देखती हूं बंगाल में कानून कैसे लागू होता है -ममता बनर्जी
एजेंसी
कोलकाता/चेन्नई. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर केंद्र सरकार को चुनौती दी। उन्होंने कहा कि मैं यह देखती हूं कि यहां यह कानून कैसे लागू होता है। ममता ने कहा- अमित शाह ने 'सबका साथ- सबका विकास' का पालन नहीं किया, बल्कि 'सबके साथ सर्वनाश' किया है। बंगाल की सीएम ने केंद्र से कानून वापस लेने की मांग की। इस बीच, अभिनेता और मक्कल निधि मैय्यम (एमएनएम) के अध्यक्ष कमल हासन चेन्नई में नागरिकता बिल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि मैं अगर राजनीतिक पार्टी न भी बनाता तो भी इस कानून के खिलाफ आवाज उठाता। केंद्र सरकार नागरिकता कानून (सीएए) और नेशनल सिटिजन रजिस्टर । (एनआरसी) वापस लें। यदि यह दोनों कानून वापस नहीं लिए जाते हैं तो मैं इसे पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होने दूंगी। ममता ने यह बात सीएए और एनआरसी के विरोध में कोलकाता के हावड़ा मैदान से डोरिंग चौराहा तक निकाली गई रैली में कही। गृह मंत्री का काम आग लगाना नहीं बुझाना है: ममता: ममता ने कहानागरिकता विधेयक को विपक्षी पार्टियों से बिना चर्चा किए ही पारित कराया गया। इसके कारण देश जल रहा है। मैं केंद्रीय गृह मंत्री से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध करती हूं कि देश न जले। उनका काम आग लगाना नहीं बल्कि आग बझाना है। मैं उनसे अपील करना चाहती हूं कि देश का ध्यान रखने के साथ ही अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी नियंत्रित रखें। ममता ने कहा- भाजपा पूरे देश को डिटेंशन सेंटर में बदलना चाहती है। मैं ऐसा नहीं होने दूंगी। अमित शाह कह रहे हैं कि आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं होगा, तो इसे हर चीज के साथ लिंक करने के लिए क्यों कह रहे हैं? वे बताएं नागरिकता साबित करने के लिए क्या साक्ष्य देना होगा। बंगाल सभी धर्म. जाति और संप्रदाय को साथ लेकर चलने में विश्वास रखता है। हम इस देश के नागरिक हैं और हमारी नागरिकता कोई नहीं छीन सकता। छात्रों से कमल हासन ने कहामैं आपके साथ हूं: मद्रास विश्वविद्यालय के सामने प्रदर्शन कर रहे छात्रों से मुलाकात के बाद कमल हासन ने कहामुझे भीतर जाने की इजाजत नहीं है। लेकिन, जब तक मैं जिंदा हूं, मैं अपने आपको छात्र कहूंगा। मैं यहां अपनी पूरी ताकत के साथ इनके साथ खड़ा हूं। मैं आवाज उठाता रहूंगा। मैंने पार्टी न बनाई होती तो भी मैं ऐसा ही करता। अब पार्टी बना ली है तो यह मेरा फर्ज बनता है कि मैं आवाज उठाऊं।
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