किसानों को आबादी के अनुपात में बजट आवंटित करे सरकार 


विविधताओं के सम्मान से ही मजबूत  देश बनाया जा सकता है।


भारत जोड़ो - संविधान बचाओ यात्रा की ग्यारवें दिन की शुरुआत गांधी आश्रम में हुई जहां यात्रियों की मुलाकात दलित नेता और विधायक, जिग्नेश मेवानी से हुई। 


जिग्नेश ने गुजरात मॉडल के बारे में बताते हुए कहा की यह मोदी सरकार के विफलताओं का मॉडल है। उन्होंने कहा की समाज को बांटना और पूंजीवाद लूट को बढ़ावा देना ही गुजरात मॉडल की सच्चाई है। इसका नतीजा यह हुआ कि 2002 में गुजरात के 40 प्रतिशत बच्चे कुपोषित थे, और अगर अभी के आंकड़े देखे तो अब भी 39 प्रतिशत से ज्यादा बच्चे कुपोषित है। उन्होंने यह भी बताया की गुजरात के 5000 से ज्यादा स्कूल मर्जर के नाम पर बंद होने वाले है जिसके चलते गरीब परिवारों के बच्चों को मुश्किलें आएंगी। 



करीब 12 बजे किसान नेता भारत सिंह झाला के नेतृत्व में की गई  किसान पदयात्रा गांधी आश्रम से शुरू हुई 
। समाजवादी विचार यात्रा ने किसानों की कर्ज़ा मुक्ति, लाभकारी मूल्यों की गारंटी हेतु कानून बनाये जाने,किसानों को 10000 रुपये माह पेंशन देने तथा कृषि भूमि अधिग्रहण पर रोक लगाने के मुद्दों पर किसान पदयात्रा का समर्थ किया। 


पदयात्रा के साथी अनसुया बहन के परिवार से यात्रियों की मुलाक़ात हुई। अनसुया बहन के पति ने कर्ज़ के दबाव में आकर आत्महत्या कर दी थी। अनसुया बहन के 2 बच्चे है और 2 एकड़ जमीन में खेती है। फसल का सही दाम नही मिलने पर और खेती के खर्चे लगातार बढ़ने के चलते, उनके पति को यह कदम उठाना पड़ा। अभी तक उनके परिवारों को कोई मुआवज़ा नही मिला। 


इन्ही समस्याओं का समाधान के मांग के लिए भारत भाई के नेतृत्व में यह यात्रा निकली है। भारत भाई ने बताया की गुजरात में किसानों की संख्या 1998 में 1 करोड़ 11 लाख से अभी 54 लाख आ गयी है। महाराष्ट्र, केरल जैसे राज्यों में किसान आत्महत्या के मामले में उनके परिवारों को मुआवज़ा मिलता है लेकिन गुजरात में ऐसा नही है। 


सागर रबाड़ी, खेडुत एकता मंच के अध्यक्ष ने बताया की यह पद यात्रा जो मुख्यमंत्री आवास तक जाएगी, यह मांग करती है की गुजरात के बजट में किसानों को 50 प्रतिशत हिस्सेदारी मिले और एक खेती की नीति बनाई जाए। 


बैठकों में नचिकेता देसाई, जो महादेव देसाई के पोते है, मौजूद थे। डॉ सुनीलम ने जब यह पूछा की गांधी आश्रम में पुलिस बंदूक लेकर क्यों खड़ी हुई है, तो नचिकेता जी ने बताया की यहां की पुलिस ने तो उन्हें गांधी आश्रम में 12 दिन के उपावस रखने की भी अनुमति नही दी थी। 


अहमदाबाद से निकलकर यात्रा बरोडा पहुंची जहां पी.यू.सी.एल के धीरूभाई,प्रोफेसर जे.एस बन्दूकवाला, आनंद माज़गाओंकार, इस्माइल गांधी, अमर राणा,घनश्याम पटेल और डेनियल ने यात्रा का स्वागत किया। बैठक को संबोधित करते हुए धीरूभाई ने कहा की गुजरात में मानव अधिकारों की स्थिति चिंतनीय अवस्था में पहुंच चुकी है। संविधान के प्रस्तावना का पाठ स्कूल और कॉलेजों  में किया जाना चाहिए ।डॉ सुनीलम  ने  कहा की भारतवासियों पर कोई एक संस्कृति नही थोपी जानी चाहिए क्योंकि विविध संस्कृतियां ही भारत को खूबसूरत देश बनाती है, विविधता पर हमला करने से देश कमज़ोर होता है। 


यात्रा संयोजक अरुण श्रीवास्तव ने यात्रा के बारे में बताते हुए कहा की यह यात्रा गांधी जी की 150वीं जयंती और समाजवादी आंदोलन के 85 वर्ष पूरा होने के अवसर पर और स्वतंत्रता आन्दोलन, समाजवादी आन्दोलन एवं संवैधानिक मूल्यों की स्थापना हेतु निकली है। 


 डॉ सुनीलम ने कहा की मोदी सरकार ने नोटबन्दी, जी एस टी, धारा 370 खत्म करने तथा नागरिकता संशोधन कानून लागू कर देश के विकास को बाधित किया है। डॉ सुनीलम ने कहा कि किसानों को आबादी के अनुपात में बजट आवंटित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम किसानों की आत्महत्या मुक्त भारत बनाना चाहते हैं।
पी जे जोसी ने कहा कि केरल में आम मजदूर को 750 से 1000 रुपये प्रतिदिन मजदूरी दी जाती है जबकि राजस्थान, मध्यप्रदेश ,गुजरात मे मजदूरी 200 से 300 मिल रही है।जो बहुत कम है।
लोकेश ने कहा कि यात्रा ने हमारे दृष्टि को व्यापक बनाया है ,हम देश को समझ रहे हैं।
गणेश ने कहा कि हमने अब तक यात्रा में विभिन्न  सरकारों को विरोधियोँ की आवाज़ को कुचलते देखा है। हमे संघ के असली एजेंडे को समझने में मदद मिली है। 
गोपाल डामोर ,प्रमिला ,स्वाति और अंजना में संबोधित किया।


आनद मझगाँवकर ने कहा कि  उमरगांव ,भावनगर की लड़ाइयां  जीती गई है ,डेढ लाख आदिवासीओं को पट्टे दिलाये गए है।बुलेट ट्रेन को किसानों ने रोका हुआ है।हम राजनीतिक जीत के नजदीक हैं।
समाजवादी विचार यात्रा में   पी.जे. जोसी (केरल), लोकेश भिवानी (हरियाणा), विजय हंगे, गणेश गोंदरे (महाराष्ट्र), स्वाति, प्रमिला और अंजना (उत्तराखंड), बाले भाई,गोपाल डामोर ,बालजी भाई  (मध्यप्रदेश ), रोहन गुप्ता (झारखंड) शामिल है।


उल्लेखनीय है पहले चरण की यात्रा 16 राज्यों में होकर 23 मार्च को हैदराबाद में पूरी होगी ।  दूसरा चरण 11 अप्रैल को चंपारण से शुरू होकर 17 मई को पटना में पूरा होगा, इस दौरान 10 राज्यों की यात्रा की जायेगी। तीसरा चरण 11 अक्टूबर को सिताबदियारा (बलिया) से शुरू होकर 31 अक्टूबर को नरेंद्र निकेतन, दिल्ली में समाप्त होगा। समाजवादी विचार यात्रा हेतु देशभर में 500 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। 


समाजवादी समागम एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य स्वतंत्रता आन्दोलन , समाजवादी आन्दोलन एवम संवैधानिक   मूल्यों की पुर्नस्थापना के साथ-साथ देशभर के समाजवादी, गांधीवादी, सर्वोदयी, वामपंथी, अंबेडकरवादी विचारधारा से जुड़े जन आंदोलनकारियों, मानव अधिकारवादियों, पर्यावरणवादियों एवं सभी लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखने वाले संगठनों और व्यक्तियों को स्थानीय स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से एकजुट करना है। 


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