पं. जवाहर लाल नेहरू की 130 वीं जयंती के अवसर पर सेमिनार आयोजित नई पीढ़ियों को नेहरू के बलिदान व परिस्थितियों से अवगत कराया जाना चाहिए: मुख्यमंत्री गहलोत


कार्यालय संवाददाता


जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सरकार को महान व्यक्तित्व पं. जवाहर लाल नेहरू द्वारा किए गए लंबे संघर्ष एवं बलिदान के बारे में नई पीढ़ियों को जानकारी दी जानी चाहिए। उनकी दूरदर्शिता की वजह से ही देश में एम्स, आईआईटी और भाभा अटॉमिक रिसर्च सेंटर जैसे संस्थानों की स्थापना हुई। मुख्यमंत्री गहलोत जवाहर कला केंद्र (जेकेके) में गुरुवार को जवाहर लाल नेहरू की 130 वीं जयंती के अवसर पर आयोजित 'राष्ट निर्माण में पंडित जवाहरलाल नेहरू का योगदान' विषयक सेमिनार को संबोधित कर रहे थेउन्होंने बताया कि आधुनिक भारत के निर्माण में और भारतीय लोकतंत्र की नींव रखने के लिए नेहरू द्वारा काफी संघर्ष किया गया था। उन्होंने अपने जीवन के करीब नौ वर्ष जेल में बिताए। जिस समय उन्होंने प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में देश की कमान संभाली थी तब भारत बिजली, जल आपूर्ति, शिक्षा व इंफास्ट्रक्चर नहीं होने जैसी समस्याओं के साथ गंभीर स्थिति में था। सोशल मीडिया पर नेहरू के बारे में झूठा प्रचार एवं कटु आलोचना कर नई पीढ़ी को उनके बारे में गुमराह किया जा रहा है।गहलोत ने कहा कि जो लोग आज नेहरू जी के योगदान को कमतर बताते हए उनकी आलोचना करते हैं, उन्हें जिस लोकतंत्र के कारण सत्ता मिली है, वह लोकतंत्र नेहरू जी की ही देन है। उन्होंने कहा कि आज जो लोग देश को सोशल मीडिया के माध्यम से निम्नतर स्तर तक गिर कर नेहरू जी को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं वे न भूलें कि अंत में जीत सत्य की ही होती है। वे देश का इतिहास न भूलें कि नेहरू जी के दिए लोकतंत्र की मजबूती ही है कि देश की जनता ने जिसे प्रचण्ड बहुमत से जिताया उसे सत्ता से बाहर भी किया है। उन्होंने कहा कि जो आज गांधी जी करते हुए मुख्यमंत्री गहल को चलाने के नाम को आगे रखते हैं उनको यही कहना है कि आगे रखना है तो दिल से रखो, दिखावे के लिए नहींमुख्यमंत्री ने कहा कि जिन्होंने फीडम मवमेंट में हिस्सा नहीं लिया. आजादी के लिए अंगुली तक नहीं कटाई वो नेहरू जी के खिलाफ सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा गांधी जी, नेहरू जी, सरदार पटेल, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, मौलाना आजाद, श्रीमती इंदिरा गांधी जैसे नेता देश के लिए आदर्श हैं, देश की थाती हैं, उनका सम्मान होन ही चाहिए। डिस्कवरी ऑफ इंडिया सीरियल की बात करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि वर्तमान में इस सीरियल को चलाने की जरूरत है, ताकि युवा पीढ़ी पंडित नेहरू के त्याग और योगदान के बारे में जान सके।


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