श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ हुआ कलश यात्रा के साथ


कार्यालय संवाददाता


जयपुर। गीजगढ़ विहार, हवा सड़क स्थित शिव मंदिर प्रांगण में बुधवार से श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ हुआगीजगढ़ विहार कॉलोनी के निवासियों की ओर से आयोजित इस श्रीमद्भागवत कथा में प्रथम दिवस के यजमानों ने गणपति व शिव की आराधना की। तत्पश्चात व्यासपीठ पर अर्चन वन्दन के साथ परम पूज्य मारुतिनन्दन जी महाराज ने सरल, सरस संगीतमयी वाणी से कथा का शुभारम्भ किया। 8 से 14 जनवरी तक चलने वाली इस कथा के पहले दिन कथाव्यास मारूतिनंदन महाराज (श्रीधाम वृंदावन) ने कहा कि भगवान की लीला अपरंपार है। वे अपनी लीलाओं के माध्यम से मनुष्य व देवताओं के धर्मानुसार आचरण करने के लिए प्रेरित करते हैं। श्रीमद्भागवत कथा के महत्व को समझाते हुए कहा कि भागवत कथा में जीवन का सार तत्व मौजूद है आवश्यकता है निर्मल मन ओर स्थिर चित्त के साथ कथा श्रवण करने की। उन्होंने अच्छे और बुरे कर्मों की परिणिति को विस्तार से समझाते हुए आत्मदेव के पुत्र धुंधकारी और गौमाता के पुत्र गोकरण के कर्मों के बारे में विस्तार से वृतांत समझाया। कुंति स्तुति, भीष्म स्तुति, राजा परीक्षित के राजदरबार में सुखदेव जी का आगमन, संधु मुक्ति का वर्णन आदि कथाओं को सुनाकर मारूतिनंदन जी महाराज ने हरिनाम कीर्तन के साथ पहले दिन की कथा को विश्राम दिया। कथा रोजाना अपराह्न 2 से 5 बजे तक होगी।


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