हृदय रोगी के लिए भ्रांतियां बढा सकती हैं मुश्किलें


कार्यालय संवाददाता


जयपुर। बिगड़ी लाइफ स्टाइल और खान-पान के चलते हृदय रोग से जुड़े मामलों में एकाएक वृद्धि हुई है। लोगों में जानकारी के अभाव के कारण हृदय रोग और उनके उपचार से जुड़ी कई ऐसी भ्रांतियां फैली हुई हैं जिनका दूर होना आवश्यक है। हार्ट एंड जनरल हॉस्पिटल (टोंगिया) के सीनियर कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिस्ट डॉ. राहुल सिंघल आज हमें कुछ ऐसे ही सामान्य मिथ और उनके सही तथ्यों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। 1. मिथ : हार्ट फेलियर और हार्ट अटैक एक ही रोग है। ___तथ्य : ज्यादातर लोगों को यही लगता है लेकिन ये दोनों अलग- अलग रोग हैं। हार्ट अटैक के कारण हार्ट फेलियर हो सकता है जिसमें आपके हृदय की कार्यक्षमता कम हो जाती है। हार्ट फेलियर में हृदय की मांसपेशियां धीरे-धीरे कमजोर होती जाती हैं। यह मुख्यत- आर्टरी के ब्लॉकेज होना, कार्डियामायापैथी, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, मोटापा, किडनी के रोग आदि के कारण होता है। हार्ट फेलियर, हार्ट अटैक होने के तुरंत बाद भी हो सकता है। वहीं आर्टरी में क्लॉट जमने से रक्त प्रवाह रुकने की स्थिति को हार्ट अटैक कहते हैं। कोरोनरी आर्टरी में ऐंठन से भी हार्ट अटैक हो सकता है। 2. मिथ : स्टेंट डलने के बाद दोबारा समस्या नहीं होती। तथ्य : हृदय की ब्लॉक हो चुकी धमनियों को खोलने के लिए स्टेंट लगाया जाता है। अगर स्टेंटिंग के बाद मरीज अपनी दिनचर्या को संयमित नहीं करता तो स्टेंट के अंदर फिर से ब्लॉकेज होने का खतरा होता है जिसे स्टेंट थ्रोम्बोसिस कहते हैं। इसीलिए दिनचर्या संयमित करनी ही होगी। 3. मिथ : सीआरटी लगने


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