उत्तर प्रदेश : संघ का आर्मी स्कूल अप्रैल से शुरू होगा, संगठन ने कहा... राष्ट्रभक्ति पर फोकस, कोई इसे हिंदुत्व से जोड़े तो यह उसकी समस्या


एजेंसी


लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आर्मी स्कूल का पहला सत्र अप्रैल से शुरू हो जाएगा। यह संघ द्वारा संचालित अपनी तरह का पहला स्कूल हैए जहां पढ़ने वाले छात्रों को सेना में जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। संघ के एक पदाधिकारी ने कहा कि यहां शिक्षा का आधार संस्कारए संस्कृति और समरसता का भाव होगा। न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने जब उनसे सवाल किया कि क्या संस्कृति और समरसता के पाठ को हिंदुत्व की शिक्षा माना जाए तो उन्होंने जवाब दिया. हमारा फोकस राष्ट्रभक्ति पर हैए अगर कोई इसे हिंदुत्व से जोड़ता है तो यह उसकी समस्या है। संघ का यह स्कूल उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में खोला जाएगा। इसका नाम पूर्व सरसंघ चालक राजेंद्र सिंह उर्फ रज्जू भैया के नाम पर रज्जू भैया सैनिक विद्या मंदिर (आरबीएसवीएम) रखा गया है। - न्यूज एजेंसी को सूत्रों ने बताया स्कूल में सीबीएसई का पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा और यहां छठवीं से 12वीं तक शिक्षा दी जाएगी। पहला सत्र अप्रैल 2020 से शुरू होगा और इसमें 160 छात्रों के आने की उम्मीद है।


अभी यहां केवल लड़कों को शिक्षा दी जाएगी। बाद में बालिकाओं की शिक्षा के लिए दूसरी शाखा भी खोली जा सकती है। आर्मी स्कूल बुलंदशहर की शिकारपुर स्थित उस इमारत में संचालित किया जाएगाए जहां 1922 में रज्जू भैया का जन्म हुआ था। इसका संचालन संघ की सहयोगी शाखा विद्या भारती करेगीए जो देशभर में 20 हजार से ज्यादा स्कूलों को चला रही है। स्कूल के लिए पूर्व सैनिक चौधरी राजपाल सिंह ने 8 एकड़ जमीन दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस स्कूल की इमारत तीन मंजिला होगी। इसमें स्टाफ क्वार्टर के अलावाए स्टेडियम और डिस्पेंसरी भी होगी। स्कूल में 8 सीटें उन बच्चों के लिए आरक्षित रहेंगे, जिनके अभिभावक युद्ध के दौरान शहीद हुए। इसमें उन्हें आयु सीमा में भी सहूलियत मिल सकेगी। यहां शिक्षकों और छात्रों, दोनों के लिए यूनिफॉर्म होगी। छात्र हल्के नीले रंग की शर्ट और गहरे नीले रंग की पैंट पहनेंगे। शिक्षकों को सफेद शर्ट और ग्रे रंग की पैंट पहननी होगी।


कुछ दिन पहले संघ के आर्मी स्कूल की रिपोर्ट आने पर भास्कर ने संघ के सर कार्यवाह मनमोहन वैद्य से बात की थी। उन्होंने कहा था कि संघ का काम शाखा लगाना हैए स्कूल चलाना नहीं है। दूसरी बात यह कि मीडिया में जो खबरें आ रही हैं कि ऐसा पहला आर्मी स्कूल खोला जा रहा हैए यह सही नहीं है। इससे पहले भी स्वयंसेवकों ने आर्मी स्कूल खोले हैं। हाए यह उत्तर प्रदेश का पहला आर्मी स्कूल जरूर हो सकता है। रही बात आर्मी स्कूल खोलने की जरूरत की तो यदि देश की सेवा के लिए बच्चों को तैयार किया जाए तो इसमें गलत क्या है आज जरूरत है कि बच्चों को सेना में जाने के लिए शिक्षित किया जाए। उन्हें तैयार किया जाए ताकि आगे चलकर वे देश सेवा कर सकें।


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