210 किमी दौड़ कर कैंसर के प्रति बढ़ाई जागरूकता


जयपुर। फोर्टिस हॉस्पिटल, गुरुग्राम के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार, डॉक्टर आशू अभिषेक ने ब्रेस्ट और गाइनी कैंसर के बारे में जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से गुरुग्राम से लेकर जयपुर तक दौड़कर 3 दिन में 210 किलोमीटर की दूरी पूरी की। कुल 10 लोगों ने पिंक पर्पल' नाम के इस कार्यक्रम में भाग लिया था और सभी ने 210 किलोमीटर की दूरी तय की। यह दौड़ 7 दिसंबर, 2019 को फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम से शुरु हुई और आज फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, जयपुर में संपन्न हुई। दौड़ के समापन के बाद डॉक्टर आशू अभिषेक ने डॉक्टर रमा जोशी और डॉक्टर निरंजन नाइक के साथ मिलकर एक ओपन सेशन किया। इस सेशन में उन्होंने ब्रेस्ट, सर्वाइकल, ओवेरियन, यूटरीन और महिलाओं से संबंधित अन्य कैंसरों के बारे में जागरुकता बढ़ाई। सेशन में लोगों को हेल्दी लाइफस्टाइल, शुरुआती निदान और समय पर इलाज के महत्व के बारे में बताया गया। गुरुग्राम स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार, डॉक्टर आशू अभिषेक ने बताया कि यह दौड़ महिलाओं के स्वास्थ्य समर्थन में थी। इसके जरिए हम उन्हें बताना चाहते हैं कि कैंसर की रोकथाम और बेहतर स्वास्थ्य के लिए नियमित स्क्रीनिंग, चेकअप और जांच आदि बेहद जरूरी हैं। कार्यक्रम के दौरान बीच-बीच में रुककर हम लोगों से बात कर उन्हें स्वस्थ जीवन, हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज के बारे में जागरुक कर रहे थे। इस प्रकार के कार्यक्रम का हिस्सा होना हमारे लिए गर्व की बात है।
एफएमआरआई में गायनेकोलॉजी ऑन्कोलॉजी विभाग की निदेशक व हेड, डॉक्टर रमा जोशी ने बताया कि फोर्टिस कैंसर इंस्टीट्यूट ऑफ फोर्टिस हॉस्पिटल, गुरुग्राम ने महिला कैंसर के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए पिंक पर्पल वॉकथॉन का आयोजन किया। इस अनोखे जागरुकता कार्यक्रम की शुरुआत फोर्टिस, गुरुग्राम से की गई, जिसमें 1200 लोगों ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिला कैंसर के बारे में जागरुकता बढ़ाना था और इसी उद्देश्य के साथ शाहपुरा में रुककर ग्रामीण महिलाओं को कैंसर के बारे में जागरुक किया गया। जयपुर तक की इस दौड़ का उद्देश्य छोटे शहरों और गांवों की महिलाओं को शुरुआती स्क्रीनिंग और निदान के महत्व के बारे में समझाना था।
फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी निदेशक डॉक्टर निरंजन नाइक ने बताया कि कैंसर एक लाइफस्टाइल की बीमारी है, जिसे लाइफस्टाइल में बदलाव के साथ रोका जा सकता है। शुरुआती पहचान और उचित इलाज के साथ मरीज की जान बचाई जा सकती है लेकिन अच्छे परिणामों के लिए लोगों को जागरुक करना बहुत जरूरी है।


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