संस्कृत सीखने का जज्बा ऐसा कि 80% मुस्लिम विद्यार्थियों ने लिया स्कूल में प्रवेश


कार्यालय संवाददाता


जयपुर। प्रदेश में भले ही संस्कृत के प्रति विद्यार्थियों का रुझान कम हो रहा है, लेकिन राजधानी जयपुर में एक स्कूल ऐसा भी हैं जहां संस्कृत सीखने के प्रति मुस्लिम विद्यार्थियों में खासा उत्साह है। उनके उत्साह का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां 80 फीसदी विद्यार्थी मुस्लिम है। वे यहां वैदिक श्लोकों और नीतिगत श्लोकों का ऐसा धाराप्रवाह उच्चारण करते हैं कि सामने वाला दंग रह जाए। बच्चे जब अपना परिचय भी संस्कृत में देते हैं तो सामने वाले को यहां किसी गुरुकुल जैसा अहसास होता है। बड़ी बात यह है कि स्कूल में पढ़ने वालों में बालिकाओं की संख्या अधिक है। विभाग के अधीन दसवीं तक के इस स्कल में 277 विद्यार्थियों का नामांकन है। जिसमें से 222 विद्यार्थी मुस्लिम समुदाय के हैं। दरअसल यह स्कूल 2004 में आठवीं तक क्रमोन्नत हुआ था। तब इस स्कूल के पास खुद का भवन नहीं था। बच्चों में संस्कृत पढ़ने के उत्साह को देखते हुए ठाकुर हरिसिंह मंडावा के पोत्र ने खाली पड़ी जमीन स्कूल को दे दी। इसके बाद स्कूल का नाम भी राजकीय ठाकुर हरिसिंह मंडावा प्रवेशिका संस्कृत विद्यालय खेतड़ी हाउस हो गया। सामान्य शिक्षा के स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले विषय तो यहां चलते ही है। लेकिन संस्कृत स्कूल होने के कारण यहां संस्कृत की पढ़ाई पर विशेष जोर रहता है। अब स्कूल का नया भवन बनने के बाद नामांकन में और अधिक बढ़ोतरी की उम्मीद है। यह संस्कृत स्कूल किशनपोल विधानसभा क्षेत्र में स्थित है। संस्कृत के प्रति विद्यार्थियों के उत्साह को देखते स्थानीय विधायक अमीन कागजी भी स्कूल के विकास के लिए आगे आए हैं। विधायक कोष से स्कूल का नया भवन बनाया जाएगासुविधाएं मिलें तो और संख्या बढ़ सकती है संस्कृत के प्रति विद्यार्थियों में खासा उत्साह हैछात्र संख्या और बढ़सकती है लेकिन भवन के अभाव में संभव नहीं हो पा रहा। स्कूल का नया भवन बनाया जाएगा। भवन बनने के बाद छात्र संख्या में और अधिक बढ़ोतरी की उम्मीद है। ___ - वेदनिधि शर्मा, हैडमास्टर


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