'तानाजी' - जी हां फिल्म ट्रेलर से भी अधिक जबरदस्त है।


क्या आप फिल्म की 3 - 4 विशेष बाते बता सकते है?
क्या जितना जबरदस्त फिल्म का ट्रेलर था फिल्म भी वैसी ही बनी है??
😊😊😊👍👍👍
स्टार रेटिंग:4/5
डायरेक्टर: ओम् राउत
शैली: हिस्टोरिकल पीरियड ड्रामा
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ओम राउत द्वारा निर्देशित और अजय देवगन, सैफ अली खान, काजोल और शरद केलकर द्वारा अभिनीत फिल्म तानाजी एक सुपर हिट फिल्म बनकर सुकून देती है। 


जबसे साउथ में बाहुबली और 2.0 जैसी फिल्में बनी है उसके बाद लोगो की बॉलीवुड से भी उम्मीदे बड़ गयी थी। बॉलीवुड निर्माता ऐसी फिल्मों के लिए भरसक प्रयास कर रहे है। ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्ता और पानीपत जैसी फिल्मों से ये उम्मीदे साकार होती नज़र नहीं आ रही थी।


लेकिन अजय देवगन लोगो की उम्मीदों पर खरे उतरते नज़र आ रहे है। जी हां अजय देवगन की फिल्म तानाजी लोगो की उम्मीदों को जगा रही है की बॉलीवुड में भी बाहुबली जैसी फिल्म बनाने की ताकत है। 


150 करोड़ की भव्य लागत से बनी 'तानाजी : द अनसंग वॉरियर का बॉक्स ऑफिस पर क्या परिणाम होगा, मैं नहीं जानता। मैं ये भी नहीं जानना चाहूंगा कि पहले दिन इस फिल्म ने कैसा प्रदर्शन किया। मैं तो उस सम्मोहन में बंध जाना चाहता हूँ, जिसे निर्देशक ओम राउत ने  क्रिएट किया है। मैं सत्रहवीं सदी में कोंढाणा की गगनचुम्बी ऊंचाई पर आधी रात हुआ मृत्यु का तांडव अनुभव करना चाहता हूँ। मैं उस आत्मीय समारोह का हिस्सा हो जाना चाहता हूँ, जिसमे शिवाजी महाराज ने स्वयं ताना जी के बलिदान के बाद उनके बेटे के विवाह की जिम्मेदारी एक पिता की तरह निभाई थी। जैसे ओम राउत ने शिवाजी राजे के कालखंड की कोई किताब मेरे सामने खोल दी है। दृश्य किसी सजीली कॉमिक बुक की तरह आ जा रहे हैं। कोंढाणा का युद्ध और स्वराज का स्वप्न जैसे पुनर्जीवित होकर मेरे सामने उपस्थित होकर प्रश्न कर रहे हैं। एक पीरियड फिल्म की सफलता इसमें ही निहित होती है कि वह दर्शक को ये महसूस करवाए कि वह किसी कालखंड की कहानी देखते-देखते उसका ही हिस्सा बन गया है। 


तानाजी फिल्म की जितनी तारीफ की जाये वो कम हो गयी। चाहे फिल्म की पटकथा हो, संवाद हो, अभिनय हो, गाने और संगीत हो या फिर फिल्म का जबरदस्त एक्शन हो फिल्म हर पैमाने पर खरी उतरती है।
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जानिए वो विशेष बाते जो आपको फिल्म देखने के लिए प्रेरित करेगी -


भारत में पिछले कुछ समय से 3डी फिल्में बनना शुरू हो गयी है और ये फिल्म भारत में अब तक की 3डी में सबसे बेहतरीन फिल्म।


फिल्म में एक्शन बहुत ही जबरदस्त स्तर का है। जिसमे 3डी का जादू चार चाँद लगाने का काम करता है।


फिल्म इतिहास के वीर योद्धा तानाजी पर बनाई गयी है और इसकी पटकथा इतनी जबरदस्त लिखी गयी है की आप बिल्कुल भी बोर नहीं होते है। फिल्म को बिल्कुल भी खींचा नहीं गया है।
फिल्म में सभी अभिनेताओं का अभिनय कमाल का है खासकर अजय देवगन का जो अभिनय के बल पर बिना एक्शन वाले दृश्यों को भी रोमांचक बनाते है।
और अब फिल्म की सबसे बड़ी ख़ास बात की और वो है क्लाइमेक्स। जी हां आखिर के 20 मिनिट का एक्शन 3डी इफ़ेक्ट के साथ रोमांचित कर देता है। फिल्म के क्लाइमेक्स को देख आपको ऐसा लगेगा जैसा 4 गुना पैसे वसूल हो गए हो।
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यह हैं कहानी (पटकथा/स्क्रीन प्ले) ---
इस फ़िल्म की कहानी 4 फरवरी 1670 में हुए महाराष्ट्र के सिन्हागढ़, जिसे तब कोणढाना के नाम से जाना जाता था, के युद्ध के बारे में है. इस युद्ध में तानाजी (अजय देवगन) और मराठा योद्धाओं ने छत्रपति शिवाजी महाराज (शरद केलकर) के लिए औरंगजेब (ल्यूक केनी) और उसके खास आदमी उदयभान राठौड़ (सैफ अली खान) के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी।


17वीं शताब्दी में शिवाजी महाराज के मित्र और दायां हाथ सुबेदार तानाजी मालसुरे (अजय देवगन) अपनी पत्नी सावित्रीबाई (काजोल) के साथ अपने बेटे की शादी की तैयारियां कर रहा है। उसे इस बात की भनक नहीं होती कि पुरंदर संधि में कोंडाणा के किले समेत 23 किले मुगल अपने नाम करवाने के बाद भी प्यासे हैं। राजमाता जीजाबाई ने कोंडाणा का किला मुगलों को सौंप तो दिया था लेकिन शपथ ली थी कि जब तक इस किले में दोबारा भगवा नहीं लहराएगा वो चैन की सांस नहीं लेंगी। दूसरी तरफ उदयभान राटौड़ (सैफ अली खान) अपनी सेना के साथ मराठा साम्राज्य को खत्म करने निकलता है।


शिवाजी अपने दोस्त और बहादुर सुबेदार तानाजी को बेटे की शादी जैसे मौके पर युद्ध की त्रासदी से दूर रखना चाहते हैं इसलिए वो इस बात को छिपाने की कोशिश करते हैं। लेकिन जब तानाजी को पता चलता है कि स्वराज और शिवाजी महाराज खतरे में हैं तो वो बेटे की शादी छोड़ उदयभान से लड़ने निकल पड़ता है। 


उदयभान भी कम साहसी नहीं है, वो जितना साहसी है उतना ही क्रूर भी है। वो विधवा रानी कमल (नेहा शर्मा) को उठा लेता है और उससे शादी करने के लिए अड़ जाता है। तानाजी को अब ना सिर्फ अपना किला वापस लेना है बल्कि कमल को भी उसकी कैद से छुड़ाना है। 


औरंगजेब पूरे हिंदुस्तान पर कब्जा करना चाहता है और शिवाजी के खास तानाजी उसे रोकने के लिए अपनी जान दांव पर लगा चुके हैं. क्या होगा उदयभान और तानाजी की लड़ाई का अंजाम? यही आप फिल्म में देखेंगे.
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अदाकारी /एक्टिंग /परफॉरमेंस--


तानाजी के किरदार में अजय देवगन ने अच्छा काम किया है. एक शातिर और निष्ठावान योद्धा जो अपने देश और शिवाजी महाराज के लिए कुछ भी कर सकता है. इस रोल को अजय देवगन ने बढ़िया निभाया है, लेकिन कहीं ना कहीं आपको उन्हें देखकर बाजीराव सिंघम की याद भी आएगी.


फिल्म में काजोल ने सावित्री बाई का किरदार निभाया है, जो तानाजी की पत्नी हैं. काजोल और अजय देवगन की जोड़ी हमेशा की तरह खूबसूरत है. काजोल जिस भी सीन में आती हैं उसे अपना बना लेती हैं ।


वहीं सैफ अली खान अपनी दमदार परफॉरमेंस से अजय को जबरदस्त टक्कर दे रहे हैं. सैफ के सामने आपका ध्यान किसी और एक्टर पर जाएगा ही नहीं। उदयभान राठौड़ के बेहद खूंखार किरदार में सैफ ने अपने अभिनय से इस कदर जान डाली है कि आप उन्हें आने वाले समय में याद करेंगे। सैफ का बेरहम अंदाज और उनकी भूखी आंखें उन्हें बाकी एक्टर्स पर भारी बनाती हैं. अजय और सैफ की टक्कर भी देखने लायक है. लेकिन इसमें भी सैफ भारी पड़ते साफ देखे जा सकते हैं. उनकी डायलॉग डिलीवरी से लेकर सनक तक सबकुछ तारीफ के काबिल है।


सैफ अली खान, काजोल और अजय देवगन के अलावा फिल्म में शरद केलकर ने शिवाजी, ल्यूक केनी ने औरंगजेब, पद्मावती राव ने जीजा बाई, देवदत्ता नागे ने सूर्याजी मालुसरे, नेहा शर्मा ने कमल ने अपने किरदारों को बखूबी निभाया है. इनके अलावा अन्य सपोर्टिंग कास्ट ने भी अपना काम बहुत अच्छे से किया है और इस फिल्म को बेहतर बनाने में योगदान दिया है.
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निर्देशन (डायरेक्शन)---


तानाजी: द अनसंग वॉरियर को डायरेक्टर ओम राउत ने बनाया है. उनका काम अच्छा है, डायरेक्शन और एडिटिंग भी अच्छी है. हालांकि, फिल्म की रफ्तार आपको फर्स्ट हाफ में काफी स्लो लगेगी. एक्टर्स की बातों में उतना दम नहीं लगता, जितनी गंभीर वो बातें कर रहे हैं. फिल्म में जानवरों का ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया गया, जिसकी वजह से VFX की मदद ली गई है. किरदारों को घुड़सवारी करते और लड़ाई करते हुए दिखाने के लिए VFX का इस्तेमाल किया गया है, जो अटपटा लगता है लेकिन इतना बुरा भी नहीं।
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एक्शन---
फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है इसके एक्शन सीक्वेंस. जंग के मैदान में उतरे मराठा और मुगलों की जंग देखने लायक है. एक्शन सीक्वेंस की कोरियोग्राफी बेहद दमदार है और यही चीज फिल्म के सेकंड हाफ को दिलचस्प बनाती है. फिल्म का सेकंड हाफ आपको अपनी सीट से जोड़े रखता है और पर्दे पर चल रही जंग आपके मन में घर कर लेती है।


इसके अलावा फिल्म की सिनेमाटोग्राफी और एडिटिंग अच्छी है. फिल्म के सेट्स की भव्यता और विजुअल्स आपको अच्छे लगेंगे. साथ ही फिल्म का म्यूजिक और बैकग्राउंड स्कोर बहुत बढ़िया है, जो फिल्म में जान डालता है।
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आपको तानाजी फिल्म जरूर देखनी चाहिए और वो भी 3डी में।


बहुत ही शानदार फ़िल्म बनी है, जिसकी अदाकारी, एक्शन और निर्देशन अद्भुत ओर लाजवाब हैं।


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