मनरेगा के तहत स्वीकृत 15 टांकों में से 10 अधूरे, निर्माण सामग्री में फर्जीवाड़े की आशंका / मनरेगा के तहत स्वीकृत 15 टांकों में से 10 अधूरे, निर्माण सामग्री में फर्जीवाड़े की आशंका


कैलाशपुरी गोस्वामी


बाड़मेर । महात्मागांधी नरेगा योजना के तहत करवाए जा रहे कार्यों में ग्राम पंचायतों में जमकर फर्जीवाडे़ का खेल चल रहा है। स्वीकृत कार्यों में मेटेरियल सहित श्रमिकों के जॉब कार्ड में फर्जी एंट्रियां कर लाखों रुपए हजम हो रहे हैं। ग्राम पंचायत आमलियाला में इसी तरह का मामला सामने आया है। वर्ष 2018-19 के तहत ग्राम पंचायत में करीब 15 टांके स्वीकृत हुए हैं। इनमें से करीब 10 टांकों का काम दिसंबर-जनवरी माह में शुरू करवाया गया, इन सभी जगहों पर ग्राम पंचायत ने नियमानुसार की बजाय कम मेटेरियल डलवा दिया, इस पर लोगों के काम आज भी अधूरे पड़े हैं। स्वीकृत विभिन्न कार्यों में टांका निर्माण का कार्य फरवरी माह तक पूरा हो गया है, वहीं शेष कार्य निर्माण सामग्री के अभाव में अधूरे पड़े हैं। छह माह से लोग निर्माण सामग्री डलवाने को लेकर चक्कर काट रहे हैं, लेकिन ग्राम पंचायत जवाब नहीं दे रही है। जबकि अब लोगों को नेम प्लेट लगाकर फोटो मंगवाए जा रहे हैं, ताकि ग्राम पंचायत कार्य पूरा होने के दस्तावेजों को पूर्ण कर पंचायत समिति में नरेगा की साईड पर इन्हें सबमिट करवाकर शेष भुगतान उठा लिया जाए। 


महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत स्वीकृत कार्य में 3 लाख रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है। इसमें टांका निर्माण, वर्मी कंपोस्ट, केटल शेड बाड़बंदी का कार्य करवाया जाना प्रस्तावित है। ग्राम पंचायत ने जारी सूची में लाभार्थी परिवारों के यहां निर्माण सामग्री डलवाकर काम शुरू करवा दिया, लेकिन सामग्री कम डालने से काम पूरा नहीं हो रहा है। कई लोगों ने जनवरी माह में टांका निर्माण के कार्य शुरू किए, जो फरवरी माह में पूरे हो गए हैं। ग्राम पंचायत की ओर से दी गई सामग्री भी इस कार्य में खप गई है। अब वर्मी कंपोस्ट, केटल शेड बाड़बंदी के कार्य अधूरे पड़े हैं, ग्रामीण महिनों से ग्राम पंचायत के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन इन्हें सामग्री उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है और ही राशि का भुगतान किया जा रहा है। 


छः माह से काट रहे चक्कर 


ग्रामपंचायत आमलियाला के राजस्व गांव सोनगरो की ढाणी में लिखमाराम पुत्र खनंगाराराम, पुखराज पुत्र हमीराराम , पारसराम पुत्र अमराराम, सहित पन्द्रह जनों के योजना के तहत 3 लाख रुपए स्वीकृत हो रखे हैं। जून जुलाई माह में कार्य शुरू किया गया। लोगों ने टांका का निर्माण पूरा करवा दिया है, जबकि केटल शेड, वर्मी कंपोस्ट सहित अन्य कार्य निर्माण सामग्री के बिना अधूरा पड़ा है। घटिया निर्माण के कारण बिखर गए है । कइयों के लगातार ग्राम पंचायत के चक्कर काटने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अब ग्राम पंचायत ने इन परिवारों को नेम प्लेट देकर फोटो खिंचवाकर मंगवा रही है। लोगों ने बताया कि बगैर कार्य पूरा हुए वे नेम प्लेट लगाकर फोटो कैसे उपलब्ध करवाएं। 


जानकारी में नहीं है, अधूरा कार्य है तो पूरा करवाया जाएगा 


ऐसाकोई मामला मेरे सामने नहीं आया है। अगर किसी का कार्य अधूरा है तो वह मेरे से आकर मिले, हाथोंहाथ कार्य शुरू करवाया जाएगा। तिलोक भाटी सरपंच आमलियाला 


जांच करवाकर कार्रवाई की जाएगी 


मनरेगाके तहत करवाए जा रहे कार्यों में कम सामग्री डलवाई जा रही है तो गलत है। मेरी जानकारी में ऐसा मामला नहीं आया है, ऐसा है तो तीन दिन में जांच करवाकर सख्त कार्रवाई की जाएगी। - नरेन्द्र साहू विकास अधिकारी, गुड़ामालानी 


ये सवाल जो जवाब मांगते हैं… 


{मनरेगा के तहत शुरू हुए 15 कार्यों का निर्माण सामग्री के लिए पूरा का भुगतान उठाया गया, जबकि निर्माण सामग्री कम क्यों डलवाई गई। 


कई लोगों के टांके खुदवाने के बावजूद भी सामग्री डाल कर वापस ले जाना और  कार्य पूरा होने के बावजूद अब तक शेष सामग्री डलवाकर कार्य क्यों नहीं करवाया जा रहा है। 


 पांच माह से जिन लाभार्थियों के कार्य अधूरे हैं, वहां पर ग्राम पंचायत के अब तक मॉनिटरिंग कर जानकारी क्यों नहीं ली। 


{ टांका के अलावा शेष कार्य अधूरा होने के बावजूद भी नेम प्लेट लगाकर फोटो क्यों लीया गया  


 ग्राम पंचायत शेष कार्य पूर्ण करवाने की मंशा रखती है, तो पांच माह से काम अटके हुए क्यों पड़े हैं। 


{ दिसम्बर-जनवरी माह में कार्य शुरू हुए, करीब 1 लाख रुपए की जगह अब तक 30 से 40 हजार रुपए तक की ही सामग्री उपलब्ध क्यों करवाई गई। 


आधी-अधूरी डाली जा रही निर्माण सामग्री 


जानकारीके अनुसार 3 लाख के तहत स्वीकृत कार्यों में 62 कट्टे सीमेंट, 4 ट्रॉली बजरी, डेढ़ ट्रिप पत्थर, 2 ट्रॉली मूंगिया, 2 ट्रॉली कंकरीट, आसलेट, ढक्कन, छींणे, जाळियां, केटल शेड के लिए पतरे सहित अन्य सामग्री डालनी पड़ती है। जबकि ग्राम पंचायत ने अधिकांश घरों में 40 कट्टे सीमेंट, 4 ट्रॉली बजरी, एक ट्रॉली पत्थर, 1 ट्रॉली मूंगिया, 2 ट्रॉली कंकरीट, छींणे 2 पाट डाले हैं। ऐसे में सीमेंट सहित कई सामग्री कम डाली गई है, वहीं कई घरों में पतरे भी नहीं डाले गए हैं। 


सोनगरो की ढाणी ग्राम पंचायत आमलियाला में निर्माण सामग्री के अभाव में अधूरा पड़ा केटल शेड का कार्य।


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