सीआईआई राजस्थान द्वारा राजस्थान स्टेट एनुअल सैशन 2020 और 'सैशन ऑन राजस्थानः ए लैण्ड ऑफऑप्च्यूनिटीज़ पॉर एमएसएमई एंड इंडस्ट्री पर सैशन आयोजित खद की क्षमता पर विश्वास करें उद्यमीः कलराज मिश्र


कार्यालय संवाददाता


जयपुर। सीआईआई राजस्थान द्वारा आज होटल आईटीसी राजपुताना में राजस्थान स्टेट एनुअल सैशन 2020 'सैशन ऑन राजस्थान-ए लैण्ड ऑफ ऑप्च्यूनिटीज़ फर एमएसएमई एंड इंडस्ट्री का आयोजन किया गयाकार्यक्रम के मुख्य अतिथी राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र और विशिष्ट अतिथि के रूप में राजस्थान सरकार के एनर्जी और पीएचईडी विभाग के मंत्री बी.डी. कल्ला उपस्थित थे।


राजस्थान के राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह अनुभव करना सुखद है कि एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने के लिये सरकारें काफ सक्रिय हो रही हैहालांकि अभी भी छोटे उघमियों निर्यात, मार्केटिंग, ऋणा, कोलेट्रल आदि से संबंधित कई व्यवहारिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिस पर ध्यान देना आवश्यक है। भारत में एमएसएमई सेक्टर डिफेन्स, एवियेशन से लेकर हर क्षेत्र में कार्य कर रहा है। हर उघोग के पास इस क्षेत्र द्वारा बनाये जा रहे है। उन्होने एमएसएमई प्रतिनिधियों को आह्वान करते हुये कहा कि उन्हें खुद की क्षमता पर विश्वास होना चाहिये। केवल सरकारी स्कीमों से उघोग का विकास नहीं होता है, आपको इन सरकारी योजनाओं का लाभ लेना चाहिये। नवाचार के माध्यम से ही निरंतर विकास संभव है।


राजस्थान सरकार के एनर्जी और पीएचईडी विभाग के मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुये बताया कि, "राजस्थान सरकार का उद्देश्य उद्योगों की हर संभव सहायता और सहयोग करना है। वर्तमान सरकार ने एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिये लाइसेंस प्रणाली को शिथिल कर इंस्पेक्टर राज का खात्मा कर दिया हैएमएसएमई के विकास को बढ़ावा देने के लिये 3 वर्ष तक किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। हमारा प्रयास है राज्य के विकास में उद्योगों का योगदान में वृद्धि हो।उन्होनें उदाहरण देते हुये बताया कि किस प्रकार विकसित देशों की अर्थव्यवस्था में औद्योगिक क्षेत्र का योगदान अधिक होता है, वहीं भारत में 70 प्रतिशत से अधिक निर्भरता कृषि पर है अत इस विकास के लिये इस क्षेत्र का विकास अत्यंत आवश्यक हैं। अपने उद्बोधन में उन्होंने 'कम्परेटिव कॉस्ट थ्योरी के अनुरूप कम लागत पर अधिक उत्पादन करने पर जोर दिया। इस दौरान उन्होने उद्योगों से निर्यात आधारित इकाईयों की स्थापना पर बल देने के साथ-साथ आयात वैकल्पिक उद्योग को बढ़ावा देने का आह्वान किया।


राजस्थान सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव-इंडस्ट्रीज़ डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि पिछले एक वर्ष में राज्य सरकार ने औद्योगिक विकास को लेकर बेहद क्रांतिकारी कदम उठाये है। राज्य सरकार ने अपने विविध योजनाओं से यह साबित किया है कि वह राज्य में उद्योगों के विकास के लिये कृत संकल्प है। एमएसएमई एक्ट को लागु करने के दौरान आई चुनौतियों कि जानकारी देते हुये बताया कि किस प्रकार जहां पहले 17 विभागों द्वारा 101 प्रकार के लाइसेंस प्रदान किये जाते थे, वहीं अब इस एक्ट में उद्यमी को किसी भी अनुमति की आवश्यकता नहीं है। उघमी पोर्टल पर अपने को रजिस्टर करा काम शुरू कर सकता है। श्री अग्रवाल ने बताया कि सरकार ने उद्यमियों पर विश्वास किया है जिससे कि वे लालफ्तिाशाही में न उलझकर अपने उद्योग को सफल बनाने में ध्यान दें। इस दौरान उन्होनें राजस्थान एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल, वन स्टॉप शॉप, मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना की भी जानकारी दी


रिको लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री आशुतोष ए टी पेडनेकर ने रिको द्वारा कि गई विभिन्न पहलों के बारे में विस्तार से बताया। "भूमि विकास के संदर्भ आशुतोष ए टी पेडनेकर ने बताया कि किस प्रकार रिको ने राज्य के औद्योगिक विकास की देखभाल की है। एमएसएमई सेक्टर किसी भी देश और उसकी अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। भारत में, 29 प्रतिशत जीडीपी, 40 प्रतिशत विनिर्माण और 40 प्रतिशत निर्यात एमएसएमई सेक्टर द्वारा उत्पन्न किया जाता है। इसके अलावा, यह देश में 11.10 करोड़ और राजस्थान में 27 प्रतिशत प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि राजस्थान में, इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 'थ्रस्ट इनसेंटिव्स का प्रयास किया जाता है, लेकिन हम देख सकते है कि इसकी खासियत एनसीआर रीज़न और डिविजनल हेड क्वार्टर में केंद्रित है। इस पहलू को ध्यान में रखते हुए, रिको राजस्थान में औद्योगिकीकरण के अच्छे प्रसार के लिए काम कर रहा है। श्री पेडनेकर ने आरआईबीएस पॉलीसी, वन स्टॉप पॉलीसी और औद्योगिक नीति को भी विस्तार से बताया।


सीआईआई राजस्थान के चैयरमेन श्री आनन्द मिश्रा उद्घाटन सत्र के दौरान बताया कि राजस्थान में उद्योगों को प्रचुर मात्रा में पानी की समस्या से गुजरना पड़ता है जिसके कारणवश कई उद्यमियों को अपने कारोबार बंद करने पड़े है। इसलिए उनकी सरकार से गुजारिश है कि राजस्थान में उद्योगों के लिए पानी की समस्या का जल्द से जल्द निवारण किया जाये।


सीआईआई राजस्थान के हैड व डायरेक्टर श्री नीतिन गुप्ता ने राज्य सरकार द्वारा सिंगल विंडो सिस्टम की सराहना करते हुये बताया कि इस नये वर्जन में 14 सरकारी डिपार्टमेंट के अधिकारी एक साथ बीआईपी (ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन) में बैठकर इन्वेटस को एक ही छत के नीचे सभी प्रकार के अप्रूवल प्रदान करेगें। कार्यक्रम के अंत में सीआईआई राजस्थान स्टेट काउंसिल के वाईस चैयरमेन श्री विशाल बैद ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुये बताया कि 250 से अधिक इंडस्ट्रलिस्ट, एकेडेमियां, गर्वमेन्ट प्रोफेशनल्स आदि प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया |


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