ठंड और ऑक्सीजन पाइप लाइन नहीं होने से हुई बच्चों की मौत, इलाज में खामी नहीं :जांच कमेटी


निजी संवाददाता


जयपुर/कोटा। कोटा के जेकेलोन अस्पताल में एक माह में ही 77 मौतों के मामली की जांच के लिए राज्य सरकार के स्तर पर गठित की गई उच्च स्तरीय कमेटी ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। जयपुर एसएमएस के दो विशेषज्ञ डॉक्टरों एडिशनल प्रिंसिपल डॉ. अमरजीत मेहता और शिशु रोग विशेषज्ञ प्रो. रामबाबू शर्मा की कमेटी ने इलाज में किसी तरह की खामी नहीं मानी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कड़ाके की ठंड में बच्चों को जीप या वैन में दूसरे अस्पतालों से जेके लोन लाया गया। कमेटी ने यह भी कहा है कि अस्पताल के नियो-नेटल आईसीयू में ऑक्सीजन की पाइप लाइन नहीं है। यहां सिलेंडरों से ऑक्सीजन सप्लाई की गई। ऐसे में संभवत- इन्फेक्शन बढ़ा और मौतें अधिक हुई। इस बीच, नवजातों की मौत पर दिनभर सियासत भी होती रही। मौतों की जांच के लिए भाजपा की ओर से गठित दो पूर्व चिकित्सा मंत्रियों राजेंद्र राठौड़ व कालीचरण सराफ की कमेटी जांच के लिए अस्पताल पहुंची तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें रोक और धक्कामुक्की की। पुलिस बल ने किसी तरह कार्यकर्ताओं को दूर किया। इसके बाद सराफ व राठौड ने अस्पताल का दौरा किया। बता दें कि नवजातों की मौत का मामला गर्माने के बाद सीएम ने चिकित्सा शिक्षा के सचिव वैभव गालरिया को जांच व मॉनीटरिंग के आदेश दिए थे। गालरिया शुक्रवार व शनिवार को कोटा ही रहे और हर स्तर से मौतों के कारणों और भविष्य में सुधार को लेकर निरीक्षण किया।


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