परिवहन मंत्री इस्तीफा दें या मुख्यमंत्री उन्हें मंत्रीमण्डल से बर्खास्त करेः कालीचरण सराफ


कार्यालय संवाददाता


जयपुर। प्रदेश के परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक कालीचरण सराफ समेत अन्य भाजपा नेताओं ने परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास इस्तीफा मांगा है।


प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता में भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने कहा कि एसीबी ने परिवहन विभाग में फैले संगठित भ्रष्टाचार को उजागर किया ।इस मामले के उजागर होने के बाद परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। अगर परिवहन मंत्री इस्तीफा नहीं देते है, तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को परिवहन मंत्री को मंत्रीमंडल से बर्खास्त करने की कार्रवाई करनी चाहिए।



एक सवाल के जवाब में पूर्व मंत्री कालीचरण ने कांग्रेस सरकार को चुनौती दी, अगर पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार वक्त कोई भ्रष्टाचार का आरोप लगा था, तो कांग्रेस सरकार जांच करवा ले।


प्रदेश भाजपा ने मांग की है कि एसीबी ने सर्विलांस पर जो कॉल लिये है, उनके नंबर और बातचीत को उजागर किया जाए। साथ ही यह बताए कि परिवहन मंत्री के दलाल जसवंत यादव के साथ संबंध है। क्या परिवहन मंत्री 8 फरवरी को जसवंद याद की बेटी में शादी समारोह में अलवर गए थेसाथ ही दलाल जसवंत यादव की गोल्ड लाइन ट्रांसपोर्ट कंपनी की 40 बसें बिना परमिट के किसकी शह पर चल रही है।


पत्रकारवार्ता में पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अरूण चतुर्वेदीजयपुर शहर जिलाध्यक्ष सुनील कोठारी, पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, विधायक अशोक लाहोटी, पूर्व जिलाध्यक्ष मोहनलाल गुप्ता, पूर्व महापौर निर्मल नाहाटा उपस्थित रहें।


मालवीय नगर भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने आज शुक्रवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित पत्रकारवार्ता में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कई सवाल पूछे है। जैसे कि परिवहन मंत्री जी के दलाल जसवंत यादव से क्या संबंध है? क्या परिवहन मंत्री 8 फरवरी को जसवंत यादव की बेटी की शादी में अलवर गये थे? दलाल जसवंत यादव की गोल्ड लाईन ट्रांसपोर्ट कम्पनी की 40 बसे बिना परमिट के किसकी शह पर चल रही थी? जयपुर जैसे प्रमुख केन्द्र पर एक सर्विलांस पर अगर दलालों के निर्देष पर मासिक बंधी देने वाले No मालवीय नगर भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने आज मुख्यालय पर आयोजित पत्रकारवार्ता में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पत्रकारवार्ता में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कई सवाल श्री महेष शर्मा को क्ज्व् का चार्ज किसके कहने पर दिया गया ? हर महीने की बंदी देने वाले ट्रांसपोर्टर को एक विषेष चिन्ह (डंता) दिया जाता था, जिस बस/ट्रक पर यह चिन्ह होता था उस वाहन को रोका नहीं जाता था। क्या किसी दलाल या अधिकारी के कहने पर इस प्रकार की कार्यवाही हो सकती है? किसके निर्देष पर यह छूट दी गई? दलालो द्वारा एकत्रित करोड़ो की राषि किसके पास पहुंचती थी ? अगर दलालों के निर्देष पर मासिक बंधी देने वाले वाहनों की जांच नहीं होती थी तो क्या विभाग में दबंग मंत्री की नहीं चलती थी, अधिकारी विभाग चलाते थे? दलाल किसके इषारे पर काम करते थे, उनके संबंध सरकार में किससे थे? परिवहन मंत्री का कहना है कि ब्ठ की कार्यवाही से त्मअमदनम ब्वससमबजपवद प्रभावित होगा। जब बिना जंग दिये गाडियां निकल रहीं थी तब मंत्री जी को सरकार के त्मअमदनम की चिंता नहीं, अब किसके लिए त्मअमदनम ब्वससमबजपवद की चिंता? दलालो/अफसरों से बरामद 1.50 करोड़ रूपये किसके पास पहुंचने थे ? परिवहन मंत्री द्वारा अभयदान देना, व ब्ठ के अधिकारियों को धमकाना क्या सरकार की भ्रष्टाचार के पोषण की नीति नीति में नहीं आता। परिवहन मंत्रालय में गत एक वर्ष में कितने स्थानान्तरण आदेष निकले और इनमें कितने अधिकारियों/कर्मचारियों का स्थानान्तरण बार-बार हुआ? जिसने पैसे पहुंचा दिये और मासिक देने की बात मान ली उसको इच्छित स्थान पर लगा दिया|


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