नकली माल से हो रही अर्थ व्यवस्था चौपट, हर साल लग रही अरबों की चपत
उपभोक्ताओं के साथ उद्योग व सरकारों को भी भारी नुकसान
जयपुर 19 फरवरी। तमाम कानूनी प्रावधानों के बावजूद देश में बड़ी संख्या में नकली माल बिक रहा है और विदेशों से तस्करी के जरिए भी गैर कानूनी सामान लाया जा रहा है। यह खुलासा करते हुए उपभोक्ता जागरूकता के लिए भारत सरकार की एम्पॉवर्ड कमेटी के सदस्य एवं भारतीय उपभोक्ता परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनन्त शर्मा ने कहा है कि इससे न केवल देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है, उपभोक्ताओं को आर्थिक क्षति पहुंच रही है, बल्कि उनकी सुरक्षा पर भी संकट पैदा हो रहा है
देश के उद्योग संगठनों के अग्रणी प्रतिनिधियों और स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठनों के प्रतिनिधियों का मानना है कि इससे एक ओर अर्थव्यवस्था को अरबों रुपयों की चपत लग रही है, ईमानदार उद्योग घाटा खा रहे हैं और सरकार को राजस्व की भारी हानि हो रही है। ये विचार अग्रणी उपभोक्ता संस्था कंज्यूमर्स एक्शन एण्ड नेटवर्क सोसायटी और फैडरेशन ऑफ इण्डियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री की कमेटी अगेंस्ट स्मगलिंग एण्ड काउंटरफिटिंग एक्टिविटीज डेस्टॉइंग दी इकोनॉमी के संयक्त तत्वावधान में आयोजित एक उपभोक्ता संवाद एवं दीप ज्योति कार्यक्रम में उभरकर सामने आए। इसमें बताया गया कि इससे देश में बेरोजगारी भी बढ़ रही है और बड़ी संख्या में युवाओं को अपने काम-धंधे से हाथ धोना पड़ रहा है।
कार्यक्रम को न्यायमूर्ति विनोद शंकर दवे, दिल्ली पुलिस के पूर्व अतिरिक्त आयुक्त एवं फिक्की कैसकेड के सलाहकार दीपचंद, केन्द्रीय उत्पाद एवं अप्रत्यक्ष कर बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष पी.सी.झा एवं राजस्थान चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री के मानद महासचिव के.एल. जैन सहित विभिन्न वक्ताओं ने संबोधित किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों ने नकली व स्मगलिंग का माल न खरीदने की शपथ भी लीउपभोक्ता संगठनों ने कड़े कानून बनाने और उनको प्रभावी रूप से क्रियान्वित किए जाने की जरुरत बताई।
बुधवार को जयपुर में यह जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक दुर्गेश माथुर ने बताया कि इस संबंध में राज्य के उपभोक्ता संगठन विभिन्न स्तर पर कार्यवाही करेंगे। उन्होंने बताया कि जयपुर में पिछले दिनों एयरपोर्ट पर जिस तरह अवैध रूप से सोना लाने वाले लोग पकड़े जा रहे हैं, वो इसकी एक बानगी है। नकली माल की बिक्री रोकने के लिए केन्स भी एक कार्ययोजना तैयार कर रहा है।
दीपचंद ने बताया कि भारत सरकार ने नकली व तस्करीकृत माल की बिक्री रोकने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। एक ओर कानूनी ढांचे को मजबूत किया है और दूसरी ओर ऐसे उत्पाद से उपभोक्ता की सुरक्षा व स्वास्थ्य को हो रहे नुकसान को रोकने की पहल की है। लेकिन इन सबके बावजूद आज भी बाजार ऐसे माल से भरा पड़ा है जिसके लिए उपभोक्ताओं को जागरूक होने व लड़ने की जरुरत है।
झा ने बताया कि नकली माल व तस्करी एक बड़ा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार' बन गया है और इससे अरबों रुपए का गैर कानूनी कारोबार खड़ा हुआ है जिसने दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने बताया कि हाल ही कराए गए अध्ययन से खुलासा हुआ है कि पांच उद्योगों टैक्सटाइल, तंबाकू उत्पाद, रेडीमेड गारमेण्ट, कैपिटल गुड्स और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर से ही इससे 2017-18 में 5 लाख लोगों के रोजगार का नुकसान हुआ है।
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