8 जनवरी की राजनीतिक हड़ताल में भारतीय मजदूर संघ से संबंधित संगठन शामिल नहीं होंगे

भारतीय मजदूर संघ से संबंद्ध रोडवेज, बिजली, जलदाय, बैंक, आंगनबाड़ी, निजी क्षेत्र में कार्यरत श्रमिक एवं असंगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिक एवं उनसे संबंधित ट्रेड यूनियनों द्वारा 8 जनवरी की प्रस्तावित राजनीतिक हड़ताल में भाग नहीं लिया जाएगा. संघ के महामंत्री से दीनानाथ रुंथला ने बताया की केंद्र सरकार के साथ वार्ता कर श्रमिकों से सम्बंधित बहुत से मुद्दों का समाधान भारतीय मजदूर संघ ने समय-समय पर वार्ता कर करवाया है जिनमें प्रमुख है निम्न है :-
1. बोनस का भुगतान एक्ट 1965 के अंतर्गत भुगतान में बढ़ोतरी।
2. मातृत्व लाभ में वृद्धि।
3. अनुतोषिक (Gratuity) अनुदान का कवरेज बढ़ाना।
4. कृषि व निर्माण क्षेत्र में न्यूनतम आय बढ़ाना।
5. 45 दिनों के अंदर ट्रेड युनियनों का पंजीकरण।
6. आंगनबाड़ी व् आशा कर्मियों  का मानदेय बढ़ाना।
7. कमलेश चंद्र रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण डाक कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाना।
8. अनुसूचित रोज़गार क्षेत्रों यानी कृषि और निर्माण में न्यूनतम मजदूरी बढ़ाना
9. 45 दिनों में ट्रेड यूनियनों का पंजीकरण
10. वेज कोड (Code on Wages) तथा सोशल सिक्योरिटी कोड (Social Security Code) के माध्यम से आखिरी कामगार तक न्यूनतम आय तथा सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध करवाना  
11. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के कन्वेंशन 182 की सम्पुष्टि।
12. आयुष्मान भारत योजना में असंगठित क्षेत्र के कामगारों का समावेश।
13. ई एस आई (ESI) स्कीम की कवरेज बढ़ाना।
14. ई पी एफ ओ (EPFO) के अंतर्गत मिलने वाले लाभ बढ़ाना आदि।
15. वेज कोड के माध्यम से सभी श्रमिकों  को न्यूनतम मजदूरी और सामाजिक सुरक्षा की गारंटी
भारतीय मजदूर संघ प्रतियोगी सहकारिता ( Responsive Co-operation) की नीति के आधार पर कार्य करता है। हम संवाद और संघर्ष की निति पर काम करते हैं। केवल विरोध के लिए विरोध करना हमारी नीति नहीं है। श्रमिकों को मांगों को लेकर श्रमिकों की लंबित मांगों को लेकर अभी भी भारतीय मजदूर संघ संघर्षरत है. 3 जनवरी 2020 को भारतीय मजदूर संघ द्वारा केंद्र सरकार व राज्य सरकारों की श्रमिक विरोधी नीतियों व सार्वजानिक क्षेत्र के उपक्रमों के निजीकरण के विरुद्ध पूरे देश भर में जिला स्तर पर प्रदर्शन किया गया एवं जिला कलेक्टर के माध्यम से प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्रियों को ज्ञापन प्रेषित किया गया का आग्रह किया गया. ताकि श्रमिकों की मांगों का समाधान वार्ता के माध्यम से अविलंब किया जाए. परंतु पूरे देश में हंगामा और गड़बड़ी पैदा करने के उद्देश्य से  वामपंथी एवं अन्य श्रमिक संगठन जो किसी न किसी राजनीतिक दल के हस्तक है के द्वारा प्रस्तावित 8 जनवरी की राजनीतिक हड़ताल जिसे उन्होंने भारत बंद  का नाम दिया है  का भारतीय मजदूर संघ विरोध करता है एवं सभी कार्यकर्ताओं से इससे का आग्रह करता कि इस प्रकार की राजनीतिक हड़ताल में भाग नहीं लेवे.


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