चिदंबरम जमानत मिलने के बाद पहली बार बतौर वकील सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, घरेलू हिंसा के मामले में जिरह की


नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया केस में जमानत मिलने के बाद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम बुधवार को पहली बार बतौर वकील सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। उन्होंने कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी के मुवक्किल के खिलाफ दलीलें दी। यह घरेलू हिंसा और तलाक का मामला था। सिब्बल और सिंघवी ने आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम के लिए सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखा था। इन दोनों वकीलों की दलीलों के कारण ही चिदंबरम को 4 दिसंबर को 106 दिनों तक तिहाड़ में रहने के बाद जमानत मिली थी। चिदंबरम ने जमानत मिलने के बाद कहा था कि बाहर आकर खुश हूं और आजादी की हवा में सांस ले रहा हूं। सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम को कुछ शर्तों के साथ जमानत दी थी। कोर्ट ने कहा था कि चिदंबरम किसी भी तरह से गवाहों और सबूतों को प्रभावित नहीं करेंगे, मीडिया में कोई बयान और इंटरव्यू भी नहीं देंगे। चिदंबरम कोर्ट के इजाजत के बिना देश नहीं छोड़ सकते: जस्टिस आर भानुमति की अगुआई वाली बेंच ने कहा था कि चिदंबरम कोर्ट के आदेश के बिना देश से बाहर नहीं जा सकते हैंकोर्ट ने उन्हें बेल बॉन्ड के रूप में 2 लाख रुपए जमा कराने का निर्देश दिया था। चिदंबरम को इस साल 21 अगस्त को सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया था। इस मामले में जमानत मिलने के बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार कर लिया थादोनों ही केस में जमानत के बाद चिदंबरम जेल से रिहा हुए। ईडी ने उनकी जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि यदि उन्हें जमानत मिलती है तो वे गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।


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