मुद्दों से ध्यान बांट रही हैं केन्द्र सरकार पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने सीएए, एनआरसी, एनपीआर को बताया काला कानून और बोले.... इसे वापस लेने की संसद में घोषणा करें सरकार

कार्यालय संवाददाता


जयपुर। केन्द्र सरकार ज्वलंत बांटने वाला कानून बताते हुए मुद्दों से लोगों का ध्यान बांटने का कहा कि यह कानून गैर जरूरी काम कर रही है, लेकिन ध्यान है, क्योंकि नागरिकता देने के कुछ समय के लिए ही भटकता है। लिए पहले ही प्रावधान है। सिन्हा देश की जनता समझदार है, वह ने कहा कि देश पहले से ही परिणाम देने में देर नही लगाती है। अनेक समस्याओं से जूझ रहा यह कहना है पूर्व केन्द्रीय वित्त एवं है। देश में किसान, युवाओं की विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा का। समस्याओं के साथ ही सिन्हा गुरूवार को यहां पिंकसिटी बेरोजगारी सहित अनेक प्रेस क्लब में संवाददाता सम्मेलन समस्याएं है। अशांति का माहौल को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने है, ऐसे में हम सबकी जिम्मेदारी केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए सीएए, बढ़ जाती है। वही केन्द्र सरकार एनआरसी, एनपीआर को काला को चाहिए कि वह बिना किसी कानून बताया। उन्होंने इसे वापस जाति, धर्म व भेदभाव के कार्य लेने की बात करते हुए कहा कि कर अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी केन्द्र सरकार संसद में इसे वापस निभाएं। लेने की घोषणा करें तथा देश में ज्वाइंट एक्शन फोरम के जो हिंसा हुई है, खासकर भाजपा संयोजक हाफिज मंजर अली खान शासित राज्यों में उसकी न्यायिक ने बताया कि 24 जनवरी जांच हों। शुक्रवार को सुबह 11 बजे ज्ञान सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा विहार विश्वविद्यालय में पूर्व इस सदंर्भ में दिए गए आदेश की केन्द्रिय मंत्री यशवंत सिन्हा छात्र चर्चा करते हुए कहा कि सर्वोच्च छात्राओं से रूबरू होंगे, तत्पश्चात न्यायलय इस काले कानून पर दोपहर 2 बजे गवर्नमेंट हॉस्टल रोक लगा सकती थी, किन्तु ऐसा स्थित शहीद स्मारक पहुंचकर नहीं किया और 4-5 सप्ताह के स्थानीय स्तर पर विभिन्न संगठनों लिए मुलत्वी कर दिया। कानूनी की ओर से सीएए, एनआरसी व पहलुओं के साथ-साथ सुप्रीम एनपीआर के खिलाफकिए जा रहे कोर्ट पर सामाजिक दायित्व की राजभवन मार्च को अपना समर्थन भी जिम्मेदारी है, जैसा कि केरल देने पहुचेंगे। वहीं जनसमूह के के सबरीमाला मंदिर के मामले समक्ष अपना पक्ष रखेंगे। पुनर्विचार कर निर्णय दिया। संवाददाता सम्मेलन में जेएनयू अतः देश के बिगड़ते माहौल ग्रुप ऑफइंस्टीटयूशन के निदेषक और अशांति पर अकुंश के लिएडॉ. आजम बेग, राजपूताना यूनानी सामाजिक दायित्वों का भी मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. निवर्हन किया जाना चाहिए। पूर्व जी क्यू चिश्ती, महाराष्ट्र से आए विदेश मंत्री सिन्हा ने सीएए व अजहर इकबाल, प्रषांत गवांडे एनआरसी को गैर संगठानिक आदि उपस्थित थे।


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