महिलाओं में बिना दर्द के भी आता है हार्ट अटैक


महिलाओं में अलग होते हैं हार्ट अटैक के कारण व लक्षण


कार्यालय संवाददाता जयपुर।


पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण अलग होते हैं। शारीरिक बनावट और कुछ स्त्री रोगों जैसे कारणों से इनमें हार्ट अटैक के लक्षण और जटिलताएं पुरुषों से अलग होती है।महिलाओं में अक्सर अलग लक्षणों के साथ साइलेंट हार्ट अटैक आता है। नींद लेने में होती है दिक्कतः जिन महिलाओं को नींद लेने में दिक्कत होती है, उन्हें हार्ट अटैक होने की संभावना अधिक होती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 50 प्रतिशत महिलाओं ने हार्ट अटैक आने से पहले कुछ दिनों तक नींद न आने की शिकायत की है। वहीं महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षणों में पेट संबंधित समस्याएं भी शामिल हैं। लगातार अपच, मतली या उल्टी की समस्या हार्ट अटैक के लक्षणों में शामिल है। हार्मोनल बदलाव भी हो सकते हैं कारण: कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. राहुल सिंघल ने बताया कि जिन महिलाओं का मीनोपॉज होने के बाद एस्ट्रोजन हार्मोन लेवल कम हो जाता है, उन्हें हार्ट अटैक होने की संभावना बढ़ जाती है। हाथ, पीठ, गर्दन, जबड़े या पेट में दर्द, अनियमित दिल की धडकन या गंभीर सीने में दर्द और बिना गतिविधि के पसीना आने जैसे लक्षण मीनोपॉज के बाद होने वाले हार्ट अटैक के हो सकते हैं। मीनोपॉज के कारण भी खतरा: महिलाओं में हार्ट अटैक का एक कारण मीनोपॉज के कारण होने वाले हार्मोनल बदलाव भी हैं। एंडोमेट्रियोसिस, पीसीओएस या गर्भावस्था के दौरान प्रीक्लेम्पसिया जैसे ऑटोइम्यून विकारों के कारण भी महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा जल्दी हो जाता है। डॉ. राहुल ने बताया कि 40 साल की उम्र के बाद महिलाओं को नियमित रूप से विशेषज्ञ से चेकअप कराना चाहिए, जिससे हार्ट अटैक के खतरे को समय पर टाला जा सके।


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