निर्भया केस नाबालिग होने का दावा करने वाले दोषी पवन की अर्जी खारिज, हाईकोर्ट ने वकील पर 25 हजार जुर्माना लगाया


नई दिल्ली।


दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्भया गैंगरेप और हत्या के चार दोषियों में शामिल पवन गुप्ता की याचिका गुरुवार को खारिज कर दी। मामले में फांसी की सजा पाए दोषी ने बुधवार को याचिका दाखिल की थी, इसमें उसने वारदात के वक्त खुद को नाबालिग बताया था। पवन के वकील एपी सिंह ने सुनवाई के दौरान नए दस्तावेज सौंपने के लिए अदालत से वक्त मांगा, इस पर निर्भया के माता-पिता ने आपत्ति जताई थी। जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने दोषी के वकील को कई बार मैसेज भिजवाया, लेकिन वह कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। इस पर अदालत ने दोषी की उम्र के जुड़ा जाली हलफनामा देने और लुका-छिपा खेलने के मामले में उन पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने बार काउंसिल को वकील के खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है। दोषी पवन ने याचिका में कहा कि वारदात के बाद उसका ओसिफिकेशन टेस्ट (हड्डियों का टेस्ट) नहीं हुआ और न ही उसे नाबालिगों के लिए कानूनी प्रावधानों के तहत रियायत दी गई। उसके मुताबिक, किसी मामले के निपटारे से पहले अपराधी के नाबालिक होने पर विचार किया जा सकता है।


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