कोटा में बच्चों की मौत, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां पहुंचे कोटा  


जेके लोन अस्पताल मे बच्चों की मौत दुखद
एवं पीड़ादायक: डाॅ. सतीश पूनियां
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मुख्यमंत्री राजनीतिक पैदल मार्च में मस्त और जनता त्रस्त: डाॅ. पूनियां
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कांग्रेस राज में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई: डाॅ. पूनियां
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मुख्यमंत्री राजनीति से ऊपर उठकर
जनता के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाएं: डाॅ. पूनियां
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जयपुर, 28 दिसम्बर। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां आज शनिवार को कोटा के जेके लोन हाॅस्पिटल पहुंचे। जहां पिछले एक माह में 77 बच्चों की मौत व 48 घंटे में 10 बच्चों की मौत हुई है, वहां पहुंचकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. पूनियां ने अस्पताल का दौरा किया और चिकित्सक, नर्सिंग कर्मियों व मरीजों के परिजनों से इस संबंध में बातचीत कर जानकारी प्राप्त की। भाजपा जनप्रतिनिधियों एवं कार्यकर्ताओं से इस पूरे घटना क्रम के बारे में विस्तार से चर्चा कर तथ्यात्मक जानकारी प्राप्त की।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने बच्चों की मौत को दुखद एवं पीड़ादायक बताया और कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत जी पैदल मार्च निकालने में बहुत व्यस्त है। पैदल मार्च से थोड़ी फुर्सत मिल जाती है, तो दिल्ली दरबार में उनके लिए हाजिरी मस्ट है। उनको प्रदेश की जनता की कोई चिंता नहीं है। सरकार सड़क पर आने के अलावा दूसरा कोई काम नहीं कर रही, इसीलिए यह मौतों का आंकड़ा बढ़ गया। मुख्यमंत्री जी को चिंता होती तो वह इसे कम कर सकते या मौतों का सिलसिला रोक सकते थे।
डाॅ. पूनियां ने कहा कि सभी के लिए चैंकाने वाली वह आश्चर्यजनक बात है कि सरकार के किसी नुमाइंदे ने इस घटना पर विजिट भी नहीं की। सरकार का अभी एक साल पूरा होने पर दावा किया गया कि जन घोषणा पत्र में अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति प्रतिबद्ध रहेंगे। यह सिर्फ कागजों में ही दर्ज है, जबकि धरातल पर तो प्रदेश की पूरी स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा हुई है। मुख्यमंत्री जी ने कल एक अधिकारी को भेज कर अपने काम की इतिश्री पूरी कर ली। अभी तक जो तथ्य मुझे यहां आने से ध्यान में आए है, उस पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार होने चाहिए। ताकि एक-एक बिंदु पर विचार करके प्रतिपक्ष के नाते हम सरकार को जगाने का काम करें। इस संबंध में हमने तय किया है कि इस मामले की पूरी तथ्यात्मक रिपोर्ट सामने आनी चाहिए। इसलिए पूर्व चिकित्सा मंत्री राजेंद्र राठौड़ और कालीचरण सराफ को इस मामले की जांच सौंपी जा रही है और इनके साथ कुछ विशेषज्ञ भी शामिल होंगे, जो एक-एक बिंदुवार जानकारी करके वह रिपोर्ट देंगे।
डाॅ. पूनियां ने कहा कि मैं महामहिम राज्यपाल से भी गुजारिश करूंगा कि ऐसे संवेदनशील मामले में हस्तक्षेप करें और सरकार को पाबंद करें। मेरा मुख्यमंत्री जी से भी आग्रह है कि केवल बयानों व कागजों और विज्ञापनों में ही सरकार के कामकाज का बखान ना करें, बल्कि हकीकत में भी हो। सरकार को चाहिए की कोटा संभाग का इतना बड़ा अस्पताल है, उसकी दशा सुधारने का काम करें।
मुख्यमंत्री जी के बयान को बताया शर्मनाक
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी का यह बयान की अस्पतालों में तो बच्चों की मौतें होती रहती है, ये बयान किसी भी प्रदेश के मुखिया को देना, शोभा नहीं देता है और यह बयान बहुत ही शर्मनाक हैं। डाॅ. पूनियां ने कहा कि जनता व दूसरों के बच्चों की मौत पर इस तरह का बयान वाकई निंदनीय है। जिन माता-पिता ने अपने बच्चे खोए है, उन पर मुख्यमंत्री का यह वक्तव्य किस तरह का असर करेगा और कितनी पीड़ा देगा। यह राजस्थान की आम जनता इस सरकार का भविष्य तय कर सकती है।


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