"ईक बाबा अकाल रूप दूजा रबाबी मरदाना"


कार्यालय संवाददाता


जयपुर। धन-धन श्रीगुरू नानक साहेब जी के 550वें प्रकाश पुरब के उपलक्ष्य में जयपुर सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एवं समूह साध संगत, जयपुर की तरफ से दो दिवसीय महान गुरमत समागम के दूसरे दिन का दीवान आज सुबह आसा दीवार के पाठ से शुरू हुआ। यह समागम सूरज मैदान, आदर्श नगर में बने बहुत ही सुन्दर पण्डाल में किया गया। भाई गुरविन्दर सिंह, हजुरीरागी, दरबारसाहेब, अमृतसर वालों ने आसादीवार के पाठकिया एवं "जगतजलन्दा रख ले" शबद गाकर संगत को निहाल किया।


उसके उपरान्त भाई सुखबीर सिंह, गुरू द्वारा दुख निवारण साहेब, पटियाला वालों ने "सिद्ध बोलन शुभ वचन धन बाबा नानक तेरी वडियाई", "कोण जाणे गुण तेरेमेरे साहेबा, मेरे साहेबा'' एवं "ईक बाबा अकाल रूप दूजा रबाबीमरदाना" शबद गाकर संगत को निहाल किया। भाई गुरदीप सिंह जी, कथावाचक, कपूर थलावालों ने बाबा श्रीगुरू नानक देव जी की जीवनी द्वारा जगतारण के लिए की गई चार उदासीयों का वर्णन किया, उनके और उनकी शिक्षाओं से संगत से रूबरू करवाया।


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