भागवत भगवान का वांगमय विग्रह है -प्रज्ञानानंद गिरि    


नागपुर (विं.स)रविवार से श्याम बाबा मंदिर न्यू नंदनवन मंदिर नागपुर महाराष्ट्र में श्रीमद भागवत श्याम कथा प्रथम दिवस में जीव के शिव  मानव के परम बाह्म सरिता को समुद्र बनने अंशी के अंश बनने भक्त के भगवान बनने की भूमिका का नाम श्री श्याम कथा है महाभारत का यह महानतम पात्र बाह्म ही था बाह्म से विलग होकर बाह्म का एक अंश बना संसार में आया और तेरा तुझको अर्पण की भावना से भावित होकर संसार में रहकर भी अपने आप को सर्वेश्वर को समर्पित कर श्याम रूप को प्राप्त किया परमात्मा से मिल जाने के बाद में सर्वेश्वर श्याम के स्वरूप व शक्ति प्राप्त हो जाती है इसलिए महाराज बर्बरीक भगवान श्याम सुंदर को प्राप्त करके भगवान के वह सामर्थ्य को जिसमें भगवान लोगों के कष्ट पीड़ा  हर कर के उद्धार करते है। वही उद्धारक शक्ति सामर्थ श्याम बाबा में भी आ गए।
श्याम भक्तों के कष्ठ को हरण करने में समर्थ संपन्न में बने भागवत भगवान का वांगमय विग्रह है जहां पर धुंधकारी जैसे महापातक अंधतम प्रेत योनि को प्राप्त होता है किंतु श्रीमद् भागवत के श्रवण मात्र से परम पावन और पुनीत होकर के भगवान को प्राप्त होता है उक्त उद्गार निरंजन पीठ के परम आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी प्रज्ञानानंद गिरि जी महाराज श्रीमद् भागवत श्याम कथा के आरंभ में कहीं
प्रातः काल श्रीमद् भागवत श्याम कथा की पोथी यात्रा रानी सती मंदिर में मुख्य यजमान अशोक अग्रवाल शोभा अग्रवाल के द्वारा पूजा अर्चना के साथ आरंभ होकर श्याम धाम पहुंची जहां पर मुख्य अतिथि के रूप में पधारे वैद्यनाथ लिमिटेड कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर  सुरेश शर्मा के द्वारा दीप प्रज्वलन कर कथा का आरंभ किया गया।


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