्योता सौंपा था। लेकिन, भाजपा ने सरकार गठन की इच्छा जाहिर नहीं की। इसके बाद दिलचस्पी शिवसेना को न्योता दिया गया। लेकिन, शिवसेना ने 2 दिन का वक्त मांगा था। राजभवन ने इससे इनकार कर दिया। इसके बाद तीसरे सबसे बड़े दल गांधी राकांपा से राज्यपाल ने सरकार बनाने की इच्छा के बारे में पूछा। राकांपा ने कहा कि हमें मंगलवार रात 8-30 बजे तक का वक्त सौंपा गया है। अब कांग्रेस की सरकार बनाने मुंबई रवाना हो रहे हैं। सत्ता गठन को में दिलचस्पी: सोमवार को दो बैठकों लेकर फैसला सोनिया और पवार की के दौरान सोनिया ने महाराष्ट्र विधायकों बातचीत के बाद ही होगा। राकांपा नेता से सरकार बनाने पर राय मांगी और अजित पवार ने मंगलवार को कहा कि साथ ही राकांपा से भी चर्चा की। सूत्रों हमने (राकांपा और कांग्रेस) साथ का कहना है कि अब कांग्रेस की साथ चुनाव लड़ा है, इसलिए सरकार दिलचस्पी महाराष्ट्र में सरकार बनाने को बनाने का फैसला हम अकेले नहीं ले लेकर बढ़ रही है। मंगलवार को हुई सकते। उन्होंने कहा- कल 10 बजे से कांग्रेस की बैठक में सरकार बनाने को शाम 7 बजे तक हम उनके पत्र की राह लेकर ही चर्चा हुई। इसके बाद सोनिया देखते रहे, लेकिन शाम तक वह नहीं गांधी ने केसी वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन मिला। हमारा अकेले पत्र देना ठीक खड़गे और अहमद पटेल को राकांपा नहीं था। हमारे पास कुल 98 विधायक के साथ समन्वय का जिम्मा सौंपा है। हैं। आज शाम को राकांपा और कांग्रेस वेणुगोपाल ने बताया कि हम सभी नेताओं की मुंबई में बैठक होगी।
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