भारतीय सेना को अमेरिका से मिले लक्ष्य पर अचूक प्रहार करने वाले गोले, पोकरण में परीक्षण जारी
जोधपुर। भारतीय सेना इन दिनों पोकरण में अमेरिका से मिली अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर गन एम 777 के माध्यम से तोपखाने के अत्यधुनिक गोलों का परीक्षण कर रही है। इनके धमाकों से पोकरण फायरिंग रेंज गूंज रही हैचालीस से पचास किलोमीटर की दूरी पर अपने लक्ष्य पर अचूक प्रहार करने में सक्षम ये गाइडेड गोले एकदम अचूक साबित हो रहे है। सभी तरह के मौसम में अचूक साबित होने वाले इन गोलों के माध्यम से लक्ष्य के एक से दो मीटर की परिधि में एकदम अचूक दागे गए है। यहां तक की इन गोलों ने आरसीसी के मजबूत बंकरों को भी आसानी से भेद दिया। भारतीय सेना पहली बार अमेरिका से हाल ही फास्ट ट्रैक माध्यम से अक्टूबर में खरीदे गए इन गोलों का अल्ट्रा लाइट __ हॉवित्जर तोपों के माध्यम से परीक्षण कर रही है। इस तरह के गाइडेड गोलों के मिलने से भारतीय सेना की मारक क्षमता में काफी __ इजाफा हो जाएगा। सैन्य सूत्रों का कहना है कि उन्हें अमेरिका से दो तरह के गोले मिले है। इन गोलों में ही लक्ष्य का निर्धारण किया जाता है। इसके बाद दागो और भूल जाओ की तर्ज पर ये गोले अपने लक्ष्य को पूरी तरह से ध्वस्त कर देते है। इन गोलों का उपयोग 155 एमएम कैलिबर वाली किसी भी तोप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इन गोलों को अल्टा लाइट हॉवित्जर के अलावा बोफोर्स, वज्र व धनु, के माध्यम से भी दागा जा सकता है। इसकी निर्माता कंपनी का दावा है कि गोलों _ में एक बार लक्ष्य निर्धारित करने के पश्चात ये अपने लक्ष्य से बिलकुल नहीं भटकते है। इनकी एक्यूरेसी लक्ष्य से दो मीटर के दायरे _ के भीतर ही रहती है। ऐसे में इस तरह के गोले बारूद मिलने से भारतीय सेना दुश्मन देश की सीमा के भीतर एकदम अचूक प्रहार कर सकेगी। पोकरण में जारी यह परीक्षण अगले कुछ दिन तक चलेगा।
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