प्रशासन में गधे-घोड़ों में फर्क होना चाहिए


पवन अरोड़ा जैसे आईएएस को प्रोत्साहन मिले और निकम्मे अफसरों को सजा। 
शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में राजस्थान आवासन मंडल के परिसर में शिक्षक आवासीय योजना और पुलिस प्रहरी आवासीय योजना की लॉचिंग की। इस मौके पर सीएम ने राजस्थान आवासन मंडल के आयुक्त पवन अरोड़ा की जमकर प्रशंसा की। समारोह में उपस्थित राज्य के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता से गहलोत ने कहा कि प्रशासन में गधे और घोड़ों में फर्क होना चाहिए। गधे यदि घोड़ों के बराबर खड़े होंगे तो सरकार का कामकाज प्रभावित होगा। दो लाख रुपए की तनख्वाह लेने वाला अधिकारी भी जिम्मेदारी से काम नहीं करता है तो ऐसे निक्कम अधिकारी की छुट्टी की जाए। केन्द्र सरकार ने राजस्व सेवा के निकम्मे अधिकारियों को पिछले दिनों ही जबरन छुट्टी दी है। हाईकोर्ट भी न्यायिक अधिकारियों की जबरन सेवानिवृत्ति करता है। पवन अरोड़ा आवासन मंडल में अच्छा काम कर रहे हैं तो उन्हें प्रोत्साहन मिलना चाहिए। आखिर गधे और घोड़ों में कुछ तो फर्क हो। कई बार हम मानवीय दृष्टिकोण अपना कर निकम्मे अधिकारी की एसीआर भी अच्छी भरते हैं। मैंने भी कई मुख्य सचिवों की बिगड़ी एसीआर को अच्छा भरा है। लेकिन हमें ऐसी बुराईयों से बचना चाहिए। यदि अधिकारी निकम्मे होंगे तो सरकार की योजनाओं की क्रियान्वित नहीं होगी। उन्होंने कहा कि एनसी गोयल जब जयपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त थे, तब जयपुर में बड़े पैमाने पर काम हुए। आज भी गोयल के कामों को याद किया जाता है। मजाकिया लहजेे में गहलोत ने कहा कि एक मनचला मनजीत सिंह भी जयपुर में अतिक्रमण हटाने में सक्रिय रहा था। मैं मनजीत सिंह को मनचला इसलिए कह रहा हंू क्योंकि वह अपने धुन का पक्का था। जयपुर के बाजारों के बरामदों को खाली करवाने में मनजीत सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही। गहलोत ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार तो आवास मंडल को बंद कर रही थी। 22 हजार मकान बिना बिके पड़े रहे तो ऐसा विभाग बंद ही होगा। लेकिन आयुक्त पवन अरोड़ा ने आवासन मंडल में जान डाल दी है। आवासन मंडल को मजबूत बनाने में सरकार पूरा सहयोग करेगी। 
धारीवाल ने भी की प्रशंसा:
समारोह में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने भी आयुक्त पवन अरोड़ा की प्रशंसा की। धारीवाल ने कहा कि सीएम गहलोत ने तीन माह पहले शिक्षकों के एक समारोह में घोषणा कर दी कि पुरस्कृत शिक्षकों को रियायती दर पर भूखंड दिए जाएंगे और शिक्षकों के लिए आवासीय कॉलोनी बनाई जाएगी। हालांकि  इन घोषणाओं की क्रियान्विति मुश्किल थी, लेकिन आवासन मंडल ने मात्र तीन माह में सीएम की घोषणा की क्रियान्विति कर दी है। अब शिक्षक आवासीय कॉलोनी में पुरस्कृत शिक्षकों को रियायती दर पर भूखंड भी मिल सकेंगे। धारीवाल ने माना कि आयुक्त पवन अरोड़ा की मेहनत से आवासन मंडल पुर्नजीवित हुआ है। 
अरोड़ा ने गिनाई उपलब्धियां:
समारोह में आयुक्त पवन अरोड़ा ने कहा कि आवासन मंडल के पचास वर्ष के इतिहास में यह पहला अवसर है जब कोई मुख्यमंत्री मंडल परिसर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुआ है। मुख्यमंत्री और नगरीय विकास मंत्री की प्रेरणा से ही शिक्षक और पुलिस प्रहरी आवासीय योजना लॉन्च की जा रही है। उन्होंने कि 22 हजार मकानों को बेचने के लिए आवासन मंडल में कई क्रांतिकारी कदम उठाए गए। पिछले दिनों 162 करोड़ रुपए का राजस्व एकत्रित कर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया गया है। ईऑक्शन प्रणाली की वजह से मंडल के मकान अब ऊंचे दामों में बिक रहे हैं। मंडल के अधिकारियों का व्यवहार निजी क्षेत्र के बिल्डर से भी अच्छा है। मंडल ने अब बुधवार उत्सव की शुरुआत की है। यानि प्रत्येक बुधवार को विशेष तौर पर मकानों का ऑक्शन किया जाता है। गत तीन बुधवार के उत्सव में ही 775 मकान बेचे गए हैं। आने वाले समय में यह गति और बढ़ेगी। मंडल की इंदिरा गांधी विस्तार आवासीय योजना में 142 बीघा का खेल स्टेडियम बनाया जाएगा। इस प्रकार जयपुर में प्रताप नगर में 68 हजार वर्गगज भूमि में कोचिंग सेंटर निर्मित किए जाएंगे। जयपुर शहर में दो चौपाटी भी बनाई जा रही है। अरोड़ा ने कहा कि अब आवासन मंडल के मकान लेने के लिए लोगों में प्रतिस्पर्धा हो रही है। एक मकान के लिए कई आवेदक आ रहे हैं। इस अवसर पर अरोड़ा ने सरकार से आग्रह किया कि आवासन मंडल को अतिक्रमण और अवैध निर्माण हटाने के अधिकार मिलने चाहिए। जयपुर में वी-टू रोड पर मंडल की 42 बीघा भूमि पर अतिक्रमण हो रखा है, लेकिन इस अतिक्रमण को हटाने का अधिकार मंडल के पास नहीं है। कई शहरों में भी मंडल की भूमि पर अतिक्रमण हो रखे हैं। यदि ऐसे अतिक्रमणों को हटाने का अधिकार मिल जाता है तो मंडल की स्थिति और मजबूत होगी


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