मुख्यमंत्री गहलोत बोले.. यह अच्छा फैसला नहीं, राज्यपाल ने अस्थिरता कायम कर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगा दिया
जयपुर।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को महाराष्ट में चल रहे सियासी घमासान पर बात की। उन्होंने कहा- महाराष्ट्र के अंदर राष्ट्रपति शासन लगा कर अच्छा फैसला नहीं किया। राज्यपाल महोदय ने स्थिरता कायम करने की बजाए अस्थिरता कायम कर दी। गहलोत ने कहा, महाराष्ट महत्वपूर्ण राज्य है। उसमें अगर त्रिशंकु विधानसभा आ गई तो राज्यपाल की जिम्मेदारी थी कि स्थिति कैसे संभल सकती है। कैसे स्थिर सरकार बन सकती है। जल्दबाजी में पहले शिवसेना को बुलाया और फिर वक्त तय कर दिया। ये कहां लिखा हुआ है। आपने 7.30 का टाइम दिया। टाइम बाउंड 7:30। यह कहां लिखा है। इसके बाद राकांपा को बुलाया और बाद में उस मामले में क्या हुआ यह सबको पता है। मिस्टर राणे जो पहले कांग्रेस में थे, शिवसेना में थे और अब वह भाजपा में हैं। वह कहते हैं कि हम तो साम-दाम-दंड से सरकार बनाएंगे। आप सोच सकते हो कि देश किस दिशा में जा रहा है।' उन्होंने कहा- 'आज मोदी जी, अमित शाह जी और एनडीए गवर्नमेंट जिस रूप में देश को चला रहे है, पूरा मुल्क देख रहा है। इनको हरियाणा के अंदर और महाराष्ट के अंदर भी झटका मिल गया है। तब भी अगर इनकी सोच नहीं बदली तो आने वाले वक्त में जनता इनको और सबक सिखाएगी।' गहलोत ने कहा- कांग्रेस, राकांपा, शिवसेना जो भी फैसला करेगी सबको मंजूर होगा। आने वाला वक्त बताएगा क्या फैसला होता है। सीएम ने कहा कि पं.नेहरू के व्यक्तित्व, कृतित्व को दुनिया मान रही है। यह देश का दुर्भाग्य है कि ऐसे लोग सत्ता में बैठे हैं जो सोशल मीडिया द्वारा नई पीढ़ी को गुमराह कर रहे हैं। देश इन्हें कभी माफ नहीं करेगा।
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