होलिका दहन पर पूजा करने से मिलता है पितरों का आशीर्वाद--पंडित दयानंद शास्त्री
विधि विधान से होलिका का पूजन करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। होलिका पूजन से पितरों का आशीर्वाद बना रहता है। शास्त्रों की विधि से होली के पूजन के समय पितरों की पूजा पाठ करने से उनकी आत्मा को स्वर्ग में शांति मिलती है। इससे घर में सुख शांति आती है और कष्टों से छुटकारा मिलता है। होलिका दहन वाले दिन प्रातः काल में 108 मखानों की माला बनाकर मंदिर में लक्ष्मी जी को अर्पित करें। इससे आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होगी।
होली के दिन सवा किलो चावल की खीर बनाकर कुष्ठाश्रम में देने से धन प्राप्ति और समृद्धि में वृद्धि होगी। होलिका दहन के समय एक सूखे गोले में बूरा भरकर उसे जलती हुई होली की अग्नि में रख दें। होलिका दहन के बाद रात्रि में घर के पूजा स्थल पर श्री सूक्त का 11 बार पाठ करने से समृद्धि की प्राप्ति होगी। होलिका दहन वाले दिन संध्या के समय अपने घर की उत्तर दिशा में शुद्ध घी का दीपक जलाएं। यह रातभर जलता रहे ऐसा करने से घर में सुख शांति आती है।
वहीं नारद पुराण के अनुसार होलिका दहन के अगले दिन पितर पूजा के लिए सबसे बेहतर दिन है। इस दिन तर्पण-पूजा करने से सभी दोषों का निदान हो जाता है।
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