अखिल भारतीय विश्वकर्मा संगठन तमिलनाडु द्वारा जनरल मीटिंग का आयोजन


पुदुकोत्तई- 8 मार्च, अखिल भारतीय विश्वकर्मा संगठन तमिलनाडु द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी जनरल मीटिंग का आयोजन किया गया



कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पुदुक्कोत्तई के श्रीमहाराजाधिराज 1008 नरेश श्री वी.आर. कार्तिक थोंडाइमैन, श्री मोहनाचारी नई दिल्ली पूर्व राष्ट्रीय जनरल महासचिव ABVM, श्री कालूरामजी लोहार राजस्थान राष्ट्रीय महासचिव ABVSM, विशेष अतिथि श्रीमान एन. कृष्णमूर्ति मुंबई, एस. ए.राजामहालिंगम, वेणु महादेव विजयवाड़ा, एस. एन.अयप्पन त्रिची, के. मूर्ति, एस. थिरुपाटी राजन मदुरई, आर. रामामूर्ति बेंगलुरु, एस.के. शिवकुमार सतपथी चेन्नई, एम. मरूधा राजा गणेश अतिथियों एवं कार्यक्रम आयोजक व संस्था के अध्यक्ष श्री चेनजी ए. कुमार आचारी, महासचिव ई माणिक वेलु, उपाध्यक्ष टी. विरा पथराचारी, कोषाध्यक्ष आर. शिवकुमार, एन.एस. रमेश वील्लीपुरम, के. वेंकटाटेशन, जी. सुगूमार पांडिचेरी, के.पी. शिवनेशन, एम.के. सैंथिलकुमार, वी.जगदीशन, डी. जगदीशन, एम.एस आनंद आदि पदाधिकारी द्वारा कार्यक्रम का विश्कर्माजी की तस्वीर पर दीप प्राकट्य कर उद्घाटन किया



   मुख्य मेहमानों का साल व मोमेंटो द्वारा स्वागत किया गया
   कार्यक्रम में उपस्थित समाज के कई प्रशासनिक सेवा से जुड़े अधिकारी व समाजसेवी व समाज के प्रमुख सैकड़ों लोग सम्मिलित हुए
       अखिल भारतीय शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय महासचिव श्री कालूराम लोहार ने आज देश में विश्वकर्मा वंश परंपरागत कारीगर समाज (लुहार, सुथार, कंसारा, सोमपुरा, कुम्हार, सोनी) के साथ हिंदुस्तान की राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा इस देश में कारीगर समाज के लिए कोई मंच या संगठन नहीं है कोई आयोग नहीं है ,कोई निगम नहीं है, कोई मंत्रालय नहीं है, कोई बैंक नहीं, कोई राज्य  के इंडस्ट्रीज में छोटे-छोटे वर्कशॉप के लिए शेड नहीं, बच्चों के शिक्षा व रोजगार के लिए सरकार द्वारा इस समाज के लिए कोई कार्यक्रम नहीं है
       सरकारों द्वारा सभी योजना किसानों   उद्योगपतियों  पशुपालको , आदिवासियों, दलितों, अल्पसंख्यक, राजनीति में  प्रभावशाली अन्य जाति के विकास के लिए योजनाएं बनाई जाती है
  हिंदुस्तान आजाद हुए 70 साल होने के बावजूद इस कारीगर समाज की अनदेखी हो रही है
     कालूरामजी ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा और उनके वंशजो का आदिकाल से ही देश और दुनिया के विकास, राजा रजवाड़ों के किले, बड़े बड़े मंदिर, राजा रजवाड़ों के समय हथियार  इस कृषि प्रधान देश में औजार एवं जीवन यापन के लिए रोजी के औजार तथा तकनीकी एवं इंजीनियरिंग के निर्माण क्षेत्र तथा देश के राजनीति क्षेत्र में बडा योगदान रहा  है। देश का विकास और निर्माण विश्वकर्मा समाज से ही प्रारम्भ हुआ था। अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन लोहार और भारत के राष्ट्रपति ज्ञानी जैलसिंहजी विश्वकर्मावंश में पैदा होकर विश्वकर्मा समाज के नाम को आगे बढाया। मगर आज विश्वकर्मा समाज की राजनैतिक भागीदारी शून्य है। देश की लोकसभा,  विधानसभा और सरकार मे विश्वकर्मा समाज के विधायक सांसद व मंन्त्री नहीं हैं जिसके कारण विश्वकर्मा समाज की बात लोकसभा और विधानसभा में नहीं उठायी जाती। सरकारे हमारी समस्याओं की तरफ ध्यान नही देती और न हमारे विकास के लिये योजनाएं और कानून बनाती हैं। इसलिये आज हम विकास की दौड मे सबसे पीछे रह गये हैं। हमारी हैसियत एक  निर्माणकर्ता से मजदूर बनकर रह गयी।
      पूरे देश में क्षेत्रीय पार्टी द्वारा विधायक और मंत्री बनाए और सत्ता वह सरकार में भागीदारी जगह दी आखिर राष्ट्रीय पार्टीया की  सरकारें कब तक विश्वकर्मा समाज की उपेक्षा करती रहेगी। हमारी मांग है कि सरकार विश्वकर्मा समाज को उनकी जनसंख्या के अनुरूप लोकसभा,राज्यसभा, विधानसभा और सरकार में भागीदारी और हिस्सेदारी सुनिश्चित करे।केन्द्र सरकार 17 सितम्बर भगवान विश्वकर्मा पूजा दिवस पर राष्ट्रीय सार्वजनिक अवकाश घोषित करे। केन्द्र सरकार कारीगरो की उन्नति के लिये विश्वकर्मा कारीगर आयोग, कारीगर मंत्रालय, कारीगर विकास बोर्ड, का गठन करे। सरकार विश्वकर्मा टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय, विश्वकर्मा छात्रावास  का निर्माण कराये। सरकार  सरकारी संस्थाओं एवं कॉरपोरेट जगत की इकाइयों में एवं भवन निर्माण कंपनियों  में वंश परंपरागत कारीगर समाज का इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी, मैकेनिकल,  कारीगर संबंधी कुछ प्रतिशत आरक्षित हिस्सा सुनिश्चित करें l सभी विश्वकर्मा बन्धुओ से अपील है कि वे विश्वकर्मा समाज के अधिकार सम्मान और गौरव को बचाने के लिये पूरे देश वह राज्य में विश्वकर्मा समाज एकजुट होकर बडी सामाजिक ताकत और राजनैतिक ताकत बनाये और अपने अधिकार व सम्मान को पाने के लिये स्वंय आगे आकर पूरे देश में एक विश्वकर्मा समाज का फेडरेशन बनाकर  जन जागृति व चिंतन शिविर के द्वारा सामाजिक परिवर्तन ला कर सरकार के सामने अपनी मांगों को  रखकर समाज को राजनीतिक,सामाजिक सरक्षक के द्वारा विकास की मुख्यधारा में जोड़ने का काम करें 
 मुख्य अतिथि व संस्था के पदाधिकारी व अन्य जिलों के पदाधिकारी व वकील व डॉक्टरों बुद्धिजीवियों ने शिक्षा, राजनीति व समाज के बारे में विचार व्यक्त किए साथ ही महिलाओं को सिलाई मशीन वितरण किए
      इस कार्यक्रम में राजस्थान के प्रवासी नागराज लोहार, केसाराम लोहार, मुकेश कुमार, वर्दीचंदजी सोनी, पुखराज सोनी, गणपतलाल सुथार, उपस्थित  रहकर मुख्य अतिथि एवं अध्यक्ष व महासचिव का सम्मान किया


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