पुस्तक 'टाबर' का विमोचन


नोखा/02.02.2020 मायड़ भासा राजस्थानी में बाळ साहित्य नेमीचन्द गहलोत द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘टाबर’’ का विमोचन समारोह गांधी चैक सैन भवन में हुआ। भगवातार्च कन्हैयालाल पालीवाल ने लम्बे अन्तराल के बाद किसी पुस्तक का नोखा में विमोचन होना व नोखा में इतना भव्य आयोजन पहली बार होना बताया। 
षिक्षा एवं साहित्यकार पूर्व षिक्षा संयुक्त निदेषक वरिष्ठ सदस्य राजस्थान राज्य षिक्षा नीति समिति के ओमप्रकाष सारस्वत ने राजस्थानी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने व इस आन्दोलन में ‘‘टाबर’’ पुस्तक एक कदम साबित होना बताया। डिंगल कवि गिरधरदान रतनू दासोड़ी के अपनी ओजस्वी वाणी में डींगल छंद सुनकर उपस्थित प्रबुद्धजन भाव विभोर हो उठे। पुस्तक को मात्री भाषा नवाचार बताते हुए विज्ञान, प्रकृति परिवेषिय विषयों पर सीताराम लालस के बाद ‘‘नेमीचन्द गहलोत’’ ने भी मायड़ भाषा में स्थान देकर एक मित्थया भ्रम को तोड़ा है कि राजस्थानी में यह विषय सम्भव ही नहीं है। उन्होने पुस्तक विद्यालयों के लाईब्रेरी व प्रत्येक बालक तक पहुंचाना राजस्थानी साहित्य को एक बड़ा योगदान होना बताया। ‘टाबर’ पुस्तक को राजस्थानी भाषा के श्रेष्ठ बाल साहित्यों में से एक बताया। राजस्थानी कवियत्री मोनिका गौड़ ने राजस्थानी पुस्तक को सभी पक्षों से खरी व राजस्थान के प्रत्येक षिक्षार्थी हेतु उपयुक्त बताते हुए साहित्य जगत में स्वागत योग्य बताया। 
राजस्थान षिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के मण्डल उपाध्यक्ष ओमप्रकाष रोड़ा ने पुस्तक सामग्री को आनन्द के साथ पढने योग्य बताया। केषूराम गोदारा ढींगसरी समाज सेवी ने पुस्तक ‘टाबर’ को लेखक की सृजनषीलता का अनुपम उदाहरण बताया। इस अवसर पर बजरंगलाल कड़वासरा, जयदेव बिठू, लेखराम गोदारा, शंकरलाल चैहान, खींयाराम सैन, ओमप्रकाष बिष्नोई व अन्य सैकड़ों की संख्या में प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।


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