लड़की का घर से भाग जाने का योग---पंडित दयानंद शास्त्री


आमतोर पर देखने या सुनने में आता हे की फलां की लड़की फलाने के लड़के के साथ भर में बिना किसी को बताये घर से कहीं चली गई है जिससे परिवार वालों की समाज में बड़ी बदनामी होती है। बदनामी के साथ साथ शारीरक शोषण और पैसे का नुक्सान भी होता है। 


मैरे अनुभव में बहुत से ऐसे लोग कुंडली का विश्लेषण करवाने आये जिन के साथ यह दुःखद घटना हुई। कलयुग में बने इस वातावरण का प्रभाव और नासमझी इस का कारन बनते है। तो क्या कुंडली में ऐसे कुछ योग बनते है की लड़की की विवशता हो जाती हे और उसके वश में कुछ नहीं रहता।   


मेरे अनुभव से यह योग सामने आए :----


सूर्य, मंगल और शनि का आपस में दृस्टि द्वारा या एक ही भाव में होना। सूर्य इज्जत का रखवाला, मंगल साहस को बढ़ाने वाला और शनि  दोनों का दुश्मन, जो इन पर पाप प्रभाव डालता है। 
सातवें भाव जिस को गृहस्थ का भाव माना जाता है का मालिक, नीच का हो या उस पर शनि की कुपित दृस्टि हो तो यह योग बनता है। 
शनि की गुरु ग्रह( जिस को देवताओं का गुरु माना जाता है) पर बुरी दृष्टि हो तो ऐसे योग की सभावना बनती है। 
सूर्य-शनि, गुरु-शनि, चन्द्र-शनि का कुंडली में इकठे होने से यह योग और जोर पकड़ता है खासतौर पर कब इनपर मंगल की पूर्ण दृस्टि हो। 


कुंडली में गुरु ग्रह का वक्री होना इस योग में आग पर घी  डालने का कार्य  करता है। यह एक बड़ा ही नाजुक विषय है जिसका कुंडली का पूर्ण अध्यन करने के बाद ही कोई निष्कर्ष निकालना चाहिए।


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